छत्तीसगढ़

रमन सिंह ने किसानों को सिर्फ छला, उनका दोहरा चेहरा जनता के सामने : सीएम भूपेश बघेल

Admin2
7 Jan 2021 5:38 AM GMT
रमन सिंह ने किसानों को सिर्फ छला, उनका दोहरा चेहरा जनता के सामने : सीएम भूपेश बघेल
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भाजपा के आरोपों पर दी कड़ी प्रतिक्रिया

रायपुर (जसेरि) । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी के मामले में भाजपा के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सरगुजा और बिलासपुर संभाग के दौरे से रायपुर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह को किसी मुंह से किसानों पर बात करने का अधिकार नहीं है।

पुलिस लाइन हेलिपैड पर संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा के लोगों ने 2100 रुपए में धान खरीदी और 300 रुपया बोनस देने का संकल्प लिया था। उसे पूरा नहीं कर पाए। केंद्र सरकार के सामने गिड़गिड़ाते रहे। अब रमन सिंह किस मुंह से 2500 रुपए में खरीदी की बात कर रहे हैं। उन्हीं के शासन में तो बोनस बंद हुआ है। मुख्यमंंत्री ने कहा कि रमन सिंहजी, दिल्ली में आपकी सरकार बैठी हुई है। बेशर्मी की हद है। पहले साल हमने 2500 रुपया दिया था। हमारे पास दर्जनों चि_ियां हैं, केंद्र की ओर से कहा गया, आप बोनस देंगे तो आपका चावल नहीं लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, रमन सिंह और भाजपा नेताओं का दोहरा चेहरा जनता के सामने आ चुका है। इन लोगों को शर्म नहीं आती। एक तरफ कहते हैं कि बोनस मत दो। दूसरी तरफ 2500 रुपया देने की भी मांग करते हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हम आज भी 2500 रुपया प्रति क्विंटल का दाम देने को तैयार हैं। आप केंद्र से अनुमति दिलवा दें। इस बार 60 लाख मीट्रिक टन पर सहमति बनी है, लेकिन 24 लाख मीट्रिक टन ले रहे हैं। रमन सिंह को इसपर बात करनी चाहिए। वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, छत्तीसगढ़ के किसानों का वे प्रतिनिधित्व नहीं करते क्या। छत्तीसगढ़ के किसानों ने उन्हें वोट नहीं दिया है क्या। किसानों के साथ जब अन्याय हो रहा है तो उन्हें बात करनी चाहिए या केवल आलोचना ही करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, रमन सिंह को किसी मुंह से किसानों पर बात करने का अधिकार नहीं। उन्होंने तो केवल किसानों को छला है। कभी दाम के नाम पर कभी बोनस के नाम पर। उनके मुंह से ऐसी बात शोभा नहीं देती। मुख्यमंत्री ने भाजपा के प्रस्तावित आंदोलन को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, भाजपा की सरकार ने औसत 50 लाख मीट्रिक टन से अधिक कभी धान खरीदा नहीं। 15 लाख किसानों से अधिक से खरीदी कभी हुई नहीं थी। हमने पहले साल 80 लाख मीट्रिक टन खरीदा, दूसरे साल 83 लाख मीट्रिक टन और इस बार करीब 90 लाख मीट्रिक टन खरीदने की तैयारी है। जहां 15 लाख किसान धान बेचते थे, अब 21 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। भाजपा शासनकाल में 18 हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी 25 हजार हेक्टेयर में सिंचाई रकबा बढ़ा है। वे किस मुंह से आंदोलन करेंगे। किसानों के लिए इन लोगों ने किया क्या है।

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