छत्तीसगढ़

प्रगति यात्रा के नाम पर रायपुर महापौर कर रहे नौटंकी

Nilmani Pal
11 Sep 2023 4:47 AM GMT
प्रगति यात्रा के नाम पर रायपुर महापौर कर रहे नौटंकी
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भाजपा पार्षदों ने लगाया उनके वार्ड में भेदभाव का आरोप

भाजपा शासन में मिलने वाला सफाई फंड 1 करोड़ से 50 लाख कर दिया गया

वार्ड की समस्याओं के लिए लिखित और मौखिक आवेदन के बाद भी सुनवाई नहीं हुई

कब बिकेगा गोल बाजार कब होगा सदर बाजार वार्ड समस्या से मुक्त

सभी ने लगा रखेे हैं रंगीन चश्में

एक ओर महापौर शहर में प्रगति यात्रा निकाल रहे हैं और सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे है दूसरी ओर डा. सीमा कंदोई के वार्ड सदर बाजार के अंतर्गत रहमानिया चौक में डा. दिनेश मिश्रा के घर के पीछे गंदगी का अंबार लगा है जो न महापौर को दिख रहा है और न वार्ड पार्षद और न ही जोन कमिश्नर को दिख रहा है। पूरा शहर डेंगू मलेरिया के चपेट में है और निगम प्रशासन कागजों में सफाई कर रहा है।

जसेरि रिपोर्टर रायपुर । सदर बाजार वार्ड पार्षद सीमा कंदोई और भाजपा नेताओं ने महापौर पर प्रगति यात्रा के नाम पर नौटंकी करने का आरोप लगाया है। महापौर एजाज ढेबर अपनी प्रगतिशील यात्रा को लेकर घर-घर जाकर लोगों से सफाई व्यवस्था की जानकारी ले रहे है वही खुद डा. सीमा कंदोई के सदर बाजार वार्ड में डा. दिनेश मिश्रा के घर के पीछे होटल वेंकटेश गली में गंदगी का अंबार लगा है जिस पर पार्षद ने ध्यान नहीं दी, बल्कि पांच साल तक आरोप ही लगाती रही। सदर बाजार वार्ड की दुर्गति के संबंध में महपौर, सभापति, निगम कमिश्नर, जोन कमिश्नर से मिलकर लिखिचत और मौखिक शिकायत के बाद बी हालात जस के तस है। लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। पिछले 4 सालों में वार्ड की दुर्गति से लोग नाराज है। महापौर ने कुछ ऐसे कदम उठाये है जिससे वार्ड की जनता त्रस्त हो गई है। इसी सन्दर्भ में कुछ ऐसे सवाल है सदरबाजार वार्ड के रहवासी महापौर से पूछनरहे है। पिछले 4 वर्षो मे वार्ड की रोड और नाली निर्माण के लिए कितना पैसा दिया गया? जबकि भाजपा शासन काल में 1 वर्ष में 1 करोड़ रुपये आते थे । जब विधानसभा चुनाव आ गए तब केवल 50 लाख रुपये रोड नाली के लिए दिए गए है । 4 साल से टूटी फूटी नालियों और रोड को झेलना पड़ा। पार्षदों के बार बार लिखित में देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं किया गया। वार्ड को खोदापुर गड्ढापुर बनाने का जिम्मेदार महापौर है? पार्षद के मना करने के बावजूद की बारिश में खुदाई करना उचित नहीं है त्यौहारी सीजन चालू हो गया है खुदाई करके छोड़ दिया गया है। दिवाली के बाद ठण्ड के समय किया जाये जिससे धुल उड़ेगी । किसके दबाव में भरी गर्मी और भरी बारिश में किया गया? जानबूझकर पार्षद और आम जनता को परेशान करने की नियत से खुदाई का काम गलत समय पर चालू किया गया पार्षद की सहमति के बिना। वार्ड के नलों मे पानी की धार इतनी पतली है 2 बाल्टी पानी भी नसीब नहीं हो रहा। आपके शासन काल में इतनी प्रगति का नजारा देखिए गर्मी तो दूर बारिश में भी 2 टाइम पानी आम जनता को नसीब नहीं हो रहा है,वार्ड की ऐसी कोई गली नहीं है जहां पानी की समस्या न हो। शिकायत ,धरना प्रदर्शन और घेराव के बाद भी आपके राज मे अधिकारी कर्मचारियों की मनमानी और तानाशाही सदर बाजार वार्ड की जनता झेल रही है। महापौरजी वार्ड में छोटी बड़ी नालियो को मिलाकर करीब 482 नालिया है जिन नालियों की सफाई के लिए केवल 10 आदमी है उसमें से भी 2 /3 छुट्टी में रहते है। सदर बाजार पार्षद डा. सीमा कंदोई ने कहा कि पिछले 4 सालों में आपसे 3 बार व्यक्तिगत रूप से मिल कर कर्मचारी बढ़ाने की मांग कर चुकी हूं पर आपका एक ही जवाब था की गोलबाजार बिकेगा तब पैसा आएगा तब देखेंगे। महापौर जी मेरे वार्ड से 3.54 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में निगम को मिलते है। सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले वार्डो में सजदर बाजार वार्ड शामिल है उसके बावजूद पिछले वर्षो की तुलना में 35 सफाई कर्मचारी कम कर दिए गए। क्या यही प्रगति यात्रा के यही मायने है महापौरजी? एक तरफ तो विकास के लिए पैसा नहीं है बोला जाता है दूसरी तरफ 20 अप्रैल 2023 को इंडोर स्टेडियम मे हुए कुमार सानू नाईट मे स्किल शाला फाउंडेशन ने 5 5 हजार की टिकट बेचकर 2 करोड़ कमा लिए और ना जाने किसके कहने पर निगम ने इंदौर स्टेडियम के 4.13 लाख रुपये किराये की बजाये मात्र 50,000 रुपये में उन्हें शो करने दे दिया। क्या रायपुर की ऐसी प्रगति होगी?

महापौरजी पूरे रायपुर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या और आतंक दिनोदिन बढ़ता जा रहा है, आए दिन समाचारपत्रों में कुत्तों द्वारा काटे जाने के समाचार प्रकाशित हो रहे है, यहां तक कि छोटे बच्चों को कुत्ते उठाकर ले जाए जाने के समाचार भी प्रकाशित हुए है लेकिन इसकी रोकथाम की दिशा में कोई ठोस कदम आज तक नही उठाया गया,आम जनता इस वेदना से गुजर रही है

महापौरजी प्रगतिशील यात्रा तब सार्थक मानी जाएगी जब जनता को 2 टाइम सही पानी, बिना गड्ढे वाली सडक़, स्ट्रीट लाइट, नए बनाए शौचालयों की गंदगी प्रगतिशील यात्रा की कहानी बयां कर रही है। प्रगतिशील यात्रा तब तक सार्थक नहीं होगी जब तक मूलभूत समस्याओं से निजात नहीं मिल जाती । चौक-चौराहों के सौन्दर्यीकरण के नाम पर हाथ जोडक़र पोस्टर टांगने से प्रगति की झलक दिखाई नहीं देगी न राजधानी मच्छर मुक्त हो पाएगी इसके लिए ठोस कदम उठाने के साथ शहर की प्रगति की दृढ़ इच्छा शक्ति होनी चाहिए न की नौटंकी।

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