छत्तीसगढ़

देश में गांजे की तस्करी का केंद्र बन गया है रायपुर

Admin2
20 Jun 2021 5:41 AM GMT
देश में गांजे की तस्करी का केंद्र बन गया है रायपुर
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डान आसिफ के अलग-अलग ठिकानों पर छापामार कार्रवाई क्यों नहीं?

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी पुलिस ने हर बार गांजा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई की है। लेकिन जमानती धाराओं और कमजोर कानून व्यवस्था के चलते आरोपियों को जमानत मिल जाती है। शनिवार की शाम उरला थाना इलाके में सीएसपी उरला आईपीएस अक्षय कुमार ने एक युवक के घर से 33 किलो गांजा जब्त किया है।

मामले में जानकारी देते हुए उरला थाना प्रभारी ने बताया कि मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर सीएसपी सर की टीम ने विकास साहू के घर में छापा मारा जिसके बाद पुलिस को विकास के घर से गांजा बरामद हुआ जिसका वजन किया गया तो 33 किलोग्राम निकला और इसकी कीमत 5 लाख आंकी गई है। अगर ऐसी ही कार्रवाई मुंबई जैसे शहरों में होती या 1-2 ग्राम भी गांजा किसी के घर से पुलिस बरामद करती है तो आरोपी को अपनी जमानत के लिए हाइकोर्ट में अर्जी देते हुए 3 महीने घूमना पड़ता है लेकिन रायपुर शहर की कानून व्यस्था इतनी लचर हो गई है कि 33 किलो गांजा जब्ती के बाद भी कोर्ट में आरोपी की संभवत: जमानत हो जाएगी। जिसकी वजह से रायपुर में मुनाब का गुर्गा आसिफ जैसे लोग खुलेआम गांजा तस्करी करते घुमते है।

गांजे के साथ-साथ सट्टे का कारोबार भी आबाद

पुलिस तो समाज से सट्टे के इस लाइलाज बीमारी का जड़ से नेस्तानबूत कर देना चाहती है, लेकिन कमजोर धाराओं के चलते थाने से ही जमानत पर छोडऩा पड़ता है। राजधानी के डॉन रवि साहू ने सट्टे के सट्टा खिलाने का एक बड़ा ही नया और नायब तरीका ढूंढ निकाला है, अब सट्टेबाज सट्टा-पट्टी नहीं काट रहे बल्कि ऑनलाइन एप पर पैसों का लेन-देन कर सट्टा खिला रहे है। आईपीएल सीजन में तो इसका धंधा दिन दोगुनी रात चौगनी हो जाती है। साथ ही ओपन-क्लोज होने वाले सट्टा व्यापार भी चरम सीमा पर है। शहर की पुलिस भी कोई कसर नहीं छोडऩा चाह रही है। रायपुर शहर में आए दिन सट्टेबाज और जुआरी पकड़े जा रहे है मगर उसके बाद भी ये लोग अपने अवैध कारोबार को बंद नहीं कर रहे है। शहर में आए दिन सट्टा खिलाने के आरोप दर्जनों को पुलिस गिरफ़्तार कर रही है मगर इनकी गिरफ़्तारी का कोई खास असर रायपुर में नहीं दिख रहा है उसका एक ही कारण है ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए सट्टा खिलाया जाता है, जमानती धाराओं और लचर कानून व्यवस्था की वजह से आरोपियों की जमानत हो जाती है और यही लोग उसी काळा कारोबार में उतर जाते है।

नशे का कारोबार रायपुर में बढ़ा

रायपुर में नशे का कारोबार आसिफ गैंग और छुटभैया नेताओं की देखरेख में चल रहा है। पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद नशे का कारोबार इन्ही छुटभैया नेताओं के संरक्षण में चल रहा है। ड्रग्स, अफीम, गांजा और कई तरह की पावडर का नशा लोग कर ही रहे है। जिसके चलते युवाओं में नशे की लत और नशा परोसने की हिम्मत भी मिल जाती है। रायपुर में संचालित होटलों, रेस्टॉरेन्ट, और हुक्का बार में फिर से युवा नशे में मदहोश नजऱ आने लगे है। इससे पता चलता है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद भी शहर में नशे के सामानों की आमद बनी हुई है। इससे नशे के धंधेबाजों की रसूख और पहुंच का पता चलता है। राजधानी में कोरोना काल के पहले से अपराध की दुनिया में लिप्त लोगों ने अब जोर-शोर से अपना व्यापार चालू कर दिया हैं। रायपुर में कई ऐसे इलाके है जहां आज भी नशे का कारोबार चलते जा रहा है।

सुबह से रात तक बिकता हैं नशा

वीआईपी रोड, पुरानी बस्ती के लाखेनगर चौक, नर्मदापारा, चूनाभट्टी, गुढिय़ारी के पहाड़ीपारा चौक, गोलबाजार थाने के ठीक सामने गली में, नेहरुनगर, कालीबाड़ी, पेंशनबाड़ा, ओसीएम चौक के पास, खमतराई ओवरब्रिज आदि स्थानों पर लंबे समय से नशा, सट्टा-पट्टी, शराब, गांजा बेचने का कारोबार चल रहा है। तय अड्डों पर बैठे कोचिया खुलेआम देसी, अंग्रेजी शराब के साथ-साथ गांजा, अफीम, और ड्रग्स आदि बेच रहे हैं। शराब, गांजा बेचने का काम सुबह छह बजे से शुरू होता है और शराब दुकान खुलने के दो घंटे बाद तक चलता है। दोपहर एक बजे शराब की अवैध ब्रिकी बंद कर दी जाती है। फिर रात नौ बजे से दोबारा यह काम शुरु होता है, जो रात एक बजे तक चलता है।

नशे का एडिक्ट हब सेंटर

राजधानी में वीआईपी रोड, पुरानी बस्ती, गंज, गोलबाजार, कोतवाली, खमतराई, गुढिय़ारी, तेलीबांधा, न्यू राजेंद्रनगर, राजातालाब, मोवा, पुरैना टिकरापारा, बोरिया, कला एवं खुर्द, सेजबहार, मंदिर हसौद जहां पुलिस की पहुंच बमुश्किल ही होती है? खुलेआम सटोरिए सट्टा-पट्टी काट रहे हैं। शराब-गांजा बेचने वाले भी बेधड़क धंधा कर रहे हैं।

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