रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक ने गुरुवार को रायपुर जिले के महिलाओं के उत्पीडऩ संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। एक प्रकरण में आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि चार माह की बच्ची जेसिका को मां से दूर रखना अपराध की श्रेणी में आता है। बच्ची की सम्पूर्ण देखभाल के लिए मां की नितांत आवश्यकता होती है। आयोग की समझाइश पर पिता ने अगले दिन ही बच्ची को आयोग के समक्ष मां को सौपने को तैयार हो गया। एक अन्य प्रकरण में एक वर्ष पूर्व शादी हुए दंपत्ति को पुन: साथ रहने के लिए एक माह का समय दिया गया। रायपुर निवासी महिला ने अपने बड़े बेटे की मानसिक रूप से प्रताडि़त करने की शिकायत आयोग से की। इस प्रकरण पर आयोग के अध्यक्ष डॉ. नायक ने बड़े बेटे को पिता की सम्पति से हिस्सा लेकर पृथक रहने कहा। इसी तरह बलौदाबाजार जिले से आए दम्पति ने आयोग की समझाइश पर आपसी रजामंदी से वैवाहिक बंधन से मुक्त होने की बात सहर्ष स्वीकार की। एक अन्य प्रकरण में भिलाई महिला महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापिकाओं को प्रबंधन की ओर से समय से पहले सेवानिवृत्त कर प्रताडि़त करने के मामले में सुनवाई हुई। इसमें प्राध्यापिकाओं का माह सितंबर का वेतन काम करने के बाद भी नहीं दिया गया है। इस पर आयोग की अध्यक्ष ने एक सप्ताह के भीतर वेतन भुगतान करने प्रबंधन को कहा। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने गुरुवार को विभिन्न जिलों की महिलाओं की ओर से दिए गए आवेदनों की आयोग कक्ष में सुनवाई की। प्रस्तुत प्रकरण शारीरिक शोषण,मानसिक प्रताडऩा,दहेज प्रताडऩा, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे।