फर्जी कंपनी बना कर जीएसटी चोरी करने वालों पर कार्रवाई
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। स्टील, मशीनरी के नाम से फर्म बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले 100 से अधिक संस्थानों पर जीएसटी विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि टाटीबंध, उरला, कबीरनगर सहित विभिन्ना क्षेत्रों में ये फर्म कागजों में चलाए जा रहे थे। जब जीएसटी के अधिकारी जांच में गए तो वहां कोई फर्म मिला ही नहीं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस तरह फर्जी तरीके से कारोबार कर जीएसटी चोरी करने वाले फर्मों का रजिस्ट्रेशन रद कर दिया गया है। बीते आठ महीने के दौरान जीएसटी विभाग ने इन फर्जी फर्मों पर कार्रवाई की है। सेंट्रल जीएसटी के अपर आयुक्त श्रवण कुमार बंसल ने बताया कि बड़े टैक्स चोरों के खिलाफ जीएसटी की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। किसी भी टैक्स चोर को बख्शा नहीं जाएगा। फर्जी कंपनियों व टैक्स चोरों पर यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। बताया जा रहा है कि फर्जी कंपनियों द्वारा फर्जी कंपनियों के जो मोबाइल नंबर डाले जाते थे, वे बंद बताते थे। कुछ फर्जी फर्मों में तो यह भी पाया गया कि वे दूसरों के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर कंपनी चला रहे हैं। जांच में पता चला कि इन फर्जी फर्मों द्वारा करोड़ों का आइटीसी भी दिया जा रहा था।
150 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ाई
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभाग ने टैक्स चोरों से 150 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी है। टैक्स चोरों पर कार्रवाई भी लगातार जारी है। विभाग का कहना है कि किसी भी टैक्स चोर को बख्शा नहीं जाएगा।प्रदेश में बीते छह वर्षों में केंद्रीय जीएसटी द्वारा लगभग 55 हजार करोड़ से ज्यादा का जीएसटी कलेक्शन प्राप्त किया गया है। जीएसटी कलेक्शन में साल-दर-साल बढ़ोतरी होती जा रही है। केंद्रीय जीएसटी के साथ ही राज्य जीएसटी द्वारा भी जीएसटी चोरों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है और किसी को बख्शा नहीं जा रहा है।
फर्जी फाइनेंस कंपनी में पुलिस का छापा, 3 लोग गिरफ्तार
आसान किस्तों में लोन दिलाने के नाम पर 300 लोगों से करीब 8 लाख रुपए की ठगी करने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सुपेला थाना क्षेत्र की स्मृति नगर पुलिस ने संतोषी पारा निवासी सुशील साहू की शिकायत पर यह कार्रवाई की। पुलिस ने बताया कि तीन लोग उनके जैसे 300 लोगों को आसान ब्याज दर पर 50 हजार से लेकर 1 लाख रु. तक का पर्सनल और ग्रुप लोन दिलाने का हवाला देकर 2000 से 6000 रु. जमा करा लिए थे।
इसके लिए सबने फिन आर्बिट फायनेंस सर्विसेस नाम से 411 चौहान पार्क व्यू कोहका रोड जुनवानी में कार्यालय खोला। सुशील की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने इस कथित फायनेंस कंपनी के कार्यालय में छापा मारा तो तीन लोग मिल गए। तीनों ने स्वयं को बताई जा रही कंपनी का संचालक बताया। ऐसे में पुलिस तीनों को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर ली। पकड़े गए आरोपियों में धर्मकुंज कॉलोनी बेटमा इंदौरा का जितेन्द्र सिंह पिता मुल्लू सिंह, प्रीतमपुर धार का योगेंद्र पिता रविंद्र और बेटमा निवासी रोहित शामिल है।