छत्तीसगढ़

वास्तविक कहानी: नारायणपुर घटना में घायल होने के बावजूद एसपी लगातार ग्रामीणों को देते रहे समझाइश

Nilmani Pal
18 Jan 2023 3:43 AM GMT
वास्तविक कहानी: नारायणपुर घटना में घायल होने के बावजूद एसपी लगातार ग्रामीणों को देते रहे समझाइश
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नारायणपुर। ग्राम गोर्रा में दो पक्षों के विवाद से जिस तरह का तनावग्रस्त माहौल बना और जिस संयम के साथ पूरे पुलिस महकमे ने पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के नेतृत्व स्थिति को सम्हाला वह काबिले तारीफ है। हिंसा के लिए उग्र भीड़ को पुलिस अधीक्षक के खून की कुछ बूंदों ने कैसे शांत कर दिया यह एक मिसाल बन गई है नारायणपुर अबूझमाड़ सहित छत्तीसगढ़ के लिए पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने अपने द्वारा लिए गए शपथ जिसमें परित्राणाय साधुानाम (सज्जन पुरुषों के कल्याण ेएवं सुरक्षा के लिए सदैव आगे रहना) को अपनी जान की चिंता न करते हुए लोगों की जान माल की सुरक्षा कर लिए गए शपथ को बखूबी निभाया। नारायणपुर में घटी हिंसात्मक घटना में पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने जिस संयम का परिचय दिया वह बेहतरीन पुलिसिंग का एक उदाहरण बन गया है। स्थितियां कुछ भी हो सकती थी जिस तरह से हथियारबंद भीड़ उग्र हो रही थी उससे एक बात जो स्पष्टत: दिखाई पड़ रही है कि अदृश्य तत्वों द्वारा ऐसी घटना को अंजाम देने की कोशिश की जा रही थी जिससे पुलिस प्रशासन और साथ ही साथ स्थानीय क्षेत्र की संवेदनशीलता को भंग कर अशांति फैलाने की अशंका दिखाई दे रही थी, इसका असर विशेष क्षेत्र के साथ-साथ पूरे प्रदेश में भी दिखाई देता लेकिन पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार की सूझबूझ तथा धैर्य पूर्वक किए गए कार्य ने उन लोगों के इस कुत्सित इरादों को नाकाम कर दिया।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2023 को ग्राम गोर्रा में दो पक्षों के बीच आपसी विवाद हुआ जिस पर पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। उसी के फलस्वरूप आदिवासी समुदाय के द्वारा आपस में बातचीत कर दिनांक 02 जनवरी 2023 बखरुपारा बाजार स्थल नारायणपुर में सामुदायिक मीटिंग की सूचना सामाजिक व्यक्ति के रूप में रूपसाय सलाम और नारायण मरकाम द्वारा दी गईं।

आयोजनकर्ताओं ने दिया था शांतिपूर्ण मीटिंग का आश्वासन

मीटिंग की जानकारी देर शाम मिलते ही पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि सामुदायिक मीटिंग द्वारा जो सामाजिक व्यक्तियों द्वारा ली जा रही है उसे शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत कर मामले को सुलझाएं। पुलिस अधीक्षक नारायणपुर द्वारा मीटिंग शांतिपूर्ण सम्पन्न हो उस हेतु जिला विशेष शाखा से पुलिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। प्रात: 10 बजे कलेक्टर नारायणपुर के कार्यालय में आयोजक रूपसाय सलाम, नारायण मरकाम एवं उनके साथ उपस्थित मंगड़ू नुरेटी एवं अन्य लोग के साथ कलेक्टर नारायणपुर अजीत बसंत की अध्यक्षता में सदानंद कुमार पुलिस अधीक्षक नारायणपुर एवं एडीएम अभिषेक गुप्ता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, हेमसागर सिदार की उपस्थिति में मीटिंग सम्पन्न हुई। जिसमें कलेक्टर नारायणपुर एवं पुलिस अधीक्षक नारायणपुर द्वारा आयोजको से शांतिपूर्ण, संयमित, अनुशासित रूप से बैठक करने को कहा गया जिसमें किसी भी प्रकार से अशांति न हो एवं किसी भी प्रकार से विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो । आयोजक नारायण मरकाम एवं रूपसाय सलाम द्वारा आश्वासन दिया गया कि यह हमारा सामाजिक बैठक है इसमें हम लोग सामाजिक बातों पर चर्चा करेंगे एवं चर्चा उपरांत अपनी मांग को लेकर एक ज्ञापन सौप देंगे और पुन: हम लोग वापस चले जायेंगे। इसमें किसी भी प्रकार की अव्यवस्था, अशांति नही होगी अगर होगी तो उसके लिए हम सभी लोग जिम्मेदार होंगे।

भड़काऊ भाषण के बाद बिगड़ा माहौल

उक्त आयोजन में आयोजन स्थल बखरुपारा में लगभग 12 बजे तक थाना बेनूर, एड़का नारायणपुर जिले एवं साथ ही कोंडागांव एवं कांकेर के सीमावर्ती जिले से लगभग 1500 के आसपास वहां काफी लोग उक्त लोग शामिल हो गए थे। 12: 30 बजे तक लोगों की संख्या लगभग 2000 से 3000 हजार के आसपास हो गई। भीड़ में कुछ लोग अपने हाथों में लाठी, डंडे, कुल्हाड़ी, लोहे की पाइप, हथौड़े, तीर-कमान, फरसा आदि लेकर आये थे।

आयोजन के दौरान सामाजिक प्रमुखों के द्वारा भाषण देना प्रारंभ हुआ उन्हीं में से कुछ लोगोंने भड़काऊ भाषण देना आरंभ कर दिया और यह कहने लगे कि सड़क को जाम करना है ईसाई धर्म में परिवर्तित लोगों को वापस लाना है एवं रोमन कैथोलिक चर्च (प्रार्थना स्थल) को तोडऩा है उसके साथ ही हर स्थिति में हम सभी को मिलकर अपना वर्चस्व दिखाना है भाषण के दौरान भीड़ उत्तेजित हो गई और उसके बाद भीड़ नेतृत्व विहीन हो गई लोगों द्वारा एड़का चौक पर तत्काल चक्का जाम की स्थिति निर्मित कर दिया तथा एक हिस्सा बखरुपारा बाजार स्थल में रही और भीड़ का तीसरा हिस्सा जो कि आक्रमक एवं एकजुट होकर रोमन कैथोलिक चर्च की ओर बढऩे लगा, पुलिस द्वारा भीड़ को रोकने का हर संभव प्रयास किया गया लेकिन भीड़ की उग्रता बहुत ही अधिक थी।

विश्वदीप्ती हाई स्कूल प्रांगण में स्थित प्रार्थना स्थल बंगलापारा में भीड़ पहुंच गई पूर्व से ड्यूटी पर तैनात जवानों के द्वारा रोकने का जब प्रयास किया गया तो उस पर पथराव करने लगी और भीड़ प्रार्थना स्थल के मुख्य द्वार को तोड़कर प्रवेश कर गई, जिसकी सूचना प्रभारी कोतवाली नारायणपुर तोपसिंह नौरंग द्वारा पुलिस अधीक्षक नारायणपुर को मोबाईल के माध्यम से दिया गया। उन्होंने ये भी बताया गया कि विश्वदीप्ती हाई स्कूल में स्थित प्रार्थना स्थल (चर्च) में सभी क्लास चल रही है। उसके बाद पुलिस अधीक्षक के साथ कुछ अभिभावकों के भी फोन आये कि साहब हमारे बच्चों को उपद्रवियों से बचा लीजिए कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा हमला कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक द्वारा पुन: थाना प्रभारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उपद्रवियों द्वारा नर्सरी क्लास रूम का शीशा तोड़ दिया गया है एवं शिक्षकों की पिटाई कर रहे हैं। इस पर पुलिस अधीक्षक ने आदेश दिया कि स्कूल की ओर उपद्रवियों को जाने से शांतिपूर्ण तरीके से रोकने का प्रयास करे मैं कार्यालय से तत्काल स्कूल पहुंच रहा हूँ।

बच्चों एवं शिक्षकों को सुरक्षित बाहर निकाला

पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने घटना स्थल पहुंचकर स्वयं पुलिस पार्टी के साथ सर्वप्रथम भीड़ को स्कूल की तरफ से जाने से रोका और भीड़ को स्कूल एवं प्रार्थना स्थल से हटाना आरंभ किया। पुलिस अधीक्षक द्वारा स्कूल के बच्चों, शिक्षकों की ढाल बनाकर सभी बच्चों (1200 लगभग) तथा शिक्षकों को तत्काल खेल के मैदान में भेजा गया। वे सभी बच्चों को सुरक्षित निकालने में लगे रहे बच्चों को स्कूल से सुरक्षित खेल मैदान में निकाला एवं सभी बच्चों को बिना किसी नुकसान के सुरक्षित रखा गया। लगभग 1000 से 1200 बच्चों, शिक्षकों एवं अभिपालकों को बिना जान-माल नुकसान के सुरक्षित निकाला लिया गया। डरे सहमे बच्चे शिक्षक के अभिभावक भी घटना स्थल पर पहुंच गए थे उन्होंने अपने बच्चों सुरक्षित देखकर राहत की सांस ली एवं पुलिस की सहायता से अपने घर सुरक्षित लेकर जाने लगे।

प्रार्थना स्थल चर्च में तोडफ़ोड़ कर रहे असामाजिक तत्वों को भी पुलिस अधीक्षक एवं उनकी टीम द्वारा बिना किसी बल प्रयोग के उपद्रवियों को वहां से बाहर निकाला गया।

उपद्रवियों द्वारा पुलिस पर जानलेवा हमला

उपद्रवियों द्वारा पुलिस के ऊपर हमला करना आरंभ कर दिया गया, उन्हें बार-बार शांतिपूर्वक समझाया जा रहा था कि सभी बाहर जाए, उसी समय पुलिस अधीक्षक के ऊपर उपद्रवियों द्वारा हाथ में रखे लोहे के पाइप से सिर पर जानलेवा हमला कर दिया गया और पुलिस अधीक्षक महोदय बुरी तरह से जख्मी होकर लहूलुहान हो गये। फिर भी बिना बल प्रयोग के समझाइश देते हुए उपद्रवियों को हटाते रहे। खून से लतपथ और शरीर पर बहते हुए खून देखकर भी पुलिस अधीक्षक महोदय विचलित नही हुए, और अपने धैर्य, संयम को काबू में रखकर साहस का परिचय देते हुए अपने साथ के जवानों का मनोबल कमजोर न हो उसी व्यवस्था में अदम्य साहस, संयम और धैर्यता के साथ उपद्रवियों को हटाने एवं स्थिति पर काबू पाने में लगे रहे।

लहूलुहान होने के बावजूद पुलिस जवानों को बचाने में लगे रहे

पुलिस अधीक्षक पर जानलेवा हमला होने से सिर से लगातार खून निकल रहा था, उसी समय उपद्रवियों के द्वारा थाना प्रभारी नारायणपुर तोपसिंह नौरंग को जमीन में गिराकर जानलेवा हमला किया गया, जब बचाओ सर, बचाओ सर की आवाज सुने और देखा कि थाना प्रभारी को उपद्रवियों के द्वारा एकजुट होकर जमीन पर गिरा दिया गया और जान से मारने ही वाले थे उसी समय पुलिस अधीक्षक गंभीर रूप से घायल होने के पश्चात भी बिना अपनी जान की फिक्र करते हए उपद्रवियों से घिरे हुए थाना प्रभारी को बचाते हुए मारने वाले कि ओर दौड़कर सुरक्षित किया। आरक्षक रविन्द्र यादव पर भी भीड़ द्वारा जान से मारने की नियत से उसके ऊपर हमला किया गया, जिसमें वह घायल हो चुके थे, उन्हें भी पुलिस अधीक्षक ने उपद्रवियों के चंगुल से सुरक्षित निकाला एवं बिगड़ती हई स्थिति को नियंत्रण में किया। घायल होने के उपरांत भी पुलिस अधीक्षक ने उपचार की परवाह न करते हुए घटनास्थल पर मौजदू रहे ताकि और कोई अनहोनी न हो तथा प्रार्थना स्थल एवं स्कूल को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुचाया जा सके।

धैर्य का परिचय देते हुए आम जनता की सुरक्षा का ध्यान रखा

पुलिस अधीक्षक उपद्रवियों के इस विकराल रूप को देखते हए बड़े बल का प्रयोग निर्णय लिया जा सकता था व किसी भी पुलिस अधिकारी के द्वारा अपना संतुलन धैर्य खोकर उपद्रवियों के ऊपर बल प्रयोग किया जा सकता था परंतु पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार द्वारा ऐसा निर्णय नहीं लिया गया । इस प्रकार एक बहुत बड़ी खूनी संघर्ष को विराम देने के प्रयास में कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में स्वयं को संयमित रखकर धैर्य न खोकर अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय देकर समाज व आम जनता की सुरक्षा दिया। जिससे स्थिति बिगडऩे के बजाय शनै: शनै: शांत होती गई। मामला यदि संघर्षमय होता तो इसका असर सीधे सीधे शासन-प्रशासन और सरकार पर भी पड़ता। पुलिस की संवेदनशीलता की पूरे प्रदेश में भूरि भूरि प्रशंसा की जा रही है।

मामले को शांत करने के बाद ही करवाया उपचार

उपद्रवियों के द्वारा निर्मित की गई स्थिति को शांत करवाने के पश्चात ही पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा जिला चिकित्सालय पहुंच कर अपना इलाज प्रारंभ करवाया तथा पल-पल की स्थिति की जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व कंट्रोल रूम एवं आम जनता से लेते रहे और स्थिति पर अपनी पैनी नजर रखे रहे। घटना दिनांक तक माहौल स्थिति पूर्ण रूप से शांतिपूर्ण बनी हुई है।

आम जनता ने पुलिस का माना आभार

मामले को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने साथ ही जान और माल की सुरक्षित करने को लेकर नारायणपुर क्षेत्र की जनता तथा साथ ही साथ विश्वदीप्ति स्कूल के शिक्षकों, विद्यार्थियों के साथ साथ अभिभावकों ने भी आभार माना और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

बस्तर आईजी पी सुंदरराज

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में धर्मांतरण को लेकर बीते कुछ दिनों से बवाल मचा हुआ है और नारायणपुर में पिछले कुछ दिनों से तनावपूर्ण स्थिति का माहौल बना हुआ है. इस वजह से प्रशासन ने पूरे जिले में हाई अलर्ट जारी किया है और बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती भी की है. वहीं बस्तर के आईजी ने जिले में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है. वहीं सोशल मीडिया में धर्मांतरण को लेकर भ्रामक पोस्ट डालने वालों पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं.

विवाद के बाद स्थिति अभी कंट्रोल में- बस्तर आईजी

बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि नारायणपुर में हुए विवाद के बाद अब स्थिति पुलिस के कंट्रोल में है और आम जन जीवन भी सामान्य हो गया है, हालांकि अभी भी बड़ी संख्या में अंदरूनी गांव में पुलिस जवानों की तैनाती की गई है और अधिकारियों को भी इस मामले में खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं उन्होंने बताया कि नारायणपुर के अलावा कांकेर, कोंडागांव, सुकमा बीजापुर और बस्तर में भी एसपी-कलेक्टर को अपने-अपने जिलों में शांति व्यवस्था बनाए रखने और किसी तरह का माहौल बिगडऩे नहीं देने के निर्देश दिए गए हैं.

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