शुद्ध पेयजल पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक : कलेक्टर क्षीरसागर
महासमुन्द। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक के बाद जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि शुद्ध पेयजल सबसे प्राथमिकता का कार्य है। उन्होंने कहा कि स्कूलों, ऑगनबाड़ियों में बच्चों को और अन्य संस्थाओं में सभी को शुद्ध पेयजल मिलें यह शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। यह काम समय-सीमा में हो यह सुनिश्चित किया जाए। कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी(पीएचई) एस.एस. धकाते ने जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की प्रगति की जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि जिले के जिन स्कूल संस्थाओं में बोर खनन है और जिनमें नहीं हैं, उनको पहले एक बार और देखकर चिन्हांकित कर लिया जाए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री एस.आलोक, वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज राजपूत सहित समिति के सदस्य उपस्थित थे।
कलेक्टर क्षीरसागर ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार सभी ऑगनबाड़ी, शाला/छात्रावास आश्रम, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में रनिंग वाटर उपलब्ध कराया जाना है। यह कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता का है। बैठक में एक रेट्रोफ़िटिंग और 8 सिंगल विलेज की न्यूनतम निविदा दर का अनुमोदन किया गया ।
कलेक्टेर ने कहा कि जिन स्कूलों में बोर खनन के माध्यम से पेय जल की सुविधा पहले से है, उनमें सिंगल फेस पावर पम्प स्थापित कर छत के ऊपर पीवीसी पाईप के जरिए पेयजल एवं शौचालय हेतु रनिंग वाटर उपलब्ध कराया जाए। जिन स्कूल या संस्थाओं में बोर खनन से पेयजल की व्यवस्था या सुविधा उपलब्ध नहीं है। वहां पर नलकूप का खनन कर रनिंग वाटर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि जिन ग्रामों में ऐसी संस्थाओं के नजदीक नल-जल योजना के पाईपों से जल प्रदाय व्यवस्था उपलब्ध है, वहां पर ग्राम पंचायतों द्वारा जरूरी नल कनेक्शन देकर भी संस्थाओं में रनिंग पेय जल की व्यवस्था की जा सकती है। बैठक में इसके अलावा जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गयी।