नारकोटिक्स सेल कर रही छिटपुट कार्रवाई
कालीबाड़ी, आकाशवाणी, सिविल लाइन, बैरनबाजार व पंडरी में धड़ल्ले से चल रहा कारोबार
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। जब से नारकोटिक्स सेल का गठन हुआ है पुलिस गांजे की बड़ी-बड़ी खेप और अंतर्राज्यीय तस्करों को पकड़ रही है। रायपुर सहित पूरे छग में नशे के कारोबार को स्थापित करने वाले रवि साहू और आसिफ पुलिस के कार्रवाई से बेखौफ हैं। छुटभैय्ये नेताओं से नजदीकी के कारण पुलिस भी कार्रवाई करने में पीछे रहती है। नारकॉटिक्स सेल बनने के बाद ऐसा महसुस हो रहा था कि नशे की कारोबारी सरेंडऱ हो जाएंगे लेकिन छोटी मछली को ही पकड़ा जा रहा है, बड़ी मछलियों पर पुलिस हाथ ड़ालने से कोसो दूर है। रवि-आसिफ जैसे गांजा-शराब और सट्टा के बड़े कारोबारियों को पुलिस गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठा रही है। इतना ही नहीं इनके नाम भी पुराने बदमाशों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। राजनीतिक और पुलिस के पुराने अधिकारियों व थानेदारों के संरक्षण के चलते ये कभी क्रिमिनल्स के लिस्ट में शामिल नहीं हुए। नतीजा वर्तमान अधिकारी और संबंधित थानों के टीआई को इनके काले कारनामों की जानकारी ही नहीं है। मुखबीरों से मिली सूचनाओं के आधार पर हुई कार्रवाई में उनके गुर्गे ही पुलिस के हत्थे चढ़ रहे हैं। भाजपा शासन काल में भी इन गेंगस्टर्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई वहीं वर्तमान सरकार के दौरान भी उनके धंधे बेेरोकटोक जारी है।
गली-गली नशा-सट्टा का कारोबार : पुलिस की पकड़ से बचे रहने के चलते इनका हौसला इतना बुलंद है कि इनके नशा और सट्टा का कारोबार शहर के हर गली मोहल्लों तक पहुंच गया है। रवि साहू और आसिफ को अंतर्राज्यीय तस्करों से तगड़ा कनेक्शन होने के कारण शहर से बाहर गए बगैर गांजे-शराब की खेप मिलते रहती है जिसे वे अपने पैडलर्स के माध्यम से ग्राहकों को सप्लाई करते हैं।
कालीबाड़ी और नेहरूनगर से इनका धंधा चलता है और शहर हर तरफ छोटे मोहल्लों से लेकर पौश कालोनियों तक इनके गुर्गे सक्रिय हैं। रामकुंड, रामनगर, कोटा, सन्यासी पारा, पंडरी, संजयनगर, टिकरापारा जैसे इलाकों इनके पैडलर्स महिलाओं-बच्चों से भी जबरन गांजे की सप्लाई ग्राहकों को करवाते हैं। राजधानी में रवि और आसिफ का गैंग सालों से मादक पदार्थों की तस्करी और धंधे में सक्रिय है लेकिन इन पर आजतक अंकुश नहीं लगा है। राजधानी में नारकोटिस्क सेल गठन होने के बाद एसएसपी के नेतृत्व में लगातार कार्रवाई हो रही है, लेकिन पुलिस गुर्गों को ही पकड़ रही है। बड़े गैंगस्टर्स तक पुलिस पहुंच ही नहीं पा रही है।
पुलिस के भी संज्ञान में है कि राजधानी में किसके इशारे पर अवैध कारोबार का साम्राज्य संचालित हो रहा है। छोटे-मोटे पुडिय़ाबाजों पर पुलिस शिकंजा कस रही है, लेकिन उनके आकाओं को कैसे बख्श रही है या उनके ठिकानों तक कैसे नहीं पहुंच पा रही है यह सोचने वाली बात है। नारकोटिस्क सेल के गठन के बाद धरपकड़ तेज हुई है, लेकिन तस्करों के सेहत पर इसका कोई असर अभी तक दिखाई नहीं दे रहा है। वे बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे है। शहर से लेकर गांवों तक सट्टा नेटवकर्: खाईवालों ने भी गांव व शहर में अपना-अपना जोन बंटा हुआ है।
एक दूसरे के जोन में कोई दखल नहीं देता है। कई इलाकों में तो पुलिसकर्मियों की सांठगांठ से यह कारोबार जोरों पर चल रहा है। कई सटोरिये ऐसे भी हैं जिन्होंने पुलिस की नजरों से बचने के लिए नामी गिरामी होटलों और पॉश कॉलोनियों में अपने ठिकाने बना लिए हैं। ये सटोरिये अपनी हिफाजत के लिए आम ग्राहकों के बाजए कुछ चुनिंदा लोगों के ही दांव बुक कर रहे हैं। नए ग्राहकों की एंट्री पुराने ग्राहकों की गारंटी के बाद ही हो रही है। सटोरियों ने ग्राहकों और खुद के नंबरों को अपने मोबाइल फोन पर फीड किया हुआ है। नए नंबरों को वो रिसीव तक नहीं कर रहे हैं ताकि गोपनीयता बरकरार रहे।
बाइक में घूम-घूम कर चरस बेचते दो आरोपी गिरफ्तार
राजधानी में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान बुधवार को पुलिस को सफलता मिली है। बाइक में घूम-घूमकर चरस बेचने वाले दो आरोपित हत्थे चढ़े हैं। इनके पास से 32 ग्राम चरस के साथ वारदात में इस्तेमाल बाइक और मोबाइल भी जब्त किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चरस बेचने के लिए वे ग्राहक तलाश रहे थे। मामले में आरोपियों के खिलाफ 21(बी) एनडीपीएस एक्ट का अपराध कायम कर जेल भेज दिया गया। दरअसल एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने राजपत्रित पुलिस अधिकारियों, थाना प्रभारी समेत प्रभारी एंटी क्राइम एवं सायबर यूनिट को नशे का काला कारोबार करने वाले कारोबारियों की धरपकड़ करने के निर्देश दिए है। इसी कड़ी में बुधवार को आजाद चौक क्षेत्र के आश्रम तिराहा स्थित अंग्रेजी शराब भठ्ठी के पास बाइक सवार दो युवकों के पास चरस होने की जानकारी मिलने पर मौके पर पुलिस टीम पहुंची। थाना प्रभारी आजाद चौक के नेतृत्व में टीम ने दबिश देकर न्यू सेल्स कालोनी खम्हारडीह, शंकरनगर निवासी शिवम कौल (22) और गली नंबर चार प्रोफेसर कालोनी के संजय मेघानी (46) को पकड़ा। दोनों के पैंट की जेब की तलाशी लेने पर 32 ग्राम चरस मिला, जिसे जब्त कर लिया गया। शिवम कौल के स्वजनों ने आजाद चौक थाना पुलिस पर झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के नाम पर मीनाक्षी कौल (शिवम की मां) ने शिकायत पत्र सौंपा है। स्वजनों का आरोप है कि 21 नवंबर की रात दस बजे कार श्रृंगार दुकान में कार्यरत शिवम दुकान बंद कर घर जाने की तैयारी कर रहा था। तभी आजादचौक पुलिस शिवम समेत अन्य को थाने ले गई। दूसरे दिन शाम को शिवम ने मोबाइल से काल करके थाने में होने की जानकारी देते हुए कहा कि मुझ पर झूठे मामले में फंसाने का दवाब डाला जा रहा है। वहीं इस संबंध में अधिकारियों ने अब तक कोई बयान नहीं दिया है।