रायपुर raipur news। नंदनवन जंगल सफारी में तितलियों पर वाल्क एंड टॉक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे रायपुर, कुरुद और बिलासपुर के विभिन्न कॉलेजों से 80 छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम के शुरुआत में कंजर्वेशन सोसाइटी के अध्यक्ष जे.पी. टंडन के स्छात्रों को तितलियों की पारिस्थितिकी में महत्वपूर्ण भूमिका और उनके संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया। raipur
इसके बाद, शासकीय साइंस कॉलेज रायपुर के जूलाजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. कविता दास ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि अत्यधिक कीटनाशकों के उपयोग के कारण तितलियों की संख्या में तेजी से गिरावट हो रही है, जो पर्यावरण के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने छात्रों को इस दिशा में संवेदनशीलता विकसित करने और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया जिसके उपरांत वॉक की शुरुआत हुई, जिसमें छात्रों को दो समूहों में बाँटा गया और उन्होंने 3 किलोमीटर के ट्रेल पर तितलियों की विभिन्न प्रजातियों की पहचान की इस दौरान छात्रों ने कॉमन क्रो, एमिग्रेंट, ग्रेट एगफ्लाई, सेलर जैसी तितलियों को देखा।
वॉक के अंत में, सभी छात्र ज़ू कैंपस में स्थित बटरफ्लाई गार्डन पहुँचे, जहाँ उन्हें होस्ट प्लांट्स के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। छात्रों को बताया गया कि तितलियों के जीवनचक्र में इन पौधों की क्या भूमिका होती है और कौन से पौधे तितलियों के जीवित रहने में अहं भूमिका निभाते है । विसिट के उपरांत छात्रों को इंटरप्रिटेशन हॉल में जंगल सफारी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई और नंदनवन जंगल सफारी के निदेशक धम्मशील गणवीर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की जंगल सफारी को एक शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करना है, जहाँ छात्र वन्यजीवों पर शोध और अपने ज्ञान को समृद्ध कर सकें साथ ही, उन्होंने विद्यार्थियों को जंगल सफारी में युवान वालंटियर प्रोग्राम में शामिल होने के लिए अपील की l अंत में, सभी छात्रों को उनकी भागीदारी के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, और उन्हें चिड़ियाघर का भ्रमण कराया गया, जहाँ उन्होंने तितलियों और अन्य जीवों को नजदीक से देखाल