राशन घोटाले की खबरों के बीच अब जनप्रतिनिधि की मनमानी सामने आई
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राशन दुकानों से राशन लेने को लेकर नया विवाद सामने आया है। माधवराव सप्रे वार्ड की राशन दुकान में दुकानदार राशन कार्डों के बजाय केवल उन लोगों को राशन दे रहा था जो पार्षद से पर्ची में लिखवाकर ला रहे थे। वार्ड के लोगों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से भी की थी। इसके बाद ही खाद्य विभाग की टीम ने वहां जांच शुरू की। शिकायतें सही होने पर तत्काल राशन दुकान को निलंबित कर दिया। अब इस दुकान को अगले आदेश तक जय मां खल्लारी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार में जोड़ दी गई है। पार्षद कार्यालय से 200 राशन कार्ड जब्त किए गए हैं।
राशन दुकान पहुंची टीम को शनिवार को वहां मौजूद लोगों ने बताया कि माधव राव सप्रे वार्ड 69 की राशन दुकान में लोगों को समय पर राशन नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही लोगों ने यह भी बताया कि दुकानदार केवल उन्हीं लोगों को राशन देता है जिसके पास पार्षद की लिखी पर्ची हो कि इसे राशन दिया जाए। बाकी लोगों को राशन खत्म हो गया है या बाद में आकर ले जाने के लिए कहकर वापस लौटाया जा रहा था। इससे लोग परेशान हो गए हैं।
जो पात्र लोग हैं या जिनके पास राशन कार्ड हैं उन्हें भी राशन नहीं दिया जा रहा था। इस वजह से इस दुकान में हर दिन विवाद की भी स्थिति बन रही थी। वार्ड की इस राशन दुकान का संचालन रिद्धि सिद्धि प्राथमिक उपभोक्ता भंडार कर रहा था। पर्ची से राशन देने के बाद यह भी पुख्ता हो गया है कि दुकान से भारी मात्रा में राशन की कालाबाजारी की जा रही थी।
पार्षद के दफ्तर से 200 कार्ड जब्त
राशन दुकान की जांच करने गए अफसरों को जब पता चला कि सप्रे वार्ड के पार्षद कार्यालय में राशन कार्ड रखे हैं तो वे वहां जांच के लिए पहुंचे। इन सभी राशन कार्डों की जांच करने के लिए इन्हें खाद्य विभाग लेकर लाया गया है। अफसर इस बात की जांच करेंगे कि इन राशन कार्डों में राशन किस तरह से जारी किया गया है। दुकानदार जब पर्ची में राशन दे रहा था को कार्ड में इंट्री कैसे हो रही थी। खाद्य विभाग के पास लगातार इस बात की शिकायत मिल रही है कि कई वार्डों के पार्षद अपने दफ्तरों में राशन कार्ड रख रहे हैं। इतना ही नहीं इन कार्डों में वे अपनी सील भी लगा रहे हैं। नियमानुसार राशन कार्ड में जोन कमिश्नर के अलावा किसी की भी सील और हस्ताक्षर कार्ड में मान्य नहीं होता है। इसके बावजूद पार्षद जबरदस्ती उसमें सील लगवा रहे हैं। खाद्य विभाग के पास यह भी शिकायत आई है कि राशन कार्ड जोन से बांटने के बजाय पार्षदों के दफ्तर से बंट रहे हैं। नया राशन कार्ड हो या संशोधित नियमों के अनुसार उन्हें जोन दफ्तर से ही बांटना है। लेकिन पार्षद जोन दफ्तरों के कर्मचारियों को धमकाकर कार्ड अपने ऑफिस ले जाकर बांट रहे हैं। पार्षदों को राशन कार्ड देने के मामले में एक लिपिक को निलंबित भी किया जा चुका है।
सूचना मिली थी कि राशन दुकान से एपीएल वाले बहुत से कार्डधारकों द्वारा राशन नहीं उठाने के बावजूद उनके कार्डों से राशन निकाला जा रहा है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और खाद्यमंत्री से की गई थी। मेरे पास बंटने के लिए कार्ड आए थे। इनमें से कुछ कार्ड दूसरे वार्डों के भी थे जिनकी संख्या 200 के करीब थे, इसकी जानकारी उसे नहीं थी।
- वीरेंद्र देवांगन, पार्षद, माधवराव सप्रे वार्ड