हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर ने विभागीय सचिव को भेजी फाइल
रायपुर (जसेरि)। हाउसिंग बोर्ड ने क्वींस क्लब की लीज खत्म करने की अनुशंसा कर दी है। कमीश्नर ने फाइल विभागीय सचिव को भेजी है। बोर्ड ने इसकी जांच पुरी कर ली है, कार्यपालन अभियंता ने करीब 150 पेज की जांच रिपोर्ट में कहा कि इस मामले में नियमों का जमकर उल्लंघन किया गया है। इसलिए एमीनेन्ट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी हरबक्श सिंह बत्रा को दी गई लीज तत्काल खत्म करनी चाहिए। हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट आवास पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर के अलावा सचिव को भी भिजवाई है। हालांकि शासन की तरफ से इस रिपोर्ट पर अब तक कार्रवाई की सूचना नहीं है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान सितंबर में क्वींस क्लब में जमकर पार्टी की गई और वहां गोली भी चल गई। इससे क्लब बुरी तरह विवादों से घिर गया। हाउसिंग बोर्ड संभाग-02 शंकरनगर के कार्यपालन अभियंता अजीत पटेल के अनुसार सभी बिंदुओं और नियमों के तहत क्वींस क्लब की जांच पूरी कर ली गई है। जांच रिपोर्ट में लीज खत्म करने की अनुशंसा की गई है। इसे उच्चस्तर पर भेजा गया है। निर्णय वहीं लिया जाएगा।
नशा परोसेने और गोलीकांड में एक दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन विवाद इतना बढ़ा कि हाउसिंग बोर्ड और जिला प्रशासन ने इसकी लीज की फाइल ही खोल दी। इस मामले में कई रसूखदारों को भी नोटिस जारी की गई थी, लेकिन उन्होंने उसका जवाब नहीं दिया और न ही बयान देने गए। इस मामले की जांच कर रहे तेलीबांधा टीआई रमाकांत साहू के सायबर सेल में ट्रांसफर के बाद मामले की जांच भी बंद कर दी गई।
हालांकि इस मामले में पुलिस का दावा है कि जितने लोगों की पहचान की गई थी उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था। आधे पैसे पटाए किराया भी रुका क्वींस क्लब को लीज में देने के लिए हरबक्श सिंह बत्रा को प्रारंभिक राशि के रूप में 1.70 करोड़ रुपए जमा करने था और सालाना 12 लाख रुपए क्लब का किराया देना था। लेकिन बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार प्रारंभिक राशि भी पूरी नहीं जमा कराई गई और लीज में क्लब मिलने के बाद सालाना किराया भी नहीं दिया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि पूरी रकम नहीं मिलने के बावजूद हाउसिंग बोर्ड के अफसरों ने एक बार भी बत्रा को न तो नोटिस दी और न ही क्लब खाली करने की चेतावनी दी। बोर्ड के तात्कालीन अफसरों के संरक्षण की वजह से ही संचालक ने बिना कोई किराया चुकाए बाद में क्वींस क्लब की लीज को सबलीज में दे दिया।
नियमों के तहत बोर्ड के प्रस्ताव या मंजूरी के बिना क्लब को सबलीज में दिया ही नहीं जा सकता है। क्वींस क्लब का मामला विधानसभा में भी उठा, इस पर मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि दोषी कोई भी हो उस पर कार्रवाई तय नहीं है। लेकिन सीएम के सख्त लहजे के बाद भी क्लब की लीज खत्म नहीं की गई है।