छत्तीसगढ़

अपने गुंडाराज के आंकड़े देख लें तो कम हो जाएगा रमन का मानसिक तनाव: मरकाम

Nilmani Pal
20 Oct 2020 6:15 AM GMT
अपने गुंडाराज के आंकड़े देख लें तो कम हो जाएगा रमन का मानसिक तनाव: मरकाम
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन सिंह अपने कार्यकाल के आंकड़े लेकर थोड़ा चिंतन कर लें तो उनका मानसिक तनाव कम हो जाएगा

रायपुर (जसेरि)। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन सिंह अपने कार्यकाल के आंकड़े लेकर थोड़ा चिंतन कर लें तो उनका मानसिक तनाव कम हो जाएगा। जिस रमन राज में अधिकारियों, राजनेताओं से लेकर पत्रकारों तक सब दहशत में थे, हर भाजपाई गुंडागर्दी पर उतर आया था, लोगों की प्रताडऩा और अत्याचार आम बात हो गई थी, उसके मुखिया डा. रमन अब भूपेश बघेल सरकार में गुंडागर्दी खत्म करने के नारे लगा रहे हैं। मरकाम ने कहा कि इतिहास गवाह है कि छत्तीसगढ़ को 15 वर्षों की रमन सरकार का हासिल सिर्फ हत्याएं, फर्जी मुठभेढ़, घोटाले, बलात्कार, दहशत और साजिशें रहीं हैं। पूर्व मंत्रियों से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री का परिवार तक तमाम आपराधिक घटनाओं में संलिप्त रहा है। यह कांग्रेस नहीं कहती है, अदालतें कहती हैं, दस्तावेज कहते हैं।

मरकाम ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि जब प्रदेश की जनता सत्तापोषित गुंडागर्दी और वसूलीबाजी से निजात पाकर राहत की सांस ले रही है तो पूर्व मुख्यमंत्री नारा लगा रहे हैं कि भूपेश तेरी गुंडागर्दी नहीं चलेगी। ऐसा कहकर रमन ने न केवल मुख्यमंत्री का अपमान किया, बल्कि उन लाखों किसानों, युवाओं का भी अपमान कर रहे हैं, जिन्होंने भाजपा के जंगलराज से मुक्ति पाने के लिए कांग्रेस को भारी मतों से विजयी बनाया था। विधानसभा चुनाव में पराजय से मिली चोट गहरी है, यह तो हमें पता है। लेकिन अब इस चोट का संक्रमण रमन के मस्तिष्क तक पहुंच गया है, इसका अंदाजा नहीं था। डाक्टर साहब आपको आराम की सख्त जरूरत है। आपकी स्थिति पार्टी में ठीक नहीं है, जिस गुंडागर्दी को आपने पार्टी में बढ़ावा दिया, वही अब आपके खिलाफ खड़ी है? हमें डर है कि वो आपके खिलाफ भी इस्तेमाल की जा सकती है।

खुद के भीतर बैठे अहंकार को नहीं मार पाए

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने 15 साल तक रमन-भाजपा के अहंकारी शासनकाल को बर्दास्त किया है। रमन के अहंकारी शासनकाल को छत्तीसगढ़ की जनता भूली नहीं है। आज भी उस दौर को याद कर छत्तीसगढ़ की जनता सिहर जाती है, कांप जाती है, भयभीत हो जाती है, डर जाती है। सत्ता जाने के बाद भी रमन के भीतर अहंकार जीवित है। मुख्यमंत्री रहते 15 साल तक रमन दशहरा उत्सव के दौरान रावण का वध करते रहे, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि खुद के भीतर बैठे अहंकार को खत्म नहीं कर पाए।

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