छत्तीसगढ़

राजेश मूणत ने कहे अपशब्द, पुलिस ने लिया एक्शन, हुआ बवाल

Nilmani Pal
6 Feb 2022 6:11 AM GMT
राजेश मूणत ने कहे अपशब्द, पुलिस ने लिया एक्शन, हुआ बवाल
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  1. केंद्रीय मंत्री को काला झंडा दिखाने वालों पर कार्रवाई नहीं करने पर पूर्व मंत्री ने खोया आपा
  2. जेल रोड पर मंत्री बंगले के सामने भाजपा-कांग्रेसी नेता भिड़े,
  3. पुलिस ने मारपीट के आरोपी के साथ पूर्व मंत्री को भी थाने में बिठाया
  4. विरोध में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने थाने में की तोड़-फोड़
  5. आज राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी भाजपा, दोषाी पुलिसवालों पर कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेश बंद की चेतावनी

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को माना बस्ती के पास काले झंडे दिखाने की घटना शनिवार रात तक बड़ा राजनीतिक बवाल बन गई, मारपीट हुई। पुलिस कर्मियों से बदसलूकी हुई। आरोपियों को छुड़ाने के लिए भाजपा नेताओं ने विधानसभा थाने का घेराव कर लगभग उस पर कब्जा ही कर लिया। इस दौरान पुलिस समझौता करने की कोशिश में ही जुटी रही। अब भाजपा ने इस मामले में साइबर सेल प्रभारी पर कार्रवाई की मांग लेकर आंदोलन की घोषणा की है।

बवाल की शुरुआत शनिवार शाम 4 बजे हुआ जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री रुद्र गुरु के बंगले के सामने खड़े मुंगेली से आए तीन-चार युवकों को पीट दिया। आरोप है कि वे लोग केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को काले झंडे दिखा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है, उनमें से कोई काला झंडा नहीं दिखा रहा था बल्कि एक ने काले-सफेद रंग का कुर्ता और एक ने काली जैकेट पहनी थी। उनकी शिकायत पर पुलिस ने शुभांकर द्विवेदी, राहुल राव सहित कई कार्यकर्ता के खिलाफ स्नढ्ढक्र दर्ज की। उसके बाद भाजपा के दो कार्यकर्ताओं को पकड़ा तो पूर्व मंत्री राजेश मूणत पुलिस अफसरों से बदसलूकी पर उतर आए। विवाद टालने के चक्कर में पुलिस आरोपियों को लेकर चली तो राजेश मूणत भी पुलिस की गाड़ी में ही सवार हो गए। पुलिस सूत्रों ने बताया, बवाल की आशंका को देखते हुए उन्हें शहर से दूर किसी थाने में ले जाने की कोशिश हो रही थी। विधानसभा थाने को पार करता देख मूणत चिल्लाने लगे और गाड़ी से कूदने की धमकी दी। उसके बाद पुलिस ने सभी को विधानसभा थाने में बैठा लिया। यहां से मूणत ने एक वीडियो जारी कर खुद के साथ मारपीट का आरोप लगाया। उनका कहना था, सादी वर्दी में आए चार लोगों ने कार्यकर्ता को मारापीटा। उनको भी सिर पर मारा और मोबाइल छीन लिया। इसके बाद वहां भाजपा के शीर्ष नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ बढऩे लगी। रात में चार घंटे से अधिक समय तक विधानसभा थाना भाजपा नेताओं के कब्जे में था।

थाने में भी पुलिसकर्मी से मारपीट की कोशिश : भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने में भी साइबर सेल के प्रभारी गिरीश तिवारी से मारपीट की कोशिश की। उसको पकड़ा-धक्के दिए। थाने की पुलिस ने उनको किसी तरह से वहां से सुरक्षित निकाला। जैसे-जैसे रात बढ़ी थाने में भीड़ बढ़ती गई। रात तक थाने के भीतर-बाहर भाजपा के हजारों कार्यकर्ता जमा हो चुके थे।

अपने ही नेताओं पर भड़के मूणत : थाने के बाहर नारेबाजी होती रही। भीतर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, सांसद रामविचार नेताम जैसे नेता एसएसपी से बात कर रहे थे। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, आप ज्ञापन लीजिए, राज्यपाल के नाम हम ज्ञापन दे रहे हैं, उसी के साथ कार्यवाही भी कीजिए।Ó बात पूरी होने से पहले ही वहां मौजूद राजेश मूणत भड़क गए। कहा, यह सब नहीं चलेगा, यह सब मिलाजुला मसला है। मैं बिलकुल नही मानूंगा। मैंने प्रदेश को बता दिया है, मैंने राष्ट्रीय संगठन को भी बता दिया है। बिलकुल बगैर कार्यवाही कोई बात नहीं सुनूंगा। उसके बाद मूणत फिर थाने के बरामदे में बैठ गए।

रमन सिंह और विष्णुदेव साय भी पहुंचे : रात 8.15 बजे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय भी विधानसभा थाने पहुंच गए थे। एसएसपी के साथ उनकी लंबी बातचीत चली। भाजपा नेता उसी बात पर अड़े हुए थे कि पूर्व मंत्री के साथ मारपीट के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए। पुलिस वालों का कहना था, पूर्व मंत्री के साथ ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है। पुलिस ने मारपीट और बदसलूकी के फुटेज दिखाए। भाजपा नेताओं का आरोप था, कि पुलिस आधे-अधूरे फुटेज दिखाकर घटना को छिपा रही है।

आज राजभवन तक मार्च की घोषणा : पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, पुलिस मर्यादा की सीमा पार कर गई। फैसला हुआ है कि आंदोलन जारी रहेगा। जब तक थानेदार पर कार्रवाई नहीं हो जाती, थाने के अंदर धरना होगा। पुलिस चाहे तो हमें अरेस्ट कर लें। अरेस्ट करेगी तो फिर दूसरे लोग उनकी जगह लेने आएंगे। रविवार को राजभवन तक मार्च कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो सोमवार को रायपुर बंद कराया जाएगा।

पुलिस ने जारी किया बयान, बताया पूर्व मंत्री ने पुलिसकर्मियों के सामने की गाली-गलौच : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगमन पर विरोध के शक पर काला कपड़ा पहने युवकों से मारपीट के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं पर की गई कार्रवाई पर रायपुर पुलिस ने स्पष्टीकरण दिया है. वहीं कार्रवाई के विरोध में विधानसभा थाने पहुंचे भाजपा नेताओं को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने थाना पहुंचकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया. इसके साथ राजेश मूणत की पुलिस बलों के खिलाफ शिकायत पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. वहीं नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा कि हम इस घटना की निंदा करते हैं. हमारे कार्यकर्ताओं ने कहीं मारपीट नहीं की है. हमारे कार्यकर्ताओं को जबरन गिरफ्तार किया जा रहा, उन पर गम्भीर धारा लगाई जा रही है. राजेश मूणत के साथ में मारपीट की गई. इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. भाजपा इस मामले में कड़ा विरोध करेगी.

पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि रायपुर में आज केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने उनके आगमन और प्रस्थान के रास्तों में कड़ी व्यवस्था लगाई थी. कार्यक्रम के सिलसिले में जब मंत्री सिंधिया फाफाहीड स्थित होटल में पहुंचे, तभी होटल के सामने मंत्री रुद्रगुरु के निवास के सामने काले रंग का कपड़ा पहने एक लड़के पर विरोध का शक करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसके साथ मारपीट की.्रमौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें रोकते हुए वहां से हटाया, जिस पर दूसरे कार्यकर्ता सड़क पर आकर जोर-जोर से नारेबाजी तथा अश्लील गालियां देने लगे. पुलिस बल के रोके जाने के बावजूद भी उनसे लगातार धक्का-मुक्की करते रहे. कुछ देर बाद राजेश मूणत वहां पर आए और अपने कार्यकर्ताओं के समर्थन में जोर-जोर से अपशब्द कहने लगे. इस पर वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें ऐसा कहने और करने से रोका.केंद्रीय मंत्री की रवानगी के बाद मारपीट करने वाले आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू किया, जिसका विरोध करते हुए पूर्व मंत्री राजेश मूणत उक्त आरोपियों को ले जाने से रोकने लगे तथा पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में जहां ले जाया जा रहा था, उन्हीं के साथ जाने लगे. कानून और व्यवस्था स्थिति को देखते हुए उन्हें शहर के बाहर स्थित विधानसभा थाना सुरक्षार्थ हिरासत में लाया गया. इस दौरान उनका पीछा करते हुए विधानसभा थाने में भी राजेश मूणत ने सैकड़ों की संख्या में अपने समर्थकों को बुलाया और पुलिस के अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की गाली गलौज तथा अभद्रता की गई।

यही नहीं उक्त घटना की वीडियोग्राफी कर रहे पुलिस जवान को मोबाइल छीनकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटक कर तोड़ दिया. भाजपा कार्यकर्ताओं के हिंसात्मक और उग्र कार्रवाई को देखते हुए मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी को मौके से हटना पड़ा. तत्काल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तथा फोर्स थाने पहुंच गया तथा उनके द्वारा तत्काल व्यवस्था को संभाला गया।

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