छत्तीसगढ़

डी-कंपनी के नक्शे कदम पर रवि और आसिफ गैंग!

Admin2
26 May 2021 6:14 AM GMT
डी-कंपनी के नक्शे कदम पर रवि और आसिफ गैंग!
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दोनों को 3 बड़े पुलिस अधिकारियों का मिला हुआ है संरक्षण

नशे का अड्डा बना रायपुर मेट्रो

नशे का व्यापार पूरे शहर भर में बढ़ते जा रहा है नशे के सौदागरों ने राजधानी को अपना गुलाम बना लिया है और युवाओं को अपना दलाल। ये वो दलाल है जो चंद रुपयों के लिए नशे के दलदल अपने साथ दूसरों को भी धकेल लेते है। आखिरकार नशा क्या शहर में युवाओं की जड़ो को काट रहा है ? या फिर युवाओं में नशा सिर्फ पार्टियों के लिए बिकते जा रहा है। नशे के काले कारोबार की सच्चाई रोंगटे खड़े कर देती है। यह समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। नशे को लेकर रायपुर निशाने पर तो था ही अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि पहले युवाओं को नशे का शिकार बनाया जाता है और फिर उनको ड्रग पैडलर बनाया जा रहा है।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में रवि और आसिफ अब अपने करोबार को चलाने के लिए डी-कंपनी का तरीका अपनाने लगे है। रायपुर में नामी सट्टा किंग रवि साहू, और गांजा तस्कर आसिफ को पुलिस अब तक पकड़ नहीं पाई है। और ये दोनों अपराधी अपने धंधे को डी-कंपनी की तरह चलाते जा रहे है। पुलिस भी इस बात से बेखबर है और सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि पुलिस इनके ठिकानों में छापा मारने जाते भी है तो रवि और आसिफ गैंग डी-कंपनी के जैसे काम करने लगे है। हर गलियों में अपने गुर्गे बिठाकर रखे है। लोगों को गांजा बेचने के लिए आसिफ अपने गुर्गों का इस्तेमाल करता है। और सट्टा खिलाने के लिए रवि अपने गुर्गों का। इन दोनों मास्टर माइंड अपराधियों तक पुलिस का पहुंच पाना मुश्किल है क्योंकि इन रवि और आसिफ गैंग डी-कंपनी के जैसे काम करने लगे प्राप्त है। दोनों को 3 बड़े पुलिस अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ है

डी-कंपनी की तरह फैला रहे अवैध धंधों का जाल

राजधानी में रवि और आसिफ के गुर्गों ने मिलकर रायपुर को भी ष्ठ-कंपनी बना लिया है। रायपुर शहर बहुत बड़ा है इसलिए इस शहर में अपराध भी बहुत बड़े है। डी-कंपनी एक मोस्ट अंडरवल्र्ड डॉन के नाम से जानी जाती है लेकिन अब रायपुर के मशहूर गुंडे-दादा लोग इस कंपनी के कामकाज को अपनाने लगे है। रायपुर के कालीबाड़ी इलाके से लेकर महासमुंद तक फैला हुआ है। रायपुर में सिर्फ रवि और आसिफ ही ऐसे तस्कर और सट्टेबाज है जिन तक पुलिस पहुंच भी जाती है तो इनको कोई डर नहीं रहता। रायपुर को ये दोनों आरोपी ष्ठ-कंपनी बनाते जा रहे है।

रायपुर जिले का हर थाना क्षेत्र हर नशे का गढ़ बन गया है। यहाँ गांजा अवैध शराब सहित मेडिशिन नशे का अवैध काला कारोबार अब दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रवि और आसिफ अब रायपुर शहर व ग्रामीण क्षेत्र में अपनी डी-कंपनी खोलना चाहते है। यत्र तत्र अवैध नशे का कारोबार इस तरह फल फूल रहा है मानो इन कारोबारियों को प्रशासन का कोई खौफ ही नही है। शहर के तेलीबांधा से लेकर वीआईपी रोड नशे का गढ़ माना जा रहा है।

कालीबाड़ी इलाके में गांजा-सट्टा अनलॉक

राजधानी के कालीबाड़ी इलाके में स्थित सुलभ शौचालय के आगे स्थित खाली मैदान के पास से गली जाती है। ये वही गली है जहा शहर भर के नशेड़ी आना-जाना करते है इस गली में गांजा, सट्टा, जुआ का कारोबार खुलेआम चल रहा है। गंजेड़ी नशेड़ी लोग इस गली को रखवाली करने के लिए पूरी गली में पहरा देने के लिए एक चेन बनाकर काम कर रहे है। गलियों से ही इलाके से बाहर भागने का भी रास्ता अवैध कारोबरियों ने बना लिया है। सबसे चौकाने वाली बात तो ये है कि कोतवाली थाना पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग रही है। जबकि इसी गली की एक छोर में गांजा बिकता है तो दूसरे छोर में सट्टा चलता है।

रवि-आसिफ को 3 पुलिस अधिकारियों का संरक्षण

रवि और आसिफ गैंग को 3 बड़े पुलिस अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। जिससे उनके इलाके में पुलिस के छापे के पहले ही सूचना मिल जाती है। और ये अपराधी सक्रीय हो जाते है। पुलिस के लिए तो ये सबसे बड़ी चुनौती बन गया है कि शहर में सक्रिय अपराधी गैंग जो लम्बे समय से अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाते जा रहे हैं। अभी ऐसे अपराधी गैंग के गुर्गे अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए बच्चों को अपना शिकार बनाते जा रहे हैं। ऐसे गैंग के लोग ऐसे बच्चों को अपने साथ मिलाते है, जो कि पढ़ाई लिखाई से कोसों दूर रहते हैं। बस्ती में रहने वाले बच्चों का ध्यान ज्यादातर लफूटबाजी और गलत संगत में ज्यादा होता हैं। जिससे ऐसे बच्चों को अपराध में शामिल करना बहुत आसान हो जाता हैं। राजधानी में आये दिन बढ़ रहे अपराध को देखते हुए ऐसा लगने लगा है कि शहर में पुलिसिया खौफ अपराधियों में हैं ही नहीं।

ठेको की जगह कालीबाड़ी में शराब पीते

रायपुर शहर के ठेकों में मासूम भी शराब के जाम गटक रहे हैं। यह सब दिन-दहाड़े और शहर के व्यस्त क्षेत्र में हो रहा है। शहर के प्रमुख स्थानों पर शराब के ठेकों की स्थिति यह है कि किसी भी उम्र का किशोर शराब की बोतल खरीदकर ले जा सकता है। शराब लेने के बाद कई किशोर तो इन दुकानों में अंदर बैठकर भी दीवार की ओट में शराब पीते हुए दिखाई देते है। शहर के बस डिपो, माना रोड, अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल सहित कई स्थानों किशोर शराब ले जाते हुए मिले।

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