रायपुर: कारोबारी के ठिकानों से मिले करोड़ों की कर चोरी के दस्तावेज

रायपुर। राजधानी के केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के अधिकारियों ने रायपुर में मेसर्स साईनाथ एंटरप्राइजेज के मालिक बासुदेव मित्तल के कबीरनगर स्थित परिसर में छापा मारा। इनके पास से करोड़ों की कर चोरी के दस्तावेज मिले हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है। बासुदेव मित्तल ओडिशा स्थित कुछ फर्जी फर्मों से फर्जी बिलों की व्यवस्था कर फर्जी इनपुट से टैक्स क्रेडिट ले रहे थे। इस तरीके से फर्म में 31 करोड़ के माल पर 5.69 करोड़ की जीएसटी के फर्जीवाड़े का पता चला। कारोबारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया।
जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर एसके बंसल के मुताबिक इस प्रयोजन हेतु मेसर्स साईनाथ इंटरप्राइजेज ओडिशा स्थित कुछ फर्जी फर्मों के द्वारा फर्जी बिलों की व्यवस्था कर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहा था. इस तरीके से उक्त फर्म में 31 करोड़ रुपए के मूल्य के माल पर 5.69 करोड़ रुपये के जीएसटी के फर्जीवाड़े का पता चला। मैसर्स साईनाथ एंटरप्राइजेज के मालिक बासुदेव मित्तल, जो इस तरह के लेनदेन के एकमात्र लाभार्थी हैं, के द्वारा किया गया अपराध सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1) (एल) (आई) के तहत दंडनीय है। तदनुसार, उन्हें 30.03.2022 को सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69(1) के प्रावधानों के तहत केंद्रीय जीएसटी टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था। बासुदेव मित्तल को 31.03.2022 को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया और माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियुक्त का 14 दिनों का रिमांड मंजूर किया | बासुदेव मित्तल ने गिरफ्तारी के बाद GST चालान के द्वारा रूपए 76 लाख रुपये का टैक्स जमा किया.
जीएसटी कानून के तहत केंद्रीय जीएसटी आयुक्तालय, रायपुर द्वारा की गई यह छठी गिरफ्तारी है। हाल के दिनों में सीजीएसटी, रायपुर ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ और विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त प्रवर्तन कार्रवाई की है। वित्त वर्ष 2021-22 में ही कर चोरी के 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें लगभग 650 करोड़ रुपये के कर अपवंचन (कर चोरी) का पता चला।
एक अन्य उल्लेखनीय उपलब्धि में सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय ने वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 3328 करोड़ रुपये अधिक जीएसटी एकत्र किया है। वित्त वर्ष 202021 में संग्रहीत 9627 करोड़ रुपये जीएसटी की तुलना में, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल जीएसटी संग्रहण 12961 करोड़ रुपये रहा, अर्थात 35% की भारी वृद्धि दर्ज की गई। वहीं अखिल भारतीय स्तर पर 26% की वृद्धि दर्ज की गई है। पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में वित वर्ष 2020-21 के लिए संग्रहीत कुल जीएसटी राजस्व 24,357 करोड़ रुपये की तुलना में, वित वर्ष 2021-22 के लिए कुल जीएसटी राजस्व संग्रहण 29,392 करोड़ रुपये रहा, जिसके परिणामस्वरूप कुल मिलाकर 20% की वृद्धि हुई।
इसके अलावा केंद्रीय जीएसटी आयुक्तालय, रायपुर कई कर अनुकूल उपायों को लाग करने के मामले में भी बहुत सक्रिय रहा है। मार्च 2020 से अर्थात जब कोरोना महामारी शुरू हुई थी उसी समय से सीजीएसटी अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि करदाताओं को अपने वैधानिक दायित्व को पूरा करते समय किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। लंबित रिफंड को फास्ट ट्रैक करने के लिए अप्रैल-जून 2020 के दौरान तुरंत विशेष रिफंड अभियान शुरू किया गया था और उसके बाद यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी रिफंड 30 दिनों के भीतर अच्छी तरह से संसाधित हो जाएं। महामारी की अवधि के दौरान भी समय पर सत्यापन सुनिश्चित करके नए पंजीकरण प्रदान किए गए। ज्यादातर मामलों में ऑनलाइन सुनवाई की गई और मुकदमेबाजी को कम करने के लिए विवादित मामलों का फैसला किया गया। कानून में किए गए परिवर्तनों के संबंध में शंकाओं को दूर करने के लिए करदाताओं और कर व्यवसायियों के साथ कई वेबिनार और विशेष आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और उनके अभ्यावेदनों का समुचित निराकरण भी किया गया आयुक्तालय मुख्यालय, रायपुर में नया व्यापार सुविधा केंद्र भी स्थापित किया गया है।