छत्तीसगढ़

रायपुर : कोकीन, ब्राउन शुगर, चरस, हेरोइन व गांजे की जद में राजधानी के युवा

Nilmani Pal
8 Oct 2020 6:13 AM GMT
रायपुर : कोकीन, ब्राउन शुगर, चरस, हेरोइन व गांजे की जद में राजधानी के युवा
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सावधान हो जाइए ...नशे का कारोबार अब युवाओं के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है। कोकीन, ब्राउन शुगर, चरस, हेरोइन, एक्स्टेसी हर वैरायटी का नशीला जानलेवा माल युवाओं को इस कदर जकड़ लिया है कि वे चाह कर भी उससे मुक्त नहीं हो पा रहे है

> नशे की लत ने युवाओं को अपराध की दलदल में धकेला

शांतनु रॉय

रायपुर। सावधान हो जाइए ...नशे का कारोबार अब युवाओं के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है। कोकीन, ब्राउन शुगर, चरस, हेरोइन, एक्स्टेसी हर वैरायटी का नशीला जानलेवा माल युवाओं को इस कदर जकड़ लिया है कि वे चाह कर भी उससे मुक्त नहीं हो पा रहे है। पाँच सौ रूपये से लेकर दस हजार रूपए तक की खुराक वाले नशा का सामान राजधानी में उपलब्ध है। युवा नसे के सुरूर में मदमस्त रहना चाहते हैं, तो इधर उधर न भटकें। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सब मिलेगा। वर्तमान समय में नशा युवाओं को अपनी चपेट में पूरी तरह ले चुका है और परिजनों को इस बात की भनक तक नहीं है। नशे का कारोबारी महंगे होटलों, रेस्टोरेंटों और बार जैसी जगहों पर पार्टियों के नाम पर नशे का सामान परोस रहे है। रायपुर को आज नशे के कारोबारियों ने पूरी तरह से अपने शिकंजा कस लिया है। पुलिस और नसे के कारोबारियों में पकड़ो-छोड़ों का खेल चल रहा है, पुलिस की लगातार कार्रवाई के नशे के सौदागरों में हड़कंप मचा हुआ है। नशे के कारोबारियों के ठिकानों पर पुलिस ने मुखबिर लगा दिए है। जिससे पिछले एक सप्ताह में दर्जन भर से अधिक छापामार कार्रवाई कर पुलिस ने उनके हौसले पस्त कर दिए है। लगातार नशे के सौदागरों की गतिविधियों पर नजऱ रखी हुई है। जिसकी वजह से हालात में कुछ हद तक नियंंित्रत नजर आ रहा है। नशा आज युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है और नशे के सौदागर युवाओं के आस-पास ही भटकने से कतरा रहे है। युवाओं के लिए नशा जानलेवा तो ही और भी उसके हानिकारक दुष्परिणाम भी राजधानी में देखने को मिल रहे है। लगातार चाकूबाजी, छिनताई, उठाईगिरी, छेड़छाड़, मारपीट, लूटपाट की घटनाए बढ़ गई है।

राजधानी के नव धनाढ्य परिवारों के युवाओं की पूरी जि़ंदगी नशे की गहरी खाई डूब गई है जहां से निकल पाना असंभव नजर आ रहा है। शहर में नशे का व्यापार करने वालों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि उन्हें पुलिस का भी कोई डर नहीं है मगर उसके बावजूद पुलिस ऐसे नशेडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पहले तो युवा स्कूल व कॉलेज में बीड़ी, सिगरेट व गुटखा का सेवन मस्ती करने के लिए करते हैं लेकिन बाद में इनकी लत लग जाती है।

कुछ तो शराब, चरस व अफीम के इतने आदी हो जाते हैं कि इनसे छुटकारा पाना उनके लिए मुश्किल होता है। नशा चाहे किसी भी प्रकार का हो इससे मानसिक व शारीरिक नुकसान पहुंचता है। युवाओं को मादक पदार्थो का सेवन करने से बचना चाहिए। पुलिस समय-समय पर सार्वजनिक स्थानों पर दबिश देकर नशे का सेवन करने वालों पर शिकंजा तो कस रही है लेकिन आम जनता का भी सहयोग अपेक्षित है।

आन डिमांड माल की सप्लाई : राजधानी नशे के सौदागरों के लिए सेफ जोन बनती जा रही है। यहां नीचे तबके से लेकर हाई प्रोफाइल लोगों के लिए अलग-अलग किस्म की नशे की सामग्री उपलब्ध हैं। 10 रुपए में बिकने वाले गांजे से लेकर 5-10 हजार रुपए प्रति ग्राम तक की कोकीन भी डिमांड पर उपलब्ध है। नशे के सौदागरों द्वारा डिमांड के आधार पर इसे मुंबई से मंगाया जा रहा है। इस महंगे नशे के ग्राहक बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में घूमने वाले रईस हैं, जिनमें युवक-युवतियों से लेकर महिलाएं भी शामिल हैं। जानकारी मिली है कि इनके लिए सबसे सेफ जोन वीआईपी रोड में स्थित बड़े-बड़े होटल हैं, जहां इन मादक द्रव्यों की सप्लाई की जाती है। त्यौहारों में इनकी डिमांड बढ़ जाती है और डिमांड बढऩे के साथ ही इनकी कीमत भी दो गुनी हो जाती है।।

समय-समय पर करते हैं कार्रवाई: पुलिस : होटलों में खास तौर पर नशे के शौकिनों के लिए पार्टियां भी आयोजित होती हैं। बड़े-बड़े होटल और यहां आने वाले रसूखदारों की वजह से पुलिस यहां पूछताछ करने आती है और किसी तरह की कोई गड़बड़ दिखती है तो पुलिस उस पर तत्काल कार्रवाई करती है। पुलिस का कहना है कि समय-समय पर पुख्ता जानकारी मिलने पर लगातार छापामार कार्रवाई कर रहेे हैं। यह पुलिस कार्यप्रणाली की एक सतत प्रक्रिया है जो लगातार जारी रहेगी।

नाबालिग सबसे ज्यादा चपेट में

बच्चों के लिए सस्ता नशा इजाद हो चुका है, नशा के लिए बोनफिक्स तथा सुलेसन को सूंघ कर नशे की सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जो वास्तव में चौकाने वाला है। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि आज 10 से 22 वर्ष तक के बच्चों द्वारा इजाद किया गया यह नया नशा धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। बोनफिक्स का नशा किये जाने के संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इन दिनों अधिकाश बच्चों में नशा की यह लत देखी जा रही है। बोनफिक्स, सुलेसन जो किसी टूटे हुए वस्तु के साटने के उपयोग में लाया जाता है। लेकिन बच्चे इसका उपयोग नशा के रूप में इस तरह से इस्तेमाल करते हैं। पेस्ट को सूती कपड़े या फिर प्लास्टिक में निकल कर हल्का धूप लगाकर सांसों द्वारा ऊपर खींचते हैं। एक से दो बार यह क्रम करने के बाद वे बधो खुद व खुद नशे कि हाल में आ जाते हैं। इसके बाद उन्हें यह कहां पता होता है कि सामने कोई और है भी या नहीं।

नशे के लिए छेड़ा गया अभियान, एक गिरफ्तार

राजधानी में नशे के कारोबारियों के खिलाफ पुलिस ने अभियान छेड़ दिया है, इसी अभियान के तहत मौदहापारा पुलिस ने प्रतिबंधित नशीली टैबलेट बेचते एक युवक को गिरफ्तार किया था। आरोपी युवक शेख साहिल उम्र 20 साल रजबंधा मैदान का रहने वाला था। थाना मौदहापारा की टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक युवक नशीली टेबलेट बेचने की फिराक में घूम रहा है। पुलिस ने सूचना के आधार पर युवक की पहचान की और उससे पूछताछ की जिसमे उसने टेबलेट बेचने की बात कबूला है। पुलिस के मुताबिक आरोपी युवक के पास से करीब 15 सौ नग प्रतिबंधित नशीली टेबलेट बरामद हुई थी जिसकी कीमत करीब 8 हजार रूपये बताई जा रही थी। ऐसे अभियान चलाकर पुलिस आरोपियों को अपनी गिरफ्त में लेते जा रहे है।

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