आज से निगम की राजस्व टीम चलाएगी अभियान
रायपुर (जसेरि)। नगर निगम के राजस्व विभाग की टीम की ओर से विगत दिवस गोलबाजार का ड्रोन सर्वे और रविवार को वीडियो सर्वे किया गया। विगत दिवस किए गए ड्रोन सर्वे से नगर निगम के राजस्व विभाग को यह जानकारी प्राप्त होगी कि खुलने के बाद गोलबाजार कैसा दिखता है। रविवार को बंद दुकानों के वीडियो सर्वे से नगर निगम के राजस्व विभाग को यह जानकारी प्राप्त हो सकेगी कि बंद होने पर गोलबाजार कैसा दिखता है। महापौर एजाज ढेबर और आयुक्त सौरभ कुमार के निर्देश पर नगर निगम की राजस्व विभाग टीम गोलबाजार की प्रत्येक दुकान की लम्बाई और चौड़ाई की नाप लेगी। निगम राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक सर्वे के दौरान नगर निगम राजस्व विभाग की टीमों की ओर से स्थल पर दुकानदारों से दुकान से संबंधित दस्तावेज भी लिए जाएंगे। प्रारंभिक सर्वे के दौरान किसी भी दुकानदार को नगर निगम राजस्व विभाग की टीम की ओर से दुकान के दस्तावेज देने कोई निर्देश नहीं दिया जाएगा।
रजिस्ट्री जनवरी के अंत तक : गोलबाजार के कारोबारियों को मालिकाना हक देने और दुकानों की रजिस्ट्री की तैयारी में जुटा निगम अंतत: इसकी प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। निगम का राजस्व अमला टीमें बनाकर सोमवार को बाजार में पहुंचेगा। वह रिकार्ड निकाल लिया गया है, जो यह बताता है कि किस कारोबारी को 40-50 साल पहले बाजार में कितनी जगह दी गई थी। इसी आधार पर दुकान की नापजोख होगी, ताकि यह साफ हो जाएगा कि दुकान की जगह बढ़ाई गई है या नहीं। यदि मौके पर आबंटन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध होंगे, तो निगम का अमला उन्हें भी लेगा। यह प्रक्रिया अगले माह के पहले हफ्ते में पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद औपचारिकता पूरी करके जनवरी अंत में ही गोलबाजार के व्यापारियों की रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी। गोलबाजार में साढ़े 9 सौ से Óयादा व्यापारी हैं, जिन्हें पहली बार दुकान का मालिकाना हक मिलेगा। हालांकि रजिस्ट्री में उनके पैसे भी खर्च होंगे। हाल में गोलबाजार की लगभग 4 एकड़ जमीन शासन ने निगम को ट्रांसफर कर दी है और उसके डेवलपमेंट का अधिकार भी सौंप दिया है। इसीलिए दुकानों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है। कारोबारियों से कई दौर की चर्चा के बाद अब योजना में किसी तरह की अड़चन नहीं रह गई है। इसलिए निगम ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार से राजस्व विभाग की टीम बाजार की दुकानों का फिजिकल सर्वे शुरू करेगी। एक-एक दुकान का साइज नापने के साथ-साथ काबिज दुकानदार की पूरी जानकारी ली जाएगी। यदि कारोबारी के पास दुकान में ही आबंटन से संबंधित या किसी भी तरह के आधिपत्य दस्तावेज हैं, तो वे अधिकारियों को दे सकते हैं।
पूरे बाजार का ड्रोन सर्वे किया गया निगम ने रविवार को बाजार का ड्रोन सर्वे किया। इसका उद्देश्य यह देखना है कि बाजार में दुकानदारों के कब्जे कितने हैं, कहां-कहां और किस गली में सड़कें नजर आ रही हैं, किस गली में कारोबारियों ने सड़क तक छÓजे निकाल लिए हैं या फिर दुकान खुलने के बाद कितना हिस्सा कब्जा हो रहा है। दरअसल, बाजार में मुख्य समस्या चलने-फिरने की है। सड़कें इतनी चौड़ी है कि वहां से बड़ी गाडिय़ां भी आसानी से गुजर जाएं, लेकिन कब्जों की वजह से दिन में यहां आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को सभी दुकानें बंद होने के कारण ही ड्रोन सर्वे किया गया। बंद दुकानों के वीडियो सर्वे से राजस्व विभाग को यह जानकारी मिली कि बंद होने पर गोलबाजार कैसा दिख रहा है। भौतिक सत्यापन सर्वे पर और वास्तविक लिस्ट अलग-अलग नाम होने के कारण सभी को संतुष्ट कर पाना नगर निगम के लिए टेढ़ी खीर है