छत्तीसगढ़ में राशनकार्डधारियों को मिलेगा एक वर्ष तक निःशुल्क चावल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारे संविधान में लिखी इबारतों को बहुत ही साफ मन और न्याय के अटूट इरादे से समझा जा सकता है। विरासत में हमें न्याय के लिए जो अडिग साहस मिला है, उसी को हमने अपनी सरकार का मूलमंत्र बनाया है। सबसे कमजोर तबकों को सबसे पहले और सबसे ज्यादा तवज्जो देकर न्याय दिलाना हमने अपना प्रथम कर्तव्य माना है। जिसके कारण हम बिना किसी संशय के विगत चार वर्षाें में छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा पूरी लगन से कर पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने आज 74वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद प्रदेश की जनता को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आगामी वित्तीय वर्ष से बस्तर संभाग, सरगुजा संभाग और प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के पर्वों के उत्तम आयोजन के लिये मुख्यमंत्री आदिवासी पर्व सम्मान निधि के तहत प्रतिवर्ष प्रत्येक ग्राम पंचायत को 10 हजार रूपये प्रदान करने, अगले वित्तीय वर्ष से बेरोजगारों को हर महीने बेरोजगारी भत्ता दिए जाने, महिला समूहों महिला उद्यमियों, महिला व्यवसायियों एवं महिला स्टार्ट अप को व्यापार उद्योग स्थापित करने हेतु नवीन योजना प्रारंभ किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत को अनवरत आगे बढ़ाने के लिये राज्य में छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग का गठन करने, रायपुर एयरपोर्ट में यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने, एयरपोर्ट क्षेत्र के वाणिज्यिक विकास और रोजगार सृजन के लिये स्वामी विवेकानंद विमानतल के पास एयरोसिटी विकसित करने, छत्तीसगढ़ में कुटीर उद्योग आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने, रोजगार और लोगों की आय बढ़ाने के लिये ग्रामीण उद्योग नीति बनाने, औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित इकाईयों को संपत्ति कर के भार से मुक्त करने, खारून नदी पर उत्कृष्ट रिवर फ्रंट विकसित करने, विद्युत शिकायत के निराकरण के लिए आधुनिक ऑनलाईन निराकरण प्रणाली विकसित करने, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना शुरू करने, राज्य में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय रामायण/मानस महोत्सव तथा चंदखुरी में मां कौशल्या महोत्सव का आयोजन करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस मौके पर राज्य के सभी जिलों में अप्रैल माह से समस्त राशनकार्ड धारियों को पीडीएस के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल दिए जाने की घोषणा की। गौरतलब है कि अभी तक फोर्टिफाइड चावल का वितरण राज्य के 12 जिलों में मध्यान्ह भोजन योजना और पूरक पोषण आहार योजना में वितरित किया जा रहा था। मुख्यमंत्री ने अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को जनवरी 2023 से दिसम्बर 2023 तक निःशुल्क चावल वितरित किए जाने की भी घोषणा की। गणतंत्र दिवस का यह समारोह जगदलपुर के लालबाग मैदान में हर्ष और उल्लास के वातावरण में आयोजित हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। समारोह में सशस्त्र बल के जवानों द्वारा गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ महतारी के महान सपूतों अमर शहीद गैंदसिंह, शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुण्डाधूर का सादर स्मरण किया। उन्होंने कहा कि इन वीर जवानों का बहुत बड़ा योगदान हमारे राष्ट्रीय आंदोलन में रहा, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के दुर्गम अंचलों में रहकर छत्तीसगढ़ महतारी के मान को भारत माता के सम्मान के साथ जोड़ा। मंगल पाण्डे, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंतीबाई लोधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, लाल-बाल-पाल और उनके जैसे लाखों सहमार्गियों से देश कभी उऋण नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संविधान निर्माताओं के वंशज हैं। हमारे पुरखों ने आजादी की लड़ाई में, देश की एकता और अखण्डता को बनाए रखने के लिए, देश में समरसता के मूल्यों और संस्कारों को बचाए रखने के लिए कुर्बानियां दी हैं, जो लोग इस भावधारा से जुड़कर अपने आप को देखते हैं, वे लोग ही हमारी विरासत के महत्व को समझ सकते हैं। इसलिए मैं चाहूंगा कि आप सब नई पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के मूल्यों से अवगत कराएं। जब तक देश, इस संविधान के अनुसार चलता रहेगा, तभी तक हम सबकी और देश की आजादी सुरक्षित रहेगी। हमारे संविधान की बदौलत ही हमारा देश, लोकतंत्रात्मक गणराज्य कहलाता है। इससे नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समता, गरिमा, और बंधुता का वरदान मिलता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के संस्कार और स्वरूप को गढ़ने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रथम राष्ट्रपति डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, प्रथम विधि मंत्री बाबा साहब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर, प्रथम उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल, प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद, लाल बहादुर शास्त्री, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसी विभूतियों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता सग्राम सेनानियों का भी स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमें विश्वास था कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन से आदिवासी बहुल अंचलों के अनमोल संसाधनों का लाभ स्थानीय जनता को देने के नए रास्ते बनेंगे लेकिन विडम्बना है कि ऐसा नहीं हो पाया था। बड़े निवेश लाने के नाम पर हसीन सपने दिखाए जाते थे, न निवेश हुआ, न सपने पूरे किए गए। हमने यह साबित किया कि बड़े निवेश के नाम पर आदिवासी अंचलों का विकास रोके रखना कदापि उचित सोच नहीं थी। प्राकृतिक संसाधनों, वन संसाधनों और स्थानीय मानव संसाधन की शक्ति से भी बड़ा बदलाव किया जा सकता है। राज्य सरकार में आने के बाद हमने पहले दिन से बदलाव के लिए ईमानदार प्रयास शुरू किए, जिसका नतीजा आप सबके सामने है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजाद भारत में आम जनता को जितने भी महत्वपूर्ण अधिकार दिलाए गए और न्याय देने के काम किए गए, वे सब स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करने वालों और उनके वंशजों की बड़ी सोच के कारण संभव हुआ। वन अधिकार अधिनियम भी ऐसा ही एक कानून है जो हमारे नेताओं ने देश में लागू किया था, जो अनुसूचित जनजातियों एवं परंपरागत वन निवासियों की जिंदगी संवार सकता था, लेकिन प्रदेश में इस कानून पर अमल सही इच्छा-शक्ति से नहीं हुआ था। वन अधिकार के दावों को बड़े पैमाने पर खारिज किया गया था और अनेक प्रावधानों को लागू ही नहीं किया गया था।