छत्तीसगढ़

रायपुर : पुलिस को चमका देने सटोरिए करते हैं कोडवर्ड का इस्तेमाल

Nilmani Pal
22 Oct 2020 6:39 AM GMT
रायपुर : पुलिस को चमका देने सटोरिए करते हैं कोडवर्ड का इस्तेमाल
x

> लॉकडाउन-अनलॉक से सट्टा-जुआ और नशा का धंधा बेअसर

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में सट्टे का काला कारोबार आए दिन बढ़ते जा रहा है। और लोग सट्टे में लाखों रुपयों को पानी की तरह बहा रहे है। रायपुर में कोरोना संकटकाल में व्यापारी वर्ग से लेकर आम लोग बेहद परेशान हैं। मगर, इन सब के बीच गांजा, शराब, सट्टा और जुआ का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। असामाजिक तत्वों ने अपने धंधों को चलाने के लिए जगह-जगह पर अड्डे बना लिए हैं। बस्तियों के सुलभ शौचालयो के बाहर दिन और रात सट्टा, जुआ, गांजा, अवैध शराब और नशीली दवाई बेची जा रही हैं। उनका संचालन बेखौफ किया जा रहा है। क्रिकेट का रोमांचक टूर्नामेंट आइपीएल शुरू हो गया है। इसके साथ शहर में सट्टा बाजार भी सज गया है। सट्टा माफियाओं ने अनेक स्थानों पर अपने गुर्गे फिट कर दिए हैं। इस कारोबार में व्यापारियों और युवा पीढ़ी का जोर ज्यादा है। सट्टा माफियाओं ने अपना पूरा सेटअप तैयार कर लिया है। मैच में रुपये लगाने वालों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए गली-मुहल्ले में सट्टा माफिया सक्रिय हो गए हैं, जो सट्टा लगवाने के काम को बखूबी से अंजाम देंगे। शहर के तमाम पॉश इलाकों और घनी आबादी वाले इलाकों में सट्टाबाजी खेल खेलने और खिलाने वाले तैयार हैं। इसे के चलते सिविल लाइन थाना क्षेत्र में सट्टा पकड़ाया और सट्टा पट्टी काटते हुए पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

बड़े बुकी बाहर, एजेंट हवाला के जरिए पहुंचाते हैं पैसा

रायपुर के कई बड़े बुकी दिल्ली, गोवा, ओडिशा और मुंबई चले गए हैं। वहां बड़े होटलों में ठहरकर रायपुर में सट्टा संचालित कर रहे हैं। मोबाइल एप के जरिए लाइन देते हैं और उससे बुकिंग लेते हैं। सट्टे की राशि को इक_ा करके दूसरे शहर में बैठे बुकी तक पहुंचाने के लिए कलेक्शन एजेंट पूरी राशि किसी बड़े व्यापारी के दुकान में छोड़ता है। कारोबारी हवाला के जरिए बुकी तक पूरी रकम पहुंचाता है। प्रदेश में आइपीएल मैच के दौरान सट्टा लगाने वाले कई एजेंट ऐसे हैं, जिनका अपराधी किस्म के लोगों से कनेक्शन है। ये एजेंट अपराधी किस्म के लोगों के जरिए ही पैसा वसूली करते हैं।

सट्टे की भाषा

बुकी - डिब्बा

एजेंट - पंटर

क्लाइंट- लाइन

एक लाख- एक पैसा

सवा लाख- सवा पैसा

25 हजार- चवन्नी

50 हजार- अठन्नाी

भाव- डिब्बे की आवाज

20 ओवर- लंबी पारी

10 ओवर- सेशन

छह ओवर- छोटी पारी

शर्त कम करना- खा जाना

यहां चल रहा कारोबार : पुरानी बस्ती, गंज, गोलबाजार, कोतवाली, खमतराई, गुढिय़ारी, तेलीबांधा, न्यू राजेंद्रनगर इलाके का जायजा लेकर लोगों से बातचीत की। पता चला कि कप्तान का फरमान अब बेअसर साबित होने लगा है। खुलेआम सटोरिए सट्टा-पट्टी काट रहे हैं। शराब-गांजा बेचने वाले भी बेधड़क धंधा कर रहे हैं। गंज थाना क्षेत्र के चूनाभ_ी इलाके में सुबह से बाल्टियों में रखकर खुलेआम शराब बेचते कोचियों पर कार्रवाई नहीं हो पाती पुलिस को देखकर सभी भाग जाते है। शराब की दुकानों के बंद होने के बाद शराब का रेट तीन गुना तक हो जाता है। यही हाल अन्य मोहल्लों का भी है।

सुबह से रात तक बिकते हैं नशीले पदार्थ

पुरानी बस्ती के लाखेनगर चौक, नर्मदापारा, चूनाभ_ी, गुढिय़ारी के पहाड़ीपारा चौक, गोलबाजार थाने के ठीक सामने गली में, नेहरुनगर, पेंशनबाड़ा, ओसीएम चौक के पास, खमतराई ओवरब्रिज आदि स्थानों पर लंबे समय से सट्टा-पट्टी, शराब, गांजा बेचने का कारोबार चल रहा है। रहवासियों की शिकायत थाना पुलिस हमेशा नजर अंदाज कर देती है। तय अड्डों पर बैठे कोचिया खुलेआम देसी, अंग्रेजी शराब के साथ-साथ गांजा आदि बेच रहे हैं। शराब, गांजा बेचने का काम सुबह छह बजे से शुरू होता है और शराब दुकान खुलने के दो घंटे बाद तक चलता है। दोपहर एक बजे शराब की अवैध ब्रिकी बंद कर दी जाती है। फिर रात नौ बजे से दोबारा यह काम शुरु होता है, जो रात एक बजे तक चलता है।

Next Story