छत्तीसगढ़

राजनांदगांव : पढ़ई तुंहर दुआर से तीन पीढ़ी एक साथ ग्रहण कर रहें शिक्षा

Nilmani Pal
21 Dec 2021 3:51 PM GMT
राजनांदगांव : पढ़ई तुंहर दुआर से तीन पीढ़ी एक साथ ग्रहण कर रहें शिक्षा
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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से कोविड-19 संक्रमण के दौरान बच्चे पढ़ाई से जुड़े रहे। कोविड -19 संक्रमण के दौरान बच्चे पढ़ाई से वंचित न हो इसके लिए शासन ने पढ़ई तुंहर दुआर योजना प्रारंभ की। जिससे बच्चे घर पर ही रह कर सुरक्षित पढा़ई कर सकंे। जिले में विभिन्न नवाचारों के माध्यम से पढ़ई तुंहर दुआर योजना आधुनिक शिक्षा प्रणाली में एक मील का पत्थर साबित हुई है। इसके तहत 8 लाख 45 हजार 866 ऑनलाईन क्लास में 39 हजार 583 बच्चों को जोड़ा गया। जिले में शहर से लेकर वनाचंल क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे पढ़ई तुंहर दुआर से जुड़कर लगातार शिक्षा ग्रहण करते रहे। इसके साथ ही कोरोना का प्रभाव थोड़ा कम होने के साथ धीरे-धीरे पढ़ई तुंहर दुआर योजना का विस्तार किया गया। इसके तहत शिक्षकों द्वारा बच्चों के पारा मोहल्ले में छोटी-छोटी टोलियों में क्लास लगाई जाने लगी। जिसे मोहल्ला क्लास या पारा क्लास का नाम दिया गया। इस पहल के लिए नीति आयोग दिल्ली ने छŸाीसगढ़ के इस मॉडल की प्रशंसा की। राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार व सम्मान छŸाीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए हैं।

पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत बनाया गया पोर्टल-

पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत ूूूण्बहेबीववसण्पद पोर्टल बनाया गया। जिसमें जिला अंतर्गत 3 लाख 46 हजार 253 विद्यार्थियों और 11 हजार 182 शिक्षकों का पंजीयन दर्ज किया गया। जिले के 10 हजार 96 शिक्षकों ने 8 लाख 45 हजार 866 ऑनलाईन क्लास में 39 हजार 583 बच्चों को जोड़ा। जो छŸाीसगढ़ प्रदेश के सभी जिलों में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।

कोविड-19 के दौरान बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों के कार्यों को पहचान देने के लिए 'हमारे नायक' वेबकॉलम की संकल्पना को मूर्तरूप दिया गया। जिसमें प्रतिदिन अच्छे कार्य करने वाले शिक्षक व अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों को स्थान दिया जाता है। जिले से 39 शिक्षक एवं विद्यार्थी अब तक हमारे नायक के रूप में चयनित होकर जिले को गौरवान्वित कर चुके हैं।

मोहल्ला एवं पारा क्लास का संचालन-

कोरोना का प्रभाव कम होने के साथ, धीरे-धीरे पढ़ई तुंहर दुआर योजना का विस्तार करते हुए शिक्षकों द्वारा बच्चों के पारा एवं मोहल्ले में छोटी-छोटी टोलियों में क्लास लगाई जाने लगी। जिसे मोहल्ला क्लास या पारा क्लास का नाम दिया गया। वर्ष 2020-21 में कुल 4 हजार 650 मोहल्ला क्लास संचालित की गई। जिसमें कुल 4 हजार 946 शिक्षक एवं कक्षा 1 से 12 तक कुल 98 हजार 958 विद्यार्थी मोहल्ला कक्षाओं से लाभान्वित हुए।

स्मार्ट टीवी के माध्यम से स्मार्ट क्लास का संचालन-

जिले के वनांचल क्षेत्र विकासखंड मोहला के शिक्षकों द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण काल में स्मार्ट टीवी के माध्यम से स्मार्ट क्लास का संचालन करने के नवाचार को स्थान मिला। कोविड-19 संक्रमण के विषम परिस्थितियों में जिले के सुदूर वनांचल विकासखंड मोहला के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व शिक्षकों ने मिलकर 280 स्कूलों में स्मार्ट टीवी लगवाया और बच्चों की शिक्षा को सतत जारी रखा। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रयोग एवं नवाचार की गूंज पूरे राज्य में होने लगी। इसके बाद यह योजना वनांचल के मानपुर विकासखंड व अंबागढ़ चौकी विकासखंड में भी पूर्ण हुई।

अंगना म शिक्षा कार्यक्रम-

अंगना म शिक्षा कार्यक्रम में बच्चों की माताओं को जोड़ते हुए प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में घर में घरेलू कार्य करते हुए घर पर उपलब्ध घरेलू सामग्री की मदद से बच्चों को खेल-खेल में पढ़ना-लिखना, विभिन्न रंग, आकार, वस्तुओं, छोटे-बड़े की पहचान एवं शिक्षा देना बताया गया जिससे बच्चे अपने घरों में खेलते हुए अपनी माताओं से रोज नई चीजे सीखते हुए ज्ञान अर्जन कर रहे हैं। जो अंगना म शिक्षा कार्यक्रम की विशेष उपलब्धि है।

कबाड़ से जुगाड़ -

स्कूल शिक्षा विभाग छŸाीसगढ़ शासन द्वारा कम खर्चे में यादा से यादा टीचिंग लर्निंग मटेरियल (टीएलएम) बनाने के उद्देश्य से कबाड़ से जुगाड़ योजना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कक्षा में अध्यापन कार्य के दौरान शिक्षकों द्वारा सहायक शिक्षण सामग्री के उपयोग से बच्चों को विषय की अवधारणा को समझाने में आसानी होती है। जिले में शिक्षकों ने घरों में उपलब्ध कबाड़ हो चुके सामग्री जैसे की पुरानी बोतल, ब्रश, कपड़े व अन्य घरेलू वस्तुओं का उपयोग करते हुए विभिन्न सहायक शिक्षण सामग्री का निर्माण किया।

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