छत्तीसगढ़। रायपुर पुलिस द्वारा नशे के कारोबार में लिप्त लोगों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है यदि आपके पास नशे के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों के सम्बंध में कोई भी जानकारी हो तो आप उनके सम्बंध में जानकारी निम्न नम्बर पर whatsapp message के माध्यम से दे सकते है
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नशे के एडिक्टेड आधी रात को हंगामा कर दे रहे अपराध को अंजाम
रायपुर। आज पूरे देश में एक तरफ कोरोना महामारी चल रही है तो वही दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नशे का व्यापार जोर-शोर से चले जा रहा है। नशे के लती बेखौफ होकर नशे का सेवन कर रहे है और अपराध को अंजाम दे रहे है। आये दिन रायपुर में लूट, सट्टा, चाकूबाजी और वसूली जैसी वारदातें होती है इन सबकी एक ही कड़ी है वो है नशा। नशे में ड्रग्स, चरस, गांजा, अफीम, कोकीन लेते है। मगर नशे की आड़ में लोग चाकूबाजी जैसी वरदारतों को भी अंजाम देते है। पुलिस भी अपनी सक्रियता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लेती है मगर जमानती धाराओं के चलते पुलिस को ऐसे आरोपियों को मुचलका देकर छोडऩा पड़ जाता है। और वही आरोपी नशे के काले गोरख धंधे में फिर लग जाते है। रायपुर शहर पहले से ही नशे में डूबा हुआ है, फिर चाहे वो नशा ड्रग्स का हो फिर चाहे वो नशा गांजा हो, या नशा ब्रॉउन शुगर का हो। अब शहर का हर मार्ग और गली मोहल्ले, नुक्कड़ के ठीहे नशेडिय़ों की जद में फंसा है। जिससे आम नागरिकों का घर से बाहर निकलना और रास्ते पर चलना मुश्किल हो गया है। नशा आज युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है और नशे के सौदागर युवाओं के आस-पास ही भटक रहे है। युवाओं के लिए नशा जानलेवा तो है ही और भी उसके हानिकारक दुष्परिणाम भी राजधानी में देखने को मिल रहे है। लगातार चाकूबाजी, छिनताई, उठाईगिरी, छेड़छाड़, मारपीट, लूटपाट की घटनाए बढ़ गई है। राजधानी के धनी परिवारों के युवाओं की पूरी जि़ंदगी नशे की गहरी खाई डूब गई है जहां से निकल पाना असंभव नजर आ रहा है। शहर में नशे का व्यापार करने वालों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि उन्हें पुलिस का भी कोई डर नहीं है मगर उसके बावजूद पुलिस ऐसे नशेडिय़ों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पहले तो युवा स्कूल व कॉलेज में बीड़ी, सिगरेट व गुटखा का सेवन मस्ती करने के लिए करते हैं लेकिन बाद में इनकी लत लग जाती है। कुछ तो शराब, चरस व अफीम के इतने आदी हो जाते हैं कि इनसे छुटकारा पाना उनके लिए मुश्किल होता है। इसी कड़ी में आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ड्रग्स के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। रायपुर पुलिस ने 15 लाख के ड्रग्स के साथ 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी ड्रग्स पैडलर हैं, जो ना सिर्फ नशे के समान की सप्लाई किया करते थे, बल्कि नये ग्राहक की तलाश भी किया करते थे।
यहां चल रहा अवैध कारोबार
शहर में कई ऐसी जगहें है जहां नशे के कारोबारी अपना कारोबार करते है मगर कुछ ऐसे चर्चित जगहें भी है जहां नशा लोगों को अपनी तरफ खींच लेता है।जिसमें सबसे पहला नाम कालीबाड़ी, फिर नेहरुनगर, उसके बाद लाखेनगर चौक, ईदगाहभाठा, समता कॉलोनी, चौबे कॉलोनी, श्यामनगर, रविग्राम तेलीबांधा, राजातालाब, कटोरा तालाब, सिविल लाइन, मौदहापारा, इंद्रावती कालोनी, रामकुंड, रामनगर, भारतनगर, संजयनगर, पंडरी, फाफाडीह, खमतराई, मुर्राभट्टी, टिकरापारा, संतोषी नगर, वीआईपी रोड आदि स्थानों पर ड्रग्स, कोकीन, शराब, गांजा, चरस बेचने वाले कुछ ज्यादा सक्रिय चल रहे हैं।
सेटिंग और सस्पेंस का खेल
ड्रग्स के कारोबार में सेटिंग और सस्पेंस दोनों का खेल चल रहा था। खास कोड वर्ड का इस्तेमाल ये लोग करते थे। ड्रग को चाकलेट, केक जैसे नामों से संबोधित किया जाता था। साथ ही ड्रग्स पैडलर का भी नाम कोड वर्ड के तौर पर ही लिया जाता था, ताकि मामला खुलने पर ये पुलिस की पकड़ से दूर रहे।
होम्योपैथी के डिब्बों में ड्रग की सप्लाई
पुलिस बैंक खातों की पड़ताल भी करने की तैयारी में है। आरंभिक जांच में खुलासा हुआ कि दोनों पैडलर कूरियर से ड्रग्स मंगवाते थे। मुंबई से ड्रग्स के पार्सल होम्योपैथी दवा के छोटे-छोटे डिब्बों में भरकर भेजे जाते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से छोटी इलेक्ट्रॉनिक्स की तौल मशीन भी जब्त की है। जिससे एक ग्राम सफेद पाउडर तौलकर उसका पैकेट बनाते थे। पैडलर के पास से एक-एक ग्राम के 17 पैकेट मिले थे। पैडलर एक पैकेट को 10 हजार रुपए में बेचते थे।