माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य का रायपुर कलेक्टर ने किया अवलोकन
रायपुर। राम वन गमन पथ पर पड़ने वाले स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। रायपुर जिले के आरंग विकासखंड अंतर्गत चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर है। माता कौशल्या मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य द्रुतगति से किया जा रहा है। संस्कृति विभाग के सचिव श्रीअन्बलगन पी आज जिले के कलेक्टर श्री सौरभ कुमार के साथ परिसर का अवलोकन कर निर्माण कार्य में लगी कंपनी एवं सभी संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर यथाशीघ्र गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य पूरे करने निर्देशित किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का यहां कार्यक्रम प्रस्तावित है । उन्होंने कार्यक्रम के लिए स्टेज, सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था सहित अन्य सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को पूरी तैयारी करने कहा। इस अवसर पर विकास कार्यों का लोकार्पण किया जाना है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक श्री यशवंत कुमार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत अग्रवाल सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि त्रेतातायुगीन छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम दक्षिणकौशल एवं दण्डकारण्य के रूप में विख्यात था। दण्डकारण्य में भगवान श्रीराम के वन गमन यात्रा की पुष्टि वाल्मीकि समायण से होती है । छत्तीसगढ़ राज्य में राम वनगमन पथ के विषय पर शोध प्रकाशनों के अनुसार प्रभु श्रीराम के द्वारा अपने वनवास काल के 14 वर्षों में अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया गया था तथा छतीसगढ़ में वनगमन के दौरन अनेक स्थलों का भ्रमण किया गया था । छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा इन राम वनगमन के स्थलों में से 9 स्थलों (सीतामढ़ी हर चौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंद्रखुरी, राजिम, सिहावा(सप्त ऋषि आश्रम) ,जगदलपुर, रामाराम सुकमा) के पर्यटन की दृष्टि से विकास की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
इनके विकास का उददेश्य राज्य में आने वाले पर्यटको, आगनुको के साथ-साथ राज्य के लोगों को भी इनराम वनगमन मार्ग एवं स्थलों से परिचित कराना है । इन 9 स्थलों में शामिल चंदखुरी में मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम की जननी माता कौशल्या का मंदिर, पुरे भारत में एक मात्र है। चंदखुरी राजधानी रायपुर से लगभग 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।