छत्तीसगढ़

रायपुर कलेक्टर ने छह विभागों की मैराथन बैठक, की कामकाज की समीक्षा, दिए जरूरी निर्देश

Shantanu Roy
2 July 2022 3:29 PM GMT
रायपुर कलेक्टर ने छह विभागों की मैराथन बैठक, की कामकाज की समीक्षा, दिए जरूरी निर्देश
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रायपुर। रायपुर जिले के कलेक्टर के रूप में पदभार संभालते ही डॉ सर्वेश्वर भुरे ने आज छह विभागों की मैराथन बैठक ली। कलेक्टर ने आज स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण, स्मार्ट सिटी परियोजना और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बेक तो बेक बैठक कर विभागीय योजनाओं की जानकारी ली और अब तक हुए कामों की समीक्षा की। डॉ भुरे ने अपनी प्राथमिकताएं भी बताई और अधिकारियों को शासकीय योजनाओं से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को जिले में दौरा कर अपने- अपने विभाग की योजनाओ की जमीनी हकीकत जानने और उनके बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत के सी ई ओ रवि मित्तल, नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी सहित विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।

तेज करें कोविड टेस्टिंग और ट्रेसिंग
सबसे पहले कलेक्टर डॉ भुरे ने रायपुर जिले में कोविड संक्रमण की समीक्षा की। उन्होंने सीएमएचओ से कोविड संक्रमण की वर्तमान स्थिति तथा उस से निपटने की गई तैयारियों के बारे में पूछा। कलेक्टर ने बढ़ते कोविड संक्रमण को रोकने के लिए अधिक से अधिक लोगों की कोविड जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने संक्रमित लोगों के संपर्क में आये लोगों की जल्द पहचान कर उन्हेंआइसोलेट कर प्रारंभिक उपचार की समुचित व्यवस्था के भी निर्देश दिए। डॉ भुरे ने संक्रमित लोगों के इलाज और गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज के लिए सभी तैयारियां समय रहते पूरी करने को भी कहा, ताकि संक्रमण के तेज़ी से बढ़ने पर लोगों को समय पर इलाज की सुविधा दी जा सकें। कलेक्टर ने कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी दवाओं की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश सीएमएचओ को दिए।
औसतन अस्सी प्रतिशत पासिंग रिजल्ट का निर्धारित हुआ लक्ष्य
स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने जिले में कक्षा दसवीं और बारहवीं के पिछले तीन वर्ष के रिजल्ट की जानकारी ली। उन्होंने इस वर्ष दोनों कक्षाओं में जिले में औसतन 80 प्रतिशत पासिंग का लक्ष्य निर्धारित कर सभी तैयारियां करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। डॉ भुरे ने स्कूलवार परीक्षा परिणामों की समीक्षा कर लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। कलेक्टर ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों का हर सप्ताह विषयवार टेस्ट लेने के निर्देश दिए। इन क्लास टेस्ट की जिला स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए न लाइन व्यवस्था करने को भी कहा,ताकि हर एक विद्यार्थी पर फोकस किया जा सकें। डॉ भुरे ने स्कूल वार टेस्ट कैलेंडर बनाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने आर एम एस ए के तहत स्वीकृत सभी कामों को तेजी से पूरा करने के भी निर्देश दिए ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए आधारभूत सुविधायें मिल सके। डॉ भुरे ने सभी स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी स्कूल- संकुल स्तर पर शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस वर्ष 15 जुलाई को स्कूलों में एड्मिशन पूरे होने के बाद आंकलन कर सभी स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाणपत्र बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले में शुरू हुये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों और हिन्दी मीडियम स्कूलों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने जिले के जर्जर शाला भवनों को डिस्मेंटल करने की कार्रवाई तेज़ करने को कहा और सभी स्वीकृत 12 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करने के भी निर्देश दिए।
चाइल्ड प्रोटेक्शन और कुपोषण में कमी लाना पहली प्राथमिकता
महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओ की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने बाल सुरक्षा सुनिश्चित करने और कुपोषण में कमी लाने को अपनी पहली प्राथमिकता बताया। उन्होंने अधिकारियों से जिले में संचालित बाल सुधार- सम्प्रेषण गृहों और केंद्रों की जानकारी ली। कलेक्टर ने सड़को पर धूमने वाले और भीख मांगने वाले बच्चों की भलाई के लिए भी कार्ययोजना तैयार करने को कहा। डॉ भुरे ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पीने के पानी, शौचालय की व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने कुपोषण दर में कमी के लिए गंभीर और मध्यम कुपोषित बच्चों को लक्ष्य कर उन्हें जरूरी पोषक आहार, पौष्टिक खाना और डॉक्टरों की सलाह पर जरूरी दवाई आदि भी उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कुपोषण में कमी लाने और कुपोषित बच्चों को सुपोषित स्तर तक लाने के लिए हर महीने लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने हर महीने इसकी समीक्षा भी करने को कहा ताकि किये गए काम कामूल्यांकन किया जा सकें। डॉ भुरे ने बाल सम्प्रेषण गृहों में निरुद्ध 18 साल या उस से अधिक उम्र के किशोरों की पहचान कर तत्काल उन्हें जेल में शिफ्ट करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों में खाली पड़े कार्यकर्ता और सहायिका के पदों को भी जल्द से जल्द भरने के निर्देश दिए।
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