छत्तीसगढ़

रानी बेटी ने खोली हत्यारिन मां की पोल, हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा को रखा बरक़रार

Nilmani Pal
13 May 2024 10:54 AM GMT
रानी बेटी ने खोली हत्यारिन मां की पोल, हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा को रखा बरक़रार
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बिलासपुर। प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या के आरोपियों की अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. बेटी ने पिता के लापता होने की जानकारी चाचा को देने की कोशिश की तो मां ने उसे रोक दिया था. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य में बेटी की इस कथन को महत्वपूर्ण कड़ी माना है. जस्टिस गौतम भादुड़ी एवं जस्टिस संजय एस अग्रवाल की डीबी में मामले की सुनवाई हुई, जहां आरोपियों की अपील को खारिज कर सत्र न्यायालय से सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को यथावत रखी गई है.

रायपुर के धनेली निवासी नीरा साहू ने 5 अक्टूबर 2017 को सिलतरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसका पति खूबचंद साहू 27 सितंबर 2017 की रात 10 बजे घर से निकला था, वह अत्यधिक शराब पीने वाला है. परिवार में खोज करने के बाद भी नहीं मिलने पर रिपोर्ट लिखाने की बात कही गई. पुलिस ने मामला दर्ज किया. जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि रिपोर्ट करने वाली पत्नी का गांव के भोजराम साहू से अवैध संबंध है. इसका पति विरोध करता था, इस बात पर पति पत्नी के बीच विवाद होता था. 27-28 सितंबर 2017 की दरम्यानी रात भोजराम साहू गांव के नाबालिग के साथ उसके घर गया. वहां नाबालिग व उसकी पत्नी ने खूबचंद का पैर व हाथ पकड़कर दबोचा और आरोपी भोजराम ने उसके सिर में हथौड़े से कई बार वार कर हत्या कर दी.

साक्ष्य मिटाने आरोपी ने लाश को थैली में भरकर उसमें भारी पत्थर रखकर कुएं में फेंक दिया. मृतक जिस गद्दा व तख्त में सोता था उसे ले जाकर नदी में फेंक दिया. पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर कुएं से शव, हत्या में प्रयुक्त हथौड़ा, खून लगे कपड़ा व गवाहों के बयान दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया. सत्र न्यायालय ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की, जिसमें कहा गया कि आरोपीयों को संदेह पर परिस्थितिजन्य साक्ष्य में सजा सुनाई गई, सिर्फ सन्देह पर किसी को सजा नहीं दी जा सकती. सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उन्हीं के निशानदेही पर पुलिस ने कुएं से शव, हत्या में प्रयुक्त हथौड़ा, खून लगी साड़ी, टी शर्ट जब्त किया है.

कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपियों की अपील खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की कड़ी जुड़ने के सिद्धांत को देखना चाहिए. इसमें मृतक की पुत्री रानी ने पिता के लापता होने की बात अपने चाचा को बताने की कोशिश की, तब आरोपी नीरा ने उसे रोक दिया था. आरोपी के बताने पर ही पुलिस ने अलमारी में रखे खून लगी साड़ी जब्त किया. आरोपी भोजराम द्वारा खरीदकर दिया गया मोबाइल व भोजराम का मोबाइल जब्त किया गया. दोनों के बीच लगातार हुए बात का कॉल रिकार्ड व रानी द्वारा लगातार फोन आने की गवाही ने अपराध की कड़ियों को जोड़ा, इस कारण न्यायालय ने सजा सुनाई.


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