छत्तीसगढ़

ट्रेनों में बाहरी वेंडरों के सामान बेचने पर रेलवे ने लगाई रोक

Nilmani Pal
15 July 2023 5:47 AM GMT
ट्रेनों में बाहरी वेंडरों के सामान बेचने पर रेलवे ने लगाई रोक
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रायपुर रेल मंडल ने दिया ठेका अधिकृत वेंडर ही बचेंगे सामान

रायपुर (जसेरि)। रायपुर रेल मंडल ने ट्रेनों में बाहरी वेंडरों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। छोटे-बड़े स्टेशनों पर गाड़ी के ठहरने पर टूथपेस्ट-ब्रश, आईना-कंधी, ताला-चेन, घड़ी, बैटरी और चार्जर जैसी 40 तरह की छोटी लेकिन जरूरी चीजें अब बाहरी वेंडर नहीं बेच सकेंगे। रेल मंडल ने 32 लाख में इसका ठेका दे दिया है। अब रायपुर मंडल से गुजरने वाली 100 से ज्यादा ट्रेनों में रेलवे के अधिकृत वेंडर ही ट्रेन में चढक़र ये सामान बेच सकेंगे।

प्राइवेट और बाहरी वेंडरों के बेचने पर पूरी तरह बैन लगाते हुए इसकी बिक्री का ठेका दे दिया गया है। अभी ये सारे सामान कोई भी प्राइवेट वेंडर ट्रेन में सवार होकर बेचते थे। इससे उनकी कमाई तो होती थी, लेकिन रेलवे को किसी तरह का फायदा नहीं मिल रहा था। अब सामान बिक्री का ठेका दिए जाने से रेलवे को एक साल में 32 लाख की कमाई होगी। इतना ही नहीं सामान में किसी तरह की खराबी या गड़बड़ी निकलने पर उसकी शिकायत भी की जा सकेगी। अभी निजी वेंडर अपनी सहूलियत से किसी भी स्टेशन पर चढ़ जाते हैं। एक -दो स्टेशन गुजरने तक वे अपना सामान बेचते हैं, फिर उतरकर किसी दूसरी ट्रेन से वापस लौट जाते हैं। अफसरों के अनुसार मौजूदा सिस्टम में सामान में किसी तरह की गड़बड़ी होने यात्री कुछ नहीं कर पाते। उनके पास सामान बेचने वालों का नाम पता या टेलीफोन नंबर भी नहीं रहता। इस वजह से वेंडरों की शिकायत तो दूर उनसे संपर्क भी नहीं हो पाता है। अफसरों के अनुसार यात्रियों की सुविधा और उन्हें शिकायत का प्लेटफार्म दिलाने के लिए ही सिस्टम में बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया कर ली गई है। टेंडर में आधा दर्जन से अधिक कंपनियों ने भाग लिया था। जिसमें नागपुर की कंपनी को टेंडर मिला है। ठेका एजेंसी के 25 कर्मचारी अब बिलासपुर, रायपुर और उसलापुर तक ट्रेनों में सामान बेच सकेंगे। ठेका एजेंसी को शुक्रवार से ट्रेन में सामान बेचना था, लेकिन रेलवे से आई कार्ड नहीं मिलने के कारण सामान बेचने का काम शुरू नहीं हो पाया है। रेलवे अफसरों के अनुसार ठेका लेने वाली एजेंसी राजधानी, दूरतों और वंदे भारत एक्सप्रेस को छोडक़र बाकी सभी ट्रेनों में सामान बेच सकेगी। रायपुर मंडल से एक दिन में करीब 112 ट्रेनें और 70 हजार यात्री सफर करते हैं। ट्रेन में सवार होने के पहले कोई यात्री टूथपेस्ट रखना भूल जाता है तो किसी का ब्रश घर पर छूट जाता है। बैटरी और ईयर फोन भूलना तो आम बात है। प्राइवेट वेंडर ऐसे सामान ही ट्रेनों में बेचते हैं। अभी प्राइवेट वेंडरों के रेट पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं है। वे अपनी मर्जी से जितना चाहे उतना मुनाफा कमा सकते हैं।

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