मां कुदरगढ़ी एलुमिनियम फैक्ट्री का ग्रामीणों ने किया जमकर विरोध
फैक्ट्री ना लगाने के लिए ग्रामीणो किसी भी ताकतों के आगे झुकने से साफ इनकार किया
सरगुजा। शनिवार का दिन बतौली के लिए भारी गहमागहमी का रहा। सुबह 5 बजे से ही सभी बड़े राजस्व और पुलिस के अधिकारी बतौली पहुंच चुके थे। मां कुदरगढ़ी एल्युमिना फैक्ट्री के स्थल सीमांकन के लिए प्रयास के तहत सुबह 7:00 बजे ग्राम चिरँगा के प्रस्तावित स्थल का पेट्रोलिंग करने गए जहां पर ग्राम वासियों ने पुलिस वालों को खदेड़ दिया। पिछले 2 दिन से पूर्व विधायक प्रोफेसर गोपाल राम आंदोलनकारी ग्राम वासियों के साथ जमे हुए हैं। और उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को उनका समर्थन है,और जब तक फैक्ट्री यहां से निरस्त नहीं होगी तब तक उनका संरक्षण जारी रहेगा।
शनिवार को राजस्व विभाग सरगुजा संभाग के सभी अधिकारी,पुलिस विभाग के सभी अधिकारी प्रातः से ही थाना बतौली में डेरा जमाए हुए हैं।लगभग 1000 की संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है।सभी दंगा रोधी उपकरणों से लैस है। बड़े-बड़े घातक हथियार पुलिस वालों ने अपने पास रखे हुए हैं।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रातः 5 सहायक पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला के नेतृत्व में अंबिकापुर एसडीओपी, सीतापुर एसडीओपी के साथ सभी बड़े अधिकारी बतौली थाना में तैनात किए गए हैं। कलेक्टर सरगुजा, अपर कलेक्टर ध्रुव, डिप्टी कलेक्टर शतरंज,डिप्टी कलेक्टर शिवानी, एसडीएम सीतापुर रवि राही ,एसडीएम अंबिकापुर के साथ 10 तहसीलदार और नायब तहसीलदार अस्सी पटवारी 30 राजस्व निरीक्षक और 200 कोटवार-चौकीदार प्रातः से ही बतौली थाना में तैनात हैं। दोपहर बाद 1 बजे कलेक्टर सरगुजा और पुलिस अधीक्षक सरगुजा बतौली में आकर जायजा लिया । विशेष निर्देश दिए। ग्राम चिरगां में अगल-बगल के 10 गांव के लगभग 4000 ग्रामीण 10 से 15 स्थानों पर चार-चार सौ पांच-पांच सौ की संख्या में पूरे क्षेत्र को घेरे हुए हैं।आने वाले किसी भी अधिकारी-कर्मचारी एवम अनजान व्यक्तियों को धरनानास्थल,आंदोलन स्थल से आने को रोक रहे हैं। चिरंगा,मांजा, लैगू, करदना, कालीपुर,झरगंवा, उमापुर, पोकसरी,सेदम, सरस्वतीपुर, जैसे दूर-दराज के गांव के सैकड़ों ग्रामीण पारंपरिक हथियारों टांगा,तब्बल,तीर-धनुष,गैंती, फ़ावड़ा, गुलेल,लाठी-डंडा से लैस हैं। वह किसी भी आने वाले व्यक्ति कोधरना स्थल, आंदोलन स्थल और स्थापित होने वाले फैक्ट्री स्थल पर जाने से रोक रहे हैं।
भारी पुलिस बल इकट्ठा होने के बावजूद प्रशासन आंदोलनकारियों से अभी तक संपर्क नहीं बना पाई है। बाहर से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाने की तैयारी हो रही है। पिछले 2 दिन से पूर्व विधायक प्रोफ़ेसर गोपाल राम आंदोलनकारियों के साथ घटनास्थल पर उपस्थित हैं। प्रोफेसर गोपाल राम ने कहा क्षेत्रीय विधायक और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के द्वारा प्राइवेट फैक्ट्री खोला जा रहा है ।जो नाम मात्र को कुदरगढ़ी एलुमिनियम फैक्ट्री के नाम से दर्शा रहे हैं। पिछले 20 वर्षों से यहां के विधायक रहे अमरजीत भगत यहां के जन समर्थन का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। यहां पर जो निस्तार की भूमि है,जिन्हें ग्रामवासी गोचर और खेती बाड़ी के रूप में उपयोग कर रहे हैं। उस पर फैक्ट्री लगाकर कब्जा करना चाह रहे हैं।प्रोफेसर गोपाल राम ने कहा कि वह आंदोलनकारियों के साथ हैं।जब तक फैक्ट्री यहां निरस्त नहीं होती तब तक आंदोलनकारियों के साथ धरना स्थल पर डटे रहेंगे।
मां कुदरगढ़ी एलुमिनियम फैक्ट्री के लिए शासन द्वारा आवंटित की गई 227 एकड़ भूमि को सीमांकन के लिए पुलिस प्रशासन और राजस्व प्रशासन पिछले 1 सप्ताह से प्रयास कर रही है।शनिवार को भारी मात्रा में पुलिस बल की मौजूदगी में सीमांकन का कार्य के लिए राजस्व अधिकारियों के उपस्थिति में कराया जाना प्रस्तावित था। परंतु ग्राम वासियों के भारी विरोध और हिंसात्मक घटना होने की अंदेशा के कारण आज इस कार्यक्रम को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है।अपुष्ट खबरों के अनुसार और पुलिस बल बुलाई गई है। उसके बाद सीमांकन कराए जाने कि प्रशासन की मंशा है।
पुलिस ने चिरगा ग्राम पंचायत की ओर जाने वाली सभी मार्गों पर बेरिकेड्स लगा दिए हैं। और आवाजाही रोकने की मंशा है। ग्रामवासी आंदोलन स्थल पर बड़े और परम्परागत खतरनाक हथियारों के साथ डटे हुए हैं। ग्राम वासियों के पास परंपरागत हथियारों में तब्बल,तीर-धनुष, गैंती, फावड़ा,लाठी-डंडे, गुलेल अपने पास रखे हुए हैं। ग्राम वासियों की मंशा है कि वह मर जाएंगे परंतु फैक्ट्री लगाने नहीं देंगे ।
ग्राम वासियों ने तिरंगे झंडे को साथ ले कर बैठे हुए है।भारत माता की जय की नारे लगा रहे हैं।जल जंगल जमीन हमारा है, फैक्ट्री लगने नहीं देंगे ,हम सब एक हैं, नारी शक्ति जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं आंदोलनकारियों में 70% से ज्यादा महिला आंदोलनकारी हैं जो अपने छोटे-छोटे बच्चों को साथ लेकर आए हुए हैं। आंदोलनकारी अपने घर से लाए हुए भोजन धरना स्थल पर करते हैं और वहीं पर दिन और रात पहरेदारी में लगे हुए हैं ।आंदोलनकारी 300-400 की संख्या में लगभग 2 किलोमीटर के एरिया को हुए घेरे हुए हैं। जिनकी संख्या लगभग 3000 से 4000 है।
भाजपा और कांग्रेस ने इस आंदोलन से दूरी बनाकर रखी हुई है। कई भाजपा और कांग्रेस के नेता पहले इन ग्रामवासियों से मिलकर इनके आंदोलन को समर्थन दिया पर बाद में वह दूरी बना ली। आम आदमी पार्टी और प्रोफ़ेसर गोपाल राम इस समय आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। ग्राम वासियों में गुस्सा है कि कुछ स्वार्थी तत्व उनसे आकर मिलते हैं और पुलिस और अलमुनियम फैक्ट्री तक मुखबिरी करते हैं ।इसलिए किसी भी व्यक्तियों से दूरी बना कर रखे हुए हैं। उनसे धरना स्थल पर आने पर रोक लगाकर रखे हुए हैं।
मां कुदरगढ़ी अलमुनियम फैक्ट्री के लिए शासन द्वारा आवंटित किए गए 227 एकड़ जमीन के सीमांकन के लिए पिछले 1 सप्ताह से शासन-प्रशासन प्रयासरत थे। इसी तारतम्य में कलेक्टर सरगुजा कुंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता धरना स्थल पर पहुंची।और आंदोलन कर रहे ग्रामवासियों से चर्चा का प्रयास किया।प्रशासन की टीम ने यह दावा किया कि जिन्होंने धरना स्थल पर कब्जा करके रखे हुए हैं और कानूनी रूप से खतरनाक हथियार रखे हुए हैं उनसे मिलने हम बिना किसी हथियार के गए थे। एक घंटा तक आंदोलनकारी ग्राम वासियों को समझाने का प्रयास किया इस दौरान पुलिस ने एक बड़े साउंड सिस्टम का उपयोग किया। आंदोलनरत ग्राम वासियों को संबोधित किया। धरना स्थल पर 11 ग्राम पंचायतों के लगभग 4 से 5 हजार ग्रामीण उपस्थित थे। सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने आंदोलनकारी ग्रामीणों को कहा एलुमिनियम फैक्ट्री लगने से आपके क्षेत्र में सड़क, नाली,बिजली,स्कूल, अस्पताल और अन्य कई विकासात्मक कार्य किए जाएंगे ।आप लोग हमारे नए प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए उन पर दस्तखत कीजिए।ग्राम वासियों ने इसका विरोध किया और माहौल खराब हो गया। एक घंटे की मशक्कत के बाद भी आंदोलनरत ग्रामवासी नहीं समझ सके। उन्होंने कलेक्टर सरगुजा से कहा कि हमें आपके द्वारा बताई गई सड़क,बिजली, पानी,अस्पताल और अन्य विकास कार्य नहीं चाहिए। हमें फैक्ट्री भी नहीं चाहिए। हमें निस्तार की भूमि पर किसी प्रकार का कब्जा देकर फैक्टरी बनाने से पहले मरना ज्यादा पसंद होगा। ग्रामीणों के आंदोलन और अचानक उग्र रूप धारण करते हुए देख प्रशासन की टीम वापस आ गई। ग्राम वासियों का कहना है कि हमने अपनी बात कहने के लिए माइक की मांग की जिससे हम अपनी बात रख सके जिसे प्रशासन ने अनसुनी कर दिया। बतौली थाना वापसी के पश्चात कलेक्टर सरगुजा और एसपी सरगुजा ने सभी मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों को वापस अपनी ड्यूटी पर भेज दिया। सब की रवानगी का आदेश दिया।