सरगुजा। संभाग में हर रोज 100 से अधिक लोगों के खिलाफ धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई होती है, पर ज़ब आरोपियों को तहसीलदार या एसडीएम कोर्ट में पेश किया जाता है,तो वहां जमानत देने के नाम पर कर्मचारी एक हजार से 10 हजार तक की वसूल रहे जबकि धारा 151 के तहत आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में जमानत देने का आदेश दिया है, लेकिन यहां रिश्वत नहीं मिलने पर जमानतदार होने के बाद बाबू जमानतदार नहीं होकर लौटा देते हैं।
ऐसा ही एक मामला सूरजपुर जिले के पिलखा तहसील में सामने आया है, जहां अगस्त माह में कनकपुर निवासी मुकेश साहू के खिलाफ पुलिस ने धारा 151 के तहत कार्यवाही की और उसे तहसीलदार के कोर्ट से जेल भेज दिया गया। उसके बाद हर 12-15 दिन में पेशी की तारीख दी जाती थी और हर पेशी में महिला लिपिक 200 रुपए लेती थी। 10 अक्टूबर को मुकेश से 15 सौ रुपए मांगा गया और पेशी खत्म करने की बात कही गई। मुकेश ने 15 सौ रुपए देते समय का वीडियो बना लिया और पेशी खत्म हो गई तो उसे वायरल कर दिया।