- घटिया निर्माण और ब्रोशर से ठगी ने बिल्डरों का बिगाड़ा नक्शा
- घटिया निर्माण और ब्रोशर से ठगी ने बिल्डरों का बिगाड़ा नक्शा
- गलत नापजोख, गुणवत्ताहीन निर्माण ले डूबा बिल्डरों को
- 10 लाख का फ्लेट नहीं बिक रहा 2.50 लाख में, लेवालों ने बिल्डरों के झांसे से बनाई दूरी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी सहित प्रदेश के नामचीन बिल्डरों अंधाधुध कमाई करने जितने भी प्रोजेक्ट बनाए जिसमें गुणवत्ताहीन निर्माण के साथ. फ्लेट-जमीन की नापजोख में धोखाधड़ी, बंगलों बनाकर दिया उसका नक्शा खसरा ही गलत है होने के कारण बिल्डरों के बने बहुुमंजिला और इंडूज्यूल बंगलों की जमीन बिना नक्शा पास कराए बना कर बेचने के कारण खरीदारों ने रेरा में शिकायत कर दी है। रेरा में शिकायत होते ही प्रदेश के बिल्डरों को प्रोजेक्ट के दाम धड़ाधड़ गिर रहे है आज की तारीख में औने-पौने में भी खरीदार नहीं मिल रहे है। नामचीन नंबर वन बिल्डरों के साथ कंडम बिल्डरों के माल को खरीदार नहीं मिल रहा है। राजधानी में तो बिल्डरों की हालत और भी पतली हो गई है। उनके एक लाख के माल को कोई 25 हजार में भी खरीदने के लिए तैयार नहीं है।
राजधानी के बिल्डरों और सरकारी बिल्डर हाउसिंग बोर्ड ने पिछले 20 सालों तक प्रदेश की सरकारी जमीनों का भरपूर दोहन कर मालामाल हुए, अब पटिए पर आने के बाद जो प्रापर्टी बची है उसे औने-पौने दाम में बेचने के लिए मीडिया घरानों से लेकर मार्केटिंग वालों के साथ पार्टनशिप करके साधने में लगे हुए है। उसके बाद भी पिछले बीते तिमाही में किसी भी नंबर वन और कंडम बिल्डर की प्रापर्टी नहीं बिकने से अब सड़क पर आ गए है। घटिया निर्माण का ठप्पा लगने के बाद रेरा से रहवासियों ने शिकायत की जिसके लिए रेरा ने नंबर वन और कंडम बिल्डरों को नोटिस जारी कर ब्रोशर के सौदे के अनुसार उपभोक्ताओं को बिना धोखाधड़ी के प्रापर्टी मिलना सुश्चित करें, नहीं तो लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
हाल ही में छग भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण ने रायपुर के दतरेंगा स्थित वालफोर्ट पाक4 व्यू से संबंधित शेष विकास कार्यो को तीन माह में कराने का आदेश पारित किया है। साथ ही प्रकरण में आवेदिका को दो माह के भीतर विकसित भू-खंड का आधिपत्य सौंपने तथा ब्याज राशि 83 हजार 125 रुपए का बी भुगतान करने कहा है। श्यामनगर कोलोनी तिल्दा निवासी आवेदिका ने रेरा में अनावेदक के खिलाफ शिकायत प्रस्तुत की थी, आवेदिका के मुताबिक उसने प्रोजेक्ट वालफोर्ट व्यू दतरेंगा रायपुर में बू-खंड क्रमांक 251 को कुल 8.75 लाख 75 हजार में क्रय कर अगस्त 2018 में पंजीकृत रजिस्ट्री बैनामा निष्पादित किया। आवेदिका के अनुसार अनावेदक को मार्च 2021 तक विवादित भू-खंड का आधिपत्य फ्रदान करना था, लेकिन रजिस्ट्री के तीन साल हो जाने के बाद भी न तो भू-खंड का आधिपत्य मिला और न ही भू-खंड की स्थिति के संबंध में जानकारी मिली। अनावेदक व्दारा नामांतरण कराकर बी-1 की प्रति भी प्रदान नहीं की गई आवोदिका ने छग रेरा में शिकायत करते हुए अनावेदक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
रेरा की फटकार
रेरा ने कहा कि अनावेदक ने आवेदिका को विकसित भूृ-खंड का आधिपत्य सौंपने में विलंब किया है। आवेदिका विकसित भू-खंड का आधिपत्य व विलंबित अवदि के लि एब्याज पाने की हकदार है। अनावेदक परोजेक्ट का विकास कार्य पूर्ण करने के लिए जवाबदेही है। उसे विकसित भू-खंड ही देना होगा।