छत्तीसगढ़

Chhattisgarh News: निजात अभियान के महारथी ने सैकड़ों युवाओं को भटकने से बचाया...

Nilmani Pal
25 Jun 2024 6:05 AM GMT
Chhattisgarh News: निजात अभियान के महारथी ने सैकड़ों युवाओं को भटकने से बचाया...
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एसएसपी संतोष कुमार सिंह का नशा मुक्त समाज का सपना

नशीले पदार्थ की लत से मुक्ति देने निजात ने नशे के सौदागरों को पर कसा शिकंजा

नशेड़ी युवाओं का काउंसिलिंग भी कराया जाता है, इसके लिए हर थाने में निजात सेल भी बनाया गया है

रायपुर raipur news। बिलासपुर, रायगढ़, महासमुंद, कोरिया और अन्य जिले में पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ शुरू किए गए निजात अभियान के माध्यम से नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और लोगों को नशे की लत छोडक़र सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अधिकतर युवाओं को स्कूल के दौरान गलत सांगत के वजह से शराब और गांजे की लत लग जाती है और नशे की लत के कारण युवा अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं। इस लत के वजह से उनका पारिवारिक और वैवाहिक जीवन भी नारकीय हो जाता है। निजात अभियान के कारण सैकड़ों युवाओं ने नशा छोड़ दिया है और अब उनका जीवन भी सुखमय हो गया है। ये सब निजात अभियान के कारण ही संभव हुआ है।

SSP Santosh Kumar Singh राजधानी के एसएसपी संतोष कुमार सिंह छत्तीसगढ़ में जहाँ कही भी एसपी रहे उनका पहला और मुख्य काम युवाओं को नशे की लत से दूर करना था छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में पदस्थ रहते वे हजारों की तादात में युवाओं को नशे की लत से निजात दिला चुके हैं। राजधानी रायपुर में भी वे निजात के माध्यम से युवाओं को नशे के कारण होने वाले दुष्प्रभाव को बताते हुए नशे से दूर रहने की अपील कर रहे हैं चुनाव आचार संहिता हटने के बाद सभी थानों में इसके लिए नशा मुक्ति कक्ष बनाया जायेगा जहाँ उस थाना क्षेत्र के शोसल वर्कर और संस्थानों के साथ लेकर जो सबसे जयादा नशा करने वाले हैं उनकी काउंसिलिंग कराया जाएगा जैसा की अन्य जिलों में करवाया जा रहा है। वहां सामाजिक संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को साथ लेकर युवाओं को नशे से दुष्प्रभाव के बारे में बताया जाता है और नशे से दूर रहने की समझाइश दी जाती है। देखा गया है कि निजात अभियान के तहत पुलिस नशीले पदार्थों और अवैध शराब की तस्करी को प्रभावी ढंग से रोकने में सफल हुआ है। साथ ही बड़ी संख्या में लोग अब नशे की लत छोडक़र सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

chhattisgarh news राजधानी के एसएसपी संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस नशा मुक्ति अभियान तो जरूर चला रही है लेकिन विडम्बना है की अधिकतर थानों के आसपास ही नशे के सामान आसानी से मिल जा रहे हैं कहीं न कहीं थाने के स्टाफ की मिली भगत भी नजऱ आती है। दूसरे तरीके से यह भी कहा जा सकता है कि नश इ सौदागरों के साथ मिलकर पुलिस अधीक्षक के इस नशा, मुक्ति अभियान की हवा निकलने में तो नहीं लगे है। गांजा , चरस, अफीम सहित हर प्रकार का नशा युवाओं को आसानी से बाजार में उपलब्ध हो जा रहा है। गांजा तो हर चौक चौराहों और तो और पुलिस थानों के पास भी मिल जा रहा है। आखिर इन अपराधियों को किसका संरक्षण मिल रहा है। पूर्व की कांग्रेस सरकार में छुटभैये नेताओं ने अवैध गांजा वालों और नशे का सामान बेचने वालों का खुलकर साथ दिया। क्या अभी भी उन छुटभैये नेताओं का दखल है इस पर कड़ी निगरानी रखने की जरुरत है। ये ही युवाओं को बर्बाद करने पर तुले है और एसएसपी के इस महत्वपूर्ण सामाजिक उत्थान के लिए चलाये जा रहे मुहिम पर पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। पुलिस थाने, शासकीय दफ्तरों या अन्य निजी संस्थानों के दफ्तरों के आलाव प्रमुख बैंकों के आसपास पान ठेलो में भी आसानी से गंजे की सिगरेट मिल जाती है।

पुलिस को चाहिए तह तक पहुंचे - नशे के मुख्य सरगना तक पहुंचना ही नशा रोकने की दिशा में सार्थक कदम होगा। एसएसपी के निजात अभियान तभी सार्थक होगी जब युवाओं को नशे के दलदल में धकेलने वाले को किसका संरक्षण मिल रहा है, उस पर कार्रवाई करना सख्त जरुरी है। आखिर पुलिस प्रशासन की लगातार और सख्त कार्रवाई के बावजूद गांजा का कारोबार रुकने का नाम क्यों नहीं ले रहा है। कारोबार को संचालित करने मुख्य किरदार कौन है जो खुलेआम गांजा सहित नशे का सामान लोगों तक पंहुचा रहा है। गांजा तस्कर अब महिलाओं और बच्चों का सहारा लेकर उनके माध्यम से वे गांजा की सप्लाई कर रहे हैं।

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