शिमला महोत्सव में रायपुर की मिताली दासगुप्ता को मिला प्रथम पुरस्कार
रायपुर। गीता आर्ट एक्ट व नृत्य एसोसिएशन एवं रबिन्द्र निकेतन कालीबाड़ी, हुडको, भिलाई के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 7वां गीतांश उत्सव का आयोजन दिनांक 26 से 28 मई को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में किया गया। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक नृत्य, एकल नृत्य, गायन, वादन, ड्राईंग-पंेटिंग में विभिन्न आयु वर्ग के समूह के बीच प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया था। उक्त आयोजन में देश के 15 राज्यों - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आसाम, सिक्किम, उड़िसा, बिहार, झारखण्ड से 150 प्रतिभागी एवं कलाकारों ने भाग लिया। इस आयोजन में रायपुर की मिताली दासगुप्ता एवं उनकी टीम को सामूहिक नृत्य में प्रथम स्थान मिला वहीं एकल नृत्य भरतनाट्यम में भी मिताली ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
मिताली के नृत्य में से उपस्थित सभी अतिथिगण, निर्णायक मंडल एवम् दर्शकगण मंत्रमुग्ध हो गए एवं सभी ने उनकी प्रशंसा की। सामूहिक नृत्य में मिताली की टीम में अनन्या, ईषा दाधुलकर, शाम्भवि शुक्ला एवं अन्य थे। मिताली 03 वर्ष की उम्र से ही भरतनाट्यम सीख रही हैं साथ ही पारम्परिक नृत्य तथा वेस्टर्न डांस भी करती हैं। इसके पूर्व भी कलकत्ता में आयोजित अंतराष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में भरतनाट्यम नृत्य शैली में मिताली ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया था। साथ ही विभिन्न नृत्य प्रतियोगिताओं में भी वे प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त कर चुकी है।
वर्तमान में मिताली के.पी.एस. रायपुर में कक्षा 12 वीं में अध्यनरत है एवं खैरागढ़ संगीत विश्विद्यालय में नृत्य शैली की पढाई कर रही है। मिताली ने बताया कि नृत्यकला में डॉ. राखी रॉय उनकी प्रेरणास्त्रोत है। वे अपनी इस सफलता का श्रेय अपने गुरु व मार्गदर्शक नृत्यांजलि डांस एकेडमी के संचालक कमलेश मरकाम, पिता सुब्रत दासगुप्ता एवं माता पायल दासगुप्ता को देतीं हैं। मिताली के पिता सुब्रत ने भी 1992 में खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से संगीत एवं ड्रामा का कोर्स किया था और वे बचपन से ही अपनी बेटी मिताली को संगीत एवं नृत्य कला के विषय में शिक्षा देते रहें है।