रायपुर। "अंगदान महादान" की परिकल्पना को साकार करते हुए राजधानी रायपुर निवासी 44 वर्षीय अमरजीत कौर ने अंगदान कर छत्तीसगढ़ के लिए प्रेरणा बन गई हैं। शनिवार 19 नवंबर को उनके आकस्मिक निधन के पश्चात उनके परिवार वालों की सहमति और मदद से उनका अंगदान हुआ। इस तरह अंगदान यानि (हृदय, लीवर, दोनों किडनी और दोनों आंखें) दान कर जरूरतमंद कई लोगों की जान उन्होंने बचाई। अंगदान कर स्व. अमरजीत कौर ने मरने के बाद भी अपनी सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए समाज के लिए प्रेरणा बन गईं।
हालांकि इस अंगदान के लिए आर्थोपेडिक सर्जन एवं सोटो (SOTTO- State Organ & Tissue Transplant Organization) छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर डॉ. विनीत जैन ने उनके परिवार को अंगदान के लिए प्रेरित किया क्योंकि स्व. अमरजीत कौर उनकी मरीज थीं। मरणोपरांत तभी अमरजीत कौर के पति सुरेन्दर सिंग एवं परिवार के अन्य लोगों ने डॉ. विनीत से परामर्श लिया। डॉ. विनीत ने उनके परिवार को अंगदान के लिए प्रेरित किया। इस तरह अमरजीत कौर के अंगदान से एक ओर जहां राज्य को पहला अंगदान मिला है। वहीं इससे कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकेगी। इसके लिए राष्ट्रीय आर्गन ट्रांसप्लांट राष्ट्रीय कार्यालय ने भी संदेश भेजकर अंगदान करने वाले परिवार के साहसिक निर्णय और राज्य के प्रयास की सराहना की है। इस संबंध में राज्य नोडल अधिकारी आर्गन एवं उत्तक प्रत्यारोपण डॉ. कमलेश जैन ने बताया: "अंगदान एवं मिले अंग का उपयोग भी कानूनी प्रक्रिया से किया जाता है। राज्य को पहला अंगदान मिला है इसके लिए परिवार को साधुवाद। समाज के अन्य लोगों को भी इस कार्य में आगे आना चाहिए।" वहीं इस संबंध में डॉ. विनीत जैन ने बताया: "अमरजीत कौर के परिवार ने सराहनीय पहल की है। उनके प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं I अन्य लोगों की जान बचाने के लिए उन्होंने एक बहुत ही साहसिक निर्णय लिया है। उस परिवार ने राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग और व्यक्तिगत रूप से आर्गन ट्रांसप्लांट के प्रति संवेदना महसूस की और अंगदान (हृदय के वाल्व, लीवर, दोनों किडनी और दोनों आंखें (कार्निया)) दान किया। समाज के अन्य लोगों को भी इस ओर आगे आना चाहिए, ताकि जरूरतमंदों की जिंदगी बचाई जा सके।"
उल्लेखनीय है कि अंगदान और इसकी प्रक्रिया के लिए स्वास्थ्य सचिव आर. प्रसन्ना एवं स्वास्थ्य संचालक भीम सिंह शासन स्तर से सहयोग कर रहे हैं। राज्य को मिलने वाले पहले अंगदान के लिए सभी अधिकारियों ने स्व.अमरजीत कौर को श्रद्धांजलि देते हुए परिवार के लोगों की इस पुनीत कार्य के लिए सराहना की है।
हमारे बीच ही रहे, इसलिए किया अंगदान- स्व. अमरजीत कौर के पति सुरेन्दर सिंग ने बताया: "मेरी पत्नी दूसरों की तकलीफ देखकर खुद भी परेशान हो जाती थी। वह लोगों की सेवा में विश्वास रखती थी। उसकी इसी भावना का सम्मान करते हुए और अन्य पीड़ित लोगों की जिंदगी रोशन करने के लिए हमने 'अमरजीत' के अंग का दान किया है। आज वो हमारे बीच नहीं है, लेकिन वह हमारे आसपास ही है। कहीं ना जाए वह यहीं हमारे पास रहे इसलिए उसका अंगदान किया है। इस पुनीत कार्य में स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ही डॉ. विनीत जैन का साधुवाद। कई वर्षों पूर्व स्व. अमरजीत कौर के पैर का इलाज डॉ. विनीत ने ही किया था। इस वजह से पैरों में जब भी तकलीफ होती थी, अमरजीत लगातार डॉ. विनीत से संपर्क करती थी। अस्पताल में जब उसका देहांत हुआ तो सोटो SOTTO के डायरेक्टर और अमरजीत के डॉ. विनीत से हमने संपर्क किया। इसके बाद हमने अंगदान करने की सहमति दी। अंगदान एक पुनीत कार्य है, समाज के अन्य लोगों को भी इस ओर विचार करना चाहिए।"
अंगदान के लिए 104 पर करें संपर्क- डॉ. विनीत जैन ने बताया स्वास्थ्य विभाग की ओर से अंगदान करने के इच्छुक लोगों के लिए टोल फ्री नंबर 104 से संपर्क किया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदेश के बड़े अस्पतालों में भी ब्रेनडेड के मामले आने पर अंगदान की प्रक्रिया कराई जा सकती है। वैसे राष्ट्रीय स्तर पर अंगदान करने के इच्छुक व्यक्ति अपना पंजीयन करा सकते हैं। राज्य में अंगदान करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन सुविधा प्रक्रियाधीन है।