छत्तीसगढ़

जनशताब्दी को कहीं बंद करने की जुगत में तो नहीं है रेलवे

Shantanu Roy
21 Jan 2023 1:13 PM GMT
जनशताब्दी को कहीं बंद करने की जुगत में तो नहीं है रेलवे
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रायगढ़। रायगढ़ और आस पास के हजारों लोगों के लिए प्रदेश के राजधानी रायपुर आने-जाने के लिए सबसे बेहतर माध्यम जनशताब्दी ट्रेन संभवत: आनेवाले दिनों में बंद हो जाएगी, ऐसी चर्चा है। सुबह 6.10 बजे रायगढ़ स्टेशन से छूटनेवाली जनशताब्दी रात को लगभग 10 बजे रायगढ़ लौटती है। इस ट्रेन के माध्यम से हजारों लोग रोजाना आवागमन करते थे। करते थे शब्द का इस्तेमाल इसलिए क्योंकि कोरोना काल से इस ट्रेन की चाल ऐसी बिगड़ी है, कि लोगों ने इससे आना जाना ही छोड़ दिया है। कोरोना के बाद स्थिति सामान्य हुए भी एक साल से अधिक का समय बीत गया, पर इस ट्रेन की चाल में कोई सुधार नहीं आया।
बता दें कि गोंदिया से रायगढ़ आने में ट्रेन रोजाना करीब 3 से 4 घंटे लेट हो जाती है, जिससे रात 10 बजे के बजाय 1 से 2 बजे तक रायगढ़ आ पाती है। यह रवैया महीनों से जारी है। तंग आकर यात्रियों ने इस ट्रेन से आना जाना ही छोड़ दिया है। 1400 यात्रियों की क्षमता वाली जनशताब्दी में अब मुश्किल से 40-50 यात्री ही सफर कर रहे हैं। रायगढ़ के यात्रियों की लाइफलाइन कही जानेवाली जनशताब्दी की इस स्थिति पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का रवैया बहुत खलनेवाला है। नई ट्रेन की सौगात दिलाने में असक्षम जनप्रतिनिधियों की चुप्पी कभी भी इस ट्रेन को बंद करवा देगी। बता दें कि किसी ट्रेन के परिचालन का सबसे बड़ा आधार ट्रेन से रेलवे को होनेवाली आय माना जाता है। अब इस आधार पर महीनों से जनशताब्दी खरी नहीं उतर रही है।
अभी की स्थिति में जनशताब्दी का परिचालन रेलवे के लिए घाटे का सौदा है। दूसरे, स्टॉपेज और स्टेशन में पैसेंजर की आमदरफ्त कैसी है, इस पर भी रेलवे ध्यान देती है। अब सालों से बिगड़ी चाल के कारण यात्रियों ने जनशताब्दी से यात्रा करना ही छोड़ दिया है, तो रेलवे के लिए पैसेंजर ट्रैफिक भी इसे बंद करने के लिए पुख्ता आधार बन जाएगा। रेलवे के ही सूत्र ऑफ रिकॉर्ड बातचीत में यह स्वीकार करते हैं, कि रेलवे के नियमों के हिसाब से वित्तीय घाटे की स्थिति अगर 6 महीने से ज्यादा जारी रहती है तो रेलवे ट्रेन का परिचालन निरस्त कर सकता है। जनशताब्दी के साथ भी ऐसा हो सकता है। पूर्व में कई ट्रेनों के स्टॉपेज को लेकर रायगढ़वासियों को ट्रेन की सुविधा से वंचित होना पड़ा है। जनशताब्दी की बिगड़ी चाल को लेकर आम जनता और सामाजिक संगठनों द्वारा आवाज तो निरंतर उठाई जाती रही है, पर अभी तक यह नक्कारखाने में तूती की आवाज ही साबित हुई है। हालांकि रेलवे के अधिकारी इस ट्रेन की बिगड़ी चाल को सुधारने की बात कहते रहे हैं, पर उनकी मंशा संदेहास्पद है। अब यह तो आनेवाला समय ही बताएगा कि जनशताब्दी रायगढ़वासियों को सही टाइमिंग के साथ उपलब्ध होगी कि हमेशा के लिए बंद हो जाएगी।
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