राज्योत्सव: गुजरात के कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव के अवसर पर रायपुर स्थित साइंस कॉलेज में लगे छत्तीसगढ़ शिल्पग्राम एवं विभागीय प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस दौरान गुजरात के सिद्धिगोमा जनजाति के कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। सिद्धिगोमा नृत्य पारंपरिक एवं विवाह अनुष्ठान के अवसर पर किया जाता है। इस नृत्य में केवल पुरुष कलाकार ही भाग लेते हैं। मोर पंख और कौड़ियों से सजे धजे वस्त्र पहनकर सिद्धी आदिवासियों की हैरतअंगेज प्रस्तुति बरबस ही लोगों का ध्यान खींच लेती है।
कहा जाता है कि सिद्धि मूलतः अफ्रीका मूल की जनजातियां है जिन्हें 500 वर्ष पूर्व पुर्तगालियों ने भारत में बसाया था। यह जनजाति मुख्यतः कर्नाटक, गोवा और गुजरात में निवास करती है। साथ ही केरल के जनजातीय कलाकार पनिया निरूथम नृत्य लेकर मंच पर आए हैं। यह नृत्य पारंपरिक अनुष्ठानों के पर आधारित है, केरल में पनिया का अर्थ है पहला आदिवासी।