राजधानी के होटल-क्लबों में नशे की पार्टियां, नियम-कानून की उड़ रही धज्जियां
विदेशी बार बालाओं के साथ डास और नशे का काकटेल, देर रात तक नशे में झूम रहे युवा
शुक्र, शनि, रविवार होटलें गुले-गुलजार और हाऊसफुल, नशे की पार्टी शनिवार और रविवार को फुल रहती है
अधिकांश होटल जहां बार बालाएं डांस करती है वह कांग्रेसी नेताओं का
ज्यादातर पार्टी होटलें विगत 5 सालों से छुटभैय्ये कांग्रेसी नेताओं के संरक्षण में
डांस बार, बारबाला, नशे की पार्टी और क्लब पार्टी का छत्तीसगढ़ में कोई कड़ा कानून नहीं है इसलिए पुलिस बेबस है जब तक कोई घटना दुर्घटना या गोली नहीं चल जाती तब तक पुलिस का रोल शुरू नहीं हो पाता अधिकांश डांस बार नाइट क्लब में बाउंसर होने के कारण मामला स्पाट में ही रफा दफा कर दिया जाता है।
raipur news रायपुर (जसेरि)। रायपुर के राजधानी बनने के साथ विकास की तेज रफ्तार ने होटलों के भी पंख लगा दिए। कभी टपरे में चल रहा ढाबा आज बाहरी राज्यों की नचनियों को लाकर रातो रात लखपतियों में शामिल होकर ढाबे को होटल में तब्दील कर दिया और जो पहले से चल रहे होटलों ने अपने स्टार बढ़ाने के लिए पार्टी के साथ इंटरटेनमेंट का आफर देकर विदेशी बालाओं को तंग कपड़ों में नचा रहे है। raipur
जिसके लिए हर शनिवार विकेंड और रविवार को गोल्डन पार्टी और इंजाय के नाम पर शराब और शबाब शौैकीन ग्राहकों पर उढ़ेला जा रहा है। रायपुर में जितने भी नामचीन होटल है वहां इस तरह के इंटरटेनमेंट का आयोजन हर सप्ताह होता है। इसके लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं लेते बल्कि अपने राजनीतिक रसूख की ताकत दिखा कर होटलों में बार बालाओं को नचवा कर कमाई कर रहे हैं। जिसके लिए आयोजक पहले से युवाओं को एसएमएस कर या सोशल मीडिया में मेसेस फारवर्ड स्थान, इंट्री फी, मीनू के साथ ग्राहक से उनके पसंदीदा गाने और खाने के बारे में जानकारी लेकर पूरी तबीयत से इंजाय का इंतजाम करने में जुट जाते है। फिर शुरू होती है रात की रंगीनियों की शुरूआत। बार बालाएं हाथों में गिलास लेकर तलबगारों के होंठों तक जाम पहुंचाते। उसके बदले में बार बालाओं को मोटी बख्शीश भी मिलती है। राजधानी के सभी बड़े होटलों में विदेशों से सर्विस वीजा पर बार बालाओं को नाचने के लिए बुलाया जाता है। यहां वो भले सर्विस वीजा में लिखा होता है कि फैशनडिजाइनर लेकिन वो होटलों में ग्राहकों के दिलों में डिजाइन करती है। लाखों रुपए की कमाई करती है। जिसका फायदा सीधे होटल वालों को मिलता है। हर शनिवार और रविवार को होटलों में रंगीनियत के शौकीनों का मेला लगता है जो पैग के साथ बार बालाओं पर फिल्मी स्टाइल में रुपया लुटाते है और इस लूट के हिस्सेदार होटलवाले भी होते हैं। राजधानी के ज्यादातर पब और क्लबों में बैंकका, पटाया, नेपाल, भूटान व बांग्लादेश सहित पूर्वोत्तर राज्यों की युवतियां डास करते देखी जा सकती है। chhattisgarh
रेस्टोरेंट-पबों में डीजे व बार बालाओं के साथ नशे में झूम रहे युवा : राजधानी में नाइट पार्टी का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। इन पार्टियों में अधिकांश युवा शामिल होते हैं और मकसद होता है सिर्फ नशा करना। जब हुक्काबार चल रहे थे, तो उसमें बड़ी संख्या में युवक-युवतियां व नाबालिग जाते थे। इसमें गांजा व शराब का नशा भी करते थे। हुक्काबार बंद होने के बाद नशा करने वालों का सुरक्षित ठिकाना भी बंद हो गया। हुक्काबार संचालकों को भी आर्थिक नुकसान हुआ। इसकी भरपाई के लिए नाइट पार्टी का आयोजन होने लगा है। जहां हुक्काबार थे, अब वहां पब और रेस्टोरेंट बना लिए हैं। वीकेंड में वन डे शराब लाइसेंस लेकर भी पार्टी आयोजित करते हैं। सूत्रों के मुताबिक वन डे लाइसेंस की आड़ में कई पबों में सूखा नशा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। कई पबों में बिना अनुमति के ही शराब परोसा जा रहा है।
chhattisgarh news 50 से ज्यादा पब-रेस्टोरेंट, होटल : विधानसभा, वीआईपी रोड, मंदिरहसौद और नवा रायपुर में 50 से ज्यादा होटल, रेस्टारेंट और पब हैं, जहां नाइट पार्टियां चलती हैं। शनिवार-रविवार को तो रात 2 से 3 बजे तक खुले रहते हैं। इनमें अधिकांश में पार्टी की आड़ में नशा मुहैया कराया जाता है। विधानसभा इलाके में मेन रोड से लगे पब में इतनी भीड़ रहती है कि सडक़ तक जाम होने लगती हैं। कई बार तो सुबह 4 बजे तक भी पार्टी युवाओं की भीड़ लगी रहती है।
नशे में युवा, बढ़ रहा अपराध : नशे के साथ देर रात तक पार्टी करने से अपराध होने की आशंका रहती है। होटल क्वींस क्लब, आईपी क्लब जैसी घटना सामने आ चुकी है। इसके अलावा सडक़ हादसे, मारपीट, चाकूबाजी जैसी घटनाओं की भी आशंका रहती है। रात 12 बजे का है नियम जिन होटलों, रेस्टोरेंट-पब और ढाबों के पास शराब पिलाने का लाइसेंस हैं, वे रात 12 बजे तक खुला रख सकते हैं। इसके बाद खोलना अवैध है। ऐसा करने वालों पर आबकारी और पुलिस कार्रवाई कर सकते हैं। हालांकि यह टाइम बार का भी है। इसके बावजूद वीआईपी रोड, विधानसभा, माना और नवा रायपुर में आधी रात के बाद तक पीने-पिलाने का दौर चलता रहता है।
हुक्के का कारोबार बंद : एक समय राजधानी में 100 से ज्यादा हुक्का बार चलते थे। बड़ी संख्या में युवाओं के अलावा नाबालिग भी नशे के आदी हो रहे थे। शिकायतें मिलने के बाद पुलिस ने इसके खिलाफ अभियान चलाया। लगातार कार्रवाई के चलते सभी हुक्काबार बंद हो गए। हुक्काबार भी देर रात तक चलती थी और उसमें हुक्का के अलावा गांजा और शराब भी परोसा जाता था। कुछ हुक्काबारों में ड्रग्स भी बेचा जाने लगा था। हालांकि शहर के पुलिस कप्तान का कहना है कि शराब पिलाने का लाइसेंस रखने वाले पब व बारों को रात 12 बजे तक ही अनुमति दी जाती है। इसके बाद नहीं है। हुक्काबार पुलिस के सख्ती के चलते बंद हुआ है। नियम विरूद्ध शराब या कोई प्रतिबंधित नशा कराने की सूचना मिलने पर पुलिस कार्रवाई करती है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
राजधानी में सबसे ज्यादा बार बालाएं : राजधानी में तेजी से नाइट पार्टी का ट्रेंड बढ़ा है, होटलों-क्लबों में डीजे और बार बालाओं की ठुमकों और डांस के साथ नशे में युवाओं और कपल का झूमना आम हो गया है।
राजधानी में बड़े व मेट्रों शहरों से भी ज्यादा बार बालाएं होटल-क्लबों की शान बढ़ा रहीं हैं। बड़े-बड़े डीजे नाइट पार्टियां में बुलाए जाते हैं जिनमें युवाओं और कपल के लिए खास इंतजाम किए जाते हैं। पिछले शासन काल में जिस तरह होटलो- क्लबों में नाइट और नशे की पार्टियों की छूट दी गई वह अब ट्रेंड बन गया है।
कोई कानून नहीं होने से पुलिस बेबस : गोवा, केरल, महाराष्ट्र और अन्य कई राज्यों में नियमो के तहत ही होता है डांस पार्टी या नशा पार्टी शनिवार और रविवार को डांस पार्टी का आयोजन लगभग हर बड़े होटलों में होता है सरकार को चाहिए नशा पार्टी और डांस पार्टी के लिए सख्त नियम बनाये. नशा, नाइट क्लब और डॉन्स पार्टी के लिए अमूमन अन्य बड़े शहरो में नियम कायदे हैं नशा और डांस पार्टी और नाईट क्लब का छत्तीसगढ़ में कोई कानून नहीं होने से पुलिस बेबस।