मोदी सरकार के इशारे पर रेलवे का पक्षपात पूर्ण रवैया छग के लोगों के साथ विश्वासघात : शुक्ला
राजनांदगांव। भारतीय रेलवे वर्षों से देश की जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था, जिसे मोदी सरकार ने रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करते हुए निजी हाथों में बेचने का षड़यंत्र कर रही है और आये-दिन ट्रेनों के परिचालन को निरस्त कर रही है। वर्तमान में 24 ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है। जिससे छत्तीसगढ़ प्रदेश के रेलयात्रियों को सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। बिलासपुर रेलवे जोन जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ आता है यहां से केवल माल भाड़े से केन्द्र की मोदी सरकार 20000 से 22000 करोड़ रूपए हर साल कमाती है। लेकिन जब सुविधा देने की जब बारी आ रही है तो विगत 9 साल से मोदी राज में छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों को केन्द्र की उपेक्षा ही मिली है। जिसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने गंभीरता से लेते हुए आमजनता के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। जिसको लेकर शनिवार 9 सितंबर को प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा व जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष भागवत साहू ने प्रेसवार्ता लेकर जानकारी दी।
प्रेसवार्ता में शुक्ला ने बताया कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। वर्षों से भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षडयंत्र रचा जा रहा है। बिना कोई कारण बताये, बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों को महिनों, हफ्तों तक बंद करने का फर्मान जारी कर दिया जाता हैं। महिनों पहले यात्रा की योजना बनाकर रिजर्वेशन कराये नागरिकों की परेशानी से रेलवे को और केन्द्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता है। रेलवे यात्रियों के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है। देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है। जहां रेलवे की यात्री सुविधायें इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है। यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर कभी कोई और कारण बताकर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से उब जाये और रेल को भी मोदी अपने उद्योगपति मित्रों के हवाले कर सके। मोदी सरकार के पहले केन्द्र सरकारें घाटा उठाकर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही। आजादी के बाद से रेवले का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके इसका रास्ता बना रही है।
बाक्स में.....
पिछले साढ़े तीन साल में 67382 ट्रेनों को रद्द किया गया
वर्ष 2020 में 32757 ट्रेनें, वर्ष 2021 में 32151 ट्रेनें, वर्ष 2022 में 2474 ट्रेनें, वर्ष 2023 में (अपै्रल माह तक) 208 ट्रेनें व वर्तमान में 24 ट्रेनें अगस्त माह के अंतिम तक रद्द की गयी है।
भाजपा राज में रेलवे में मिलने वाली बुजुर्गों की छूट खा गए, छात्रों को मिलने वाली रियायत खा गए, किराए में बेतहाशा वृद्धि, प्लेटफार्म टिकिट तक में कई गुना वसूली, दैनिक यात्री सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी, पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं, कामगार, नौकरीपेशा आम यात्री सभी मोदी राज में उपेक्षा पीड़ित और प्रताड़ित है। छत्तीसगढ़ के लाखों रेल यात्रियों, छोटे कामगार, नौकरीपेशा, छात्र-छात्राएं, स्टेशन के कुली और आटो चालकों की समस्या पर भाजपा नेता मुंह में दही जमाकर बैठे है। बिलासपुर रेलवे जोन जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ आता है यहां से केवल माल भाड़े से केन्द्र की मोदी सरकार 20000 से 22000 करोड़ रूपए हर साल कमाती है। लेकिन जब सुविधा देने की जब बारी आ रही है तो विगत 9 साल से मोदी राज में छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों को केन्द्र की उपेक्षा ही मिली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दर्जनों बार प्रधानमंत्री और रेलमंत्री को छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था को दुरूस्त करने पत्र लिखा है लेकिन छत्तीसगढ़ के प्रति केन्द्र की उपेक्षा, भेदभाव और अव्यवस्था यथावत जारी है। केन्द्र की पूर्ववर्ती सरकारें रेलवे को नागरिकों की सुविधा के लिये चलाती थी, मोदी सरकार कमाने के लिये जनता को लूटने के लिये इस्तेमाल कर रही। देशभर में कोरोना के सारे प्रतिबंध हटा दिये गये लेकिन रेलवे कोरोना के नाम पर जनता को मिलने वाली सारी सुविधायें बंद कर दिया। वृद्ध, विकलांग, छात्रों की सुविधायें हटा दिया। रेलवे स्टेशन पर टिकिट बिक्री बंद कर टिकिटों के दाम बढ़ा दिया गया। भाजपा और केन्द्र दावा करता है कि मेन्टेनेंस के कारण ट्रेन रद्द होती है। ट्रेन मेन्टेंनेंस के कारण ट्रेनों को रद्द किया गया है तो फिर उसी रेलवे ट्रेक पर मालगाड़ियांे का परिचालन कैसे किया जा रहा है। न सिर्फ मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा उनकी संख्या दोगुनी भी कर दी गयी है। छत्तीसगढ़ की धरती रत्नगर्भा है। हमारे यहां कोयले का प्रचुर भंडार है। इसका मतलब यह तो नहीं कि खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा। जिन मार्गों पर ट्रेनों को बंद किया गया वहां पर कुछ दूसरी ट्रेन चलेगी। धड़ल्ले से मालवाहन ट्रेन भी चलेगी। फिर शेष ट्रेनों को चलाने में क्या परेशानी होगीघ् जब सवारी ट्रेनों से 50 गुना ज्यादा वजन लेकर मालगाड़ियां चल सकती है तब सवारी गाड़ी को ही क्यों बंद किया गयाघ् भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव बिलासपुर से सांसद है, प्रदेश की जनता ने केन्द्र में चुनकर भेजा है लेकिन वे जनता के प्रति अपना धर्म निभाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं। देशभर में सबसे ज्यादा पीड़ित, प्रताड़ित और उपेक्षित बिलासपुर जोन के ही छत्तीसगढ़ के रेलयात्री हैं। विगत सवा 3 साल के भीतर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 67 हजार से अधिक ट्रेनें निरस्त की गई लेकिन दलीय चटुकारिता में छत्तीसगढ़ से लोकसभा के लिए चुने गए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित 9-9 सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह मौन क्यूं? प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से महापौर हेमा देशमुख, पीसीसी महामंत्री थानेश्वर पाटिला, अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष हफीज खान, पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष पदम सिंह कोठारी, सुरेन्द्रदास वैष्णव, रूबी गरचा, शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष मोहम्मद यहया, महामंत्री अमित चंद्रवशी, हनी ग्रेवाल, महिला कांग्रेस अध्यक्ष माया शर्मा, दक्षिण ब्लॉक अध्यक्ष सूर्यकांत जैन, उत्तर ब्लॉक अध्यक्ष आसिफ अली, राजगामी संपदा के सदस्य रमेश खंडेलवाल, अमीन हुड्डा, शैलेश रामटेके, सुरेन्द्र देवांगन, गेमू कुंजाम, अभिमन्यु मिश्रा, संतोष पिल्ले सहित कांग्रेसजन उपस्थित थे।