सरेंडर नक्सलियों के राशन कार्ड बनाए गए, शासन की योजना का मिल रहा लाभ
दंतेवाड़ा। जिले में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस लोन वर्राटू यानी घर वापस आइए अभियान चला रही है। साल 2020 से शुरू हुए इस अभियान से प्रभावित होकर दंतेवाड़ा पुलिस के सामने अब तक 796 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं। इनमें 180 नक्सलियों पर इनाम भी घोषित है। 1 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक के इनामी नक्सलियों ने हिंसा छोड़ी है।
दंतेवाड़ा देश का पहला ऐसा नक्सल प्रभावित जिला है जहां नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए किसी अभियान के तहत 796 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। खास बात है कि, इस अभियान से प्रभावित होकर छ्त्तीसगढ़ के ही नक्सली नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य ओडिशा और तेलंगाना के नक्सलियों ने भी यहां आकर हथियार डाले हैं। सरेंडर करने वालों में DVCM, ACM कैडर के ज्यादा नक्सली हैं।
दरअसल, दंतेवाड़ा के तात्कालीन SP अभिषेक पल्लव ने साल 2020 में इस अभियान की शुरुआत की थी। लोन वर्राटू गोंडी बोली का शब्द है जिसका हिंदी अनुवाद घर वापसी होता है। इस अभियान के शुरुआत में पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों के नक्सलियों की सूची बनाई थी। जिसमें इनामी नक्सलियों की सूची को गांव-गांव में चस्पा करवाया था। सरेंडर करने अपील की थी। इस अभियान से प्रभावित होकर पहला नक्सली दंतेवाड़ा के तत्कालीन कलेक्टर दीपक सोनी के दफ्तर पहुंचकर हथियार डाला था।