छत्तीसगढ़

रायपुर: सस्ते में फूल इंजाय के नाम पर परोसा जा रहा है जहर

Admin2
27 Nov 2020 5:50 AM GMT
रायपुर: सस्ते में फूल इंजाय के नाम पर परोसा जा रहा है जहर
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कोरोना इफेक्ट: होटल-रेस्टारेंट, क्लब बन गए नशे के स्कूल

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। कोरोनाकाल में स्कूल बंद होने का लाभ होटल, क्लब, रेस्टारेंट वालों ने जमकर उठाया, पढ़ाई के साथ कमाई के नाम पर स्कूल जाने वाले बच्चों को अपने होटल, क्लब, रेस्टारेंट में पढ़ाई और कमाई करने के नाम पर बुलाकर सस्ते में फूल इंजाय का लालच देकर पढ़ाई लिखाई करने वाले टेलेंटेड बच्चों को नशे की गर्त में ढकेल दिया।

नाबालिग और युवा बच्चे भविष्य की चिंता छोड़ सुट्टा के जुगाड़ में होटल-होटल भटकते नजर आ रहे है। राजधानी में चल रहे हुक्का का अवैध कारोबार और युवाओं को अपनी चपेट में ले लिया हैं, युवा भविष्य की चिंता छोड़ सुट्टा के चस्का में सुध-बुध खो बैठेे हैं। वहीं कमजोर कानूनी धाराओं और कार्यवाही की वजह से हुक्का बार के संचालक धड़ल्ले से खुलेआम व्यापार कर स्कूली बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। रायपुर समेत पूरे प्रदेश मे हुक्का बार के लिए कोई कठोर कानून नहीं होने के कारण ये उद्योग खूब फलफूल रहे है। साथ ही इसमें डालकर पिए जाने वाला तंबाकू फ्लेवर खुलेआम पान ठेलों पर बिक रहा है। राजधानी में ऐसा कोई इलाका नहीं हैं जहां ये हुक्का बार अवैध रूप से संचालित न हो रहे हों। पुलिस समय-समय पर कार्रवाई जरूर करती है लेकिन कोई कठोर नियम नहीं होने की वजह से मामूली जुर्माने के बाद संचालक आसानी से छूट जाते हैं । अब तो पुलिस भी ऐसे संचालकों से त्रस्त हो गई हैं। पुलिस अपना काम कर लेती है मगर जमानती अपराध के आरोपी छूट जाते हैं। जिसकी वजह से ये कारोबार पूरे शहर समेत प्रदेश में धड़ल्ले से संचालित होते आ रहे है। सिर्फ हुक्का बार ही नहीं इन दिनों शहर के कई बडे नामी-गिरामी होटल रेस्ट्रोरेंट में भी हुक्का परोसा जा रहा है। इन हुक्का बार या रेस्टारेंट में नाबालिगों की इंट्री पर रोक का बाहर बोर्ड जरूर लगा रहता है लेकिन ज्यादात्तर नाबालिग ही हुक्का के कस लेकर धुंआ उड़ाते देखे जा सकते हैं। जानकारों के मुताबिक इसमें मिलाकर पिए जाने वाला तंबाकू फ्लेवर हानिकारिक होता है लेकिन उसके बावाजूद शहर के सभी छोटे बड़े पान दुकानों पर आसानी से बिक रहा है लेकिन प्रशासन है कि उसके कान पर कोई जूं नही रेंगती। इसमें कहीं न कहीं पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है। एक थाना इलाके में 15 से 30 हुक्का बार संचालित हो रहे हैं या रेस्ट्रॉरेंट में हुक्का परोसा जा रहा है और पुलिस को न मालूम हो ऐसा संभव नही दिखता, फिलहाल इसके लिए प्रशासन को कठोर कानून बनाने की जरूरत है जिससे युवा पीढ़ी को इस नशे दलदल से बचाया जा सके।

नशे के लिए होते अपराध

अक्सर ऐसा देखा जाता हैं कि बच्चे नशे की आड़ में गलत धंधों में फंस जाते हैं। मगर इसके पीछे कुछ नामी बदमाशों का हाथ होने की आशंका से पुलिस बी इंकार नहीं कर रही हैं। पुलिस अपराधी को गिरफ़्तार कर उसे न्यायालय पेश कर देती हैं। मगर कोर्ट द्वारा नाबालिगों को उनके भविष्य के बारे में सोच समझकर निर्णय देना होता हैं। जिससे की अपराध किये हुये और अपराधी और अपराध में संलिप्त आरोपी कभी-कभी छूट जाते हैं। पुलिस को भी हमेशा जमानती अपराधियों से काफी परेशानी होती हैं।

खुलेआम चल रहा सट्टा

रायपुर की गलियों में चल रहा सट्टा, जीतने के बाद बट रहे पैसे। रायपुर जैसे शहर में सट्टा चलना आम बात है मगर ऐसी जगह सट्टा खिलाना जहां दिन भर यातायात पुलिस का बल ट्रैफिक की सेवा देते हैं उनके सामने इस तरह की अवैध कारोबारी चलाई जाती हैं। सट्टा खिलाने वाले आरोपी अपने आपको उस इलाके में सुरक्षित मानते हैं। और सट्टेबाजों के खिलाफ आज तक थाना में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं हुई है, जिससे अपराधी सीना तानकर घूमते हैं। रायपुर में क्रिकेट को लेकर सट्टा और भी मैचों को लेकर भारी सट्टा खिलाया जाता हैं। सट्टा खिलाने के लिए सेवन स्टार नामक विशेष एप का भी इस्तेमाल किया जाता हैं। जब-जब रायपुर में आईपीएल क्रिकेट मैच चालू होता हैं उस वक्त सट्टा खिलाने वाले लोगों के प्यारे-न्यारे हो जाते हैं और खुलेआम अपने घरों में भी मोबाइल के जरिए सट्टा खिलाते हैं।

पुलिस ने भी अपराधियों पर कसे शिकंजे

एक तरफ आरोपियों का आतंक बढ़ते जा रहा हैं तो वही दूसरी तरफ पुलिस भी अपराधियों पर अपनी नकेल सकती जा रही हैं। पुलिस ने हर मामले में वरिष्ठ अधिकारीयों के दिशा निर्देशनों से आरोपियों को 24 घंटे में भी गिरफ्तार किया जाता हैं। अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस विभाग हाइटेक सिस्टम अपनाने लगा है। इसके बाद भी अपराधियों से नित नई चुनौती मिल रही है और इससे पुलिस को जूझना पड़ रहा है। पुलिस दो कदम आगे जाती है, तब तक अपराधी चार कदम आगे चले जाते हैं। शहर की यातायात व्यवस्था को स्मूथ रखने के लिए यातायात पुलिस को पहले से कहीं ज्यादा हाइटेक सुविधाओं से लैस किया गया है। आने वाले दिनों में यातायात पुलिस को और भी हाइटेक उपकरण मिलने वाले हैं। गूगल मैप से जुड़ेंगे कैमरे, एक क्लिक से पकड़े जाएंगे अपराधी।

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