छत्तीसगढ़

राजनांदगांव: सघन सुपोषण अभियान का रहा प्रभावी परिणाम

jantaserishta.com
12 March 2022 2:48 AM GMT
राजनांदगांव: सघन सुपोषण अभियान का रहा प्रभावी परिणाम
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राजनांदगांव: जिले में सघन सुपोषण अभियान का प्रभावी परिणाम मिल रहा है। जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र मोहला, मानपुर एवं छुईखदान के गंभीर कुपोषित बच्चों तथा एनीमिक गर्भवती माताओं को सुपोषित करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में निवासी करने वाले बच्चों और गर्भवती माताओं की स्वास्थ्य जांच करते हुए विशेष देखभाल की गई। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषण दूर करने व्यापक कार्य किए गए।

कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर मोहला, मानपुर और छुईखदान में मुख्यमंत्री सघन सुपोषण अभियान चलाया गया। योजनांतर्गत बच्चों को 2 बार गर्म भोजन व माताओं को गर्म भोजन, सूखा राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डीएमएफ से राशि स्वीकृत की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रेणु प्रकाश द्वारा कार्ययोजना तैयार कर सुपोषण के लिए लक्षित बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए कार्य किया गया। इसके तहत बच्चों को कम से कम 4 बार अतिरिक्त आहार की उपलब्धता, 15 दिन से 1 माह में अनिवार्य स्वास्थ्य जांच, पालक व समुदाय की सहभागिता, सतत मॉनिटरिंग का लक्ष्य रखा गया। इन तथ्यों को ध्यान में रखकर 6 माह के लिए मोहला, मानपुर व छुईखदान के गंभीर कुपोषित बच्चों व एनीमिक गर्भवती माताओं को लक्षित कर सघन कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
सघन सुपोषण अभियान अंतर्गत कार्ययोजना तैयार कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों को 2 बार नाश्ता व 2 बार गर्म भोजन घर पहुंचा कर दिया गया। जिसकी मानिटरिंग उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया। साथ ही पोर्टल बनाकर प्रगति की एन्ट्री की गई। प्रत्येक बच्चे की स्वास्थ्य जांच स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर कराई गई। स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए एम्स की भी मदद ली गई। इसके लिए पर्यवेक्षकों द्वारा सतत समन्वय स्थापित कर स्वास्थ्य टीम से जांच कराई गई। साथ ही दवाई, टॉनिक, कृमिनाशक दवा, विटामिन ए, जिंक सिरप आदि बच्चों को उपलब्ध कराया गया। बच्चों के साथ एनीमिक गर्भवती माताओं को अतिरिक्त पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। गर्भवती माताओं को 1 बार नाश्ता व 1 बार गर्म भोजन के लिए सूखा राशन घर पर उपलब्ध कराया गया। कोविड काल के दौरान भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा सतत रूप से जारी रहा। इस कार्य के साथ पालकों, परिवार के सदस्यों, ग्रामीणजनों, समुदाय को कुपोषण के प्रति जागरूक किया गया। स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक खाद्य पदार्थो, व्यंजनों आदि के विषय में जागरूकता के लिए सतत कार्य किया गया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हितग्राहियों के घरों व आंगनबाडिय़ों में पोषण वाटिका लगाई गई। जिससे हरी सब्जी, भाजी व पौष्टिक फल स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकें। पौष्टिक आहार की उपलब्धता के लिए समुदाय का सहयोग भी प्राप्त हुआ। पंचायतों द्वारा बच्चों को दूध, फल, गुड़, चना, मूंगफल्ली आदि उपलब्ध कराए गए। जिले के प्रतिष्ठित समाज सेवियों द्वारा नाश्ता के रूप में पौष्टिक आहार सभी बच्चों व माताओं को उपलब्धत कराया गया। जागरूकता के लिए विभिन्न आयोजन किए व अनेक व्यक्तियों को कार्यक्रम में जोड़ा गया। सघन सुपोषण अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भोजन और नाश्ता बनाकर बच्चों को खिलाया। उनके द्वारा रेडी टू ईट फूड के विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर खिलाए गए। साथ ही माताओं को बनाने की विधि भी बताई गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सादे भोजन को पौष्टिक बनाने की जानकारी दी गई। सघन सुपोषण अभियान से बच्चों में खाने की आदत आई, समय से भोजन ग्रहण करने लगे, माताओं द्वारा खाने को पौष्टिक बनाना जाना तथा साफ-सफाई से खाने लगे। बच्चे की रूचि अनुसार भोजन बनाया जाने लगा। अंडा, मांसाहार, दाल का सेवन बढ़ा।
सघन सुपोषण अभियान की मानिटरिंग के लिए विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा भ्रमण कर पालकों व गर्भवती महिलाओं से चर्चा की गई। विकासखंड स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारियों द्वारा निगरानी रखी गई। कलेक्टर द्वारा प्रत्येक सप्ताह बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। अभियान का परिणाम रहा कि मानपुर, मोहला, छुईखदान अंतर्गत लक्षित कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार आया और वे सामान्य व मध्यम श्रेणी में आए। अभियान का परिणाम रहा कि कुल 680 बच्चों के वजन में वृद्धि दर्ज की गई। इस सफलता से जिले अंतर्गत नई ऊर्जा आई। साथ ही इसी तरह लक्षित कार्ययोजना बनाकर जिले को सुपोषित करने का निरंतर कार्य करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना अंतर्गत जिले के शेष क्षेत्रों में भी गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। इस कार्य में ग्राम पंचायतों, जनप्रतिनिधियों आदि से सहयोग लेकर जागरूकता के लिए कार्यक्रम, पौष्टिक आहार की उपलब्धता सतत स्वास्थ्य जांच आदि कदम उठाए जा रहे हैं।

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