रायपुर। भाजपा विधायक पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दो-ढाई सालों में काग्रेस सरकार के गलत नीतियों व अपराधियों की राजनैतिक संरक्षण के चलते छत्तीसगढ़ अपराध के गढ़ में परिवर्तित हो गया है। राजधानी रायपुर अपराधधानी में परिवर्तित हो गया है। शासन के संरक्षण में संगठित अपराध, ड्रग्स माफिया, कोकिन माफिया, गांजा माफिया, शराब माफिया, रेत माफिया, कोयला माफिया, जमीन माफिया व रंगदारी माफिया पूरे प्रदेश में सक्रिय है और चारो तरफ जमकर उगाही कर रहे है और रायपुर इन सब माफियाओं की राजधानी है। अग्रवाल ने कहा है कि नीति आयोग की सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल रिपोर्ट के अनुसार देश में हत्या के मामलों में, देश में 17 नंबर की जनसंख्या वाला छत्तीसगढ़ विभिन्न बड़े राज्यों को पीछे छोड़ कर चौथे नंबर पर पहुंच गया है। नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि प्रत्येक एक लाख में लगभग 3.5 लोगों की छत्तीसगढ़ में हत्या हो रही है जो राष्ट्रीय अनुपात से बहुत ज्यादा है। हत्या के मामले में छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे बड़े राज्यों से लगभग 2 गुना ज्यादा है।
अग्रवाल ने कहा कि पिछले दो-ढाई वर्षों का घटनाक्रम देखें तो छत्तीसगढ़ लगातार संगठित अपराध की शरणस्थली बनता जा रहा है। जिसका ताजा उदाहरण बेंगलुरु में एक बच्चे का अपहरण व हत्या के आरोपियो का रायपुर के एक मोहल्ला में छुपा होना है। प्रदेश में शराब दुकान का संचालन शासन द्वारा किया जा रहा है फिर किसके आदेश, निर्देश व संरक्षण में गली-गली में हरियाणा यु.पी., गोवा, महाराष्ट्र उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यों की शराब छत्तीसगढ़ में आकर बिक रही है। छत्तीसगढ़ के गली-गली में युवाओं को नशे के जाल में फसाने का क्रम चल रहा है। सूखा मादक पदार्थ, अफीम, चरस, हीरोइन, गांजा, नशीली सीरफ आसानी से गली गली में उपलब्ध है परंतु पुलिस छोटी मछलियों को पकड़कर मामला नियंत्रण में करने का दिखावा कर रही है और खुलेआम सूखा नशा राजनीतिक संरक्षण में गांव-गांव, गली-गली बिक रही है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य की गंभीर समस्या रोहिंग्या की समस्या से अब छत्तीसगढ़ को भी दो-चार होना पड़ेगा। यह समस्या अब हमारे प्रदेश में भी घुसपैठ कर चुकी है। अग्रवाल ने कहा कि रायपुर की आउटर की बस्तियों सहित पूरे प्रदेश में बाहर के अपराधियों को लाकर बसाने का क्रम चल रहा है। राजनैतिक संरक्षण में माफियाओं द्वारा बाहरी लोगों की लाकर छत्तीसगढ़ को अशांति करने की जो शाजिश रची जा रही है वह शोचनीय विषय है। बड़ी-बड़ी बाते करने एवं केन्द्र को पत्र लिखने के बजाए राज्य की बिगड़ती कानुन व्यवस्था पर ध्यान दे। छत्तीसगढ़ शिक्षा में फिस्ड्डी अपराध में अग्रणी होते जा रहा है यह खतरनाक संकेत है। क्या छत्तीसगढ़ की जनता दो तिहाई बहुमत इसलिए दिया है।