
धान के स्थान पर रागी अच्छा विकल्प -
कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी प्रवीण कवाची ने धान के स्थान पर रागी फसल के फायदे बताते हुए जानकारी दिया,किसानो को फसल चक्र परिवर्तन अपनाते हुए धान के अलावा अन्य लाभकारी फसलो की खेती की सलाह कृषि विभाग की ओर से दी जा रही है,कांकेर जिले में रागी प्रोसेसिंग यूनिट कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित है,जहां महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से रागी का प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग कर मार्केटिंग की जा रही है,इसके अलावा,लोकल मार्केट,वन विभाग,बीज निगम में भी किसान भाई पंजीयन करवा कर अच्छे दाम में रागी का बिक्री कर सकते है,रागी मे कैल्शियम,प्रोटीन,वसा,कार्बोहाइड्रेड खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है बच्चो के आहार बेबी फूड के लिए विशेष रूप से लाभदायक है,किसान भाई धान के तुलना में रागी फसल से दो गुना लाभ कमा सकते है,रागी में धान के आपेक्षा किट पतंगों रोग बीमारी का आक्रमण भी बहुत कम होता है,फसल को खरीफ एवं रबी मौषम में बोया जा सकता है,खरीफ में रागी की बोनी जून से जुलाई के मध्य की जाती है,वही रबी में जनवरी से फरवरी में बोनी की जाती है,एक एकड़ के लिए 2 से 3 किलो बीज प्रयाप्त है,नर्सरी से खेत मे 15 से 20 दिन के पौधे की रोपाई कर लेना चाहिए,पौधा 90 से 100 दिन में पक कर तैयार हो जाता है प्रति एकड़ 15 कुंटल तक उत्पादन होता है, इसे सभी प्रकार की हल्की मध्यम,एवं भारी मिट्टी,पड़त या अनुपयोगी भूमि में भी यह फसल ली जा सकती है।
