छत्तीसगढ़

सौर सुजला से आयी समृद्धि, 'शेषराम' का सपना हुआ साकार

Nilmani Pal
8 Oct 2021 6:23 AM GMT
सौर सुजला से आयी समृद्धि, शेषराम का सपना हुआ साकार
x

कोण्डागांव। इसमें संदेह नहीं कि जिला अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) के सौजन्य से सौर सुजला योजनांतर्गत प्रदाय सोलर पम्पों ने कृषकों के समक्ष सिंचाई का बेहतरीन विकल्प प्रस्तुत किया है। जो उनके जीवन की दशा और दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से किसानों की मनोवृत्ति में परिवर्तन आया है। इससे अब क्षेत्र के कृषक कृषि के एक सीमित दायरे से निकलकर अन्य मुनाफा देने वाली फसल लेने में परम उत्साह दिखा रहे हैं।

इस क्रम में विकासखण्ड माकड़ी के ग्राम तारगांव निवासी श्री शेषराम यादव (पिता श्री जेठूराम यादव) ने भी एक प्रगतिशील कृषक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। इस संबंध में उन्होंने बताया कि सोलर पम्प लगने के पूर्व उनके समक्ष सिंचाई की बड़ी समस्या थी। इसके लिए उसे लगभग 4-5 सौ मीटर दूर से अस्थाई बिजली कनेक्शन के माध्यम से सिंचाई की जुगत करनी पड़ती थी, तब कहीं वे अपनी फसलों के लिए सिंचाई की व्यवस्था कर पाते थे। फिर उनके पड़ोसी किसान अर्जुन राम द्वारा क्रेडा के माध्यम से लगाये गये सोलर पम्प और उससे सिंचाई की सुलभ सुविधा को देखकर उन्होंने वर्ष 2019-20 में विभाग में सोलर पम्प लगाने के लिये आवेदन दिया। जिसमें उनके हिस्से मात्र 16 हजार रूपये का खर्च आया और शेष राशि अनुदान के रूप में विभाग द्वारा वहन किया गया और पिछले वर्ष उन्होंने शुरूवाती फसल के रूप में मक्का लगाया। जिसमें उन्हें लगभग 50 हजार रूपये का शुद्ध लाभ हुआ। इससे उत्साहित होकर इस वर्ष उन्होंने अपने 05 एकड़ की भूमि में धान के साथ-साथ करेला और मिर्च की फसल भी लगाई है। शेषराम बताते हैं कि यह सब सोलर पम्प की सहायता से ही संभव हुआ वरना वे अब तक सिंचाई के अभाव में एक ही फसल तक सीमित रहते थे। लेकिन वर्तमान में वे आत्मविश्वास के साथ रबी एवं खरीफ की दोनों फसलें ले रहे हैं और दोनों सीजन में धान, मक्का, मिर्च, बैगन, टमाटर सहित अन्य साग-सब्जी की खेती की जा रही है और सबसे बड़ी बात है कि अब उनकी वार्षिक आय 05 से 06 लाख रूपये हो गई है। इसी की बदौलत शेषराम द्वारा इसी वर्ष ट्रेक्टर भी क्रय किया गया। अपनी सब्जियों के विक्रय के संबंध में उन्होंने बताया कि स्थानीय बाजारों एवं मण्डी में उनके सब्जियों की खपत आसानी से हो जाती है। जाहिर है आर्थिक स्थिति सुधरने के बाद शेषराम की पूरी दुनिया ही बदल गई। वे मानते हैं कि बहु फसलीय कृषि एवं सिंचाई की उचित व्यवस्था होने से यह परिवर्तन आया है। अब वे अन्य किसानों को खेती किसानी और सिंचाई के बारे में सुझावों से अवगत भी कराते हैं। उनकी कृषि क्षेत्र में सफलता से प्रेरणा लेकर गांव के ही आठ दस किसानों ने भी सौर सुजला योजनांतर्गत सोलर पम्प लगाया है। विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार इस योजनांतर्गत इस वर्ष 6348 नग सोलर पम्प जिले में स्थापित किये गये हैं। चूंकि क्षेत्र के अधिकांश कृषक सिंचाई के अभाव में एक फसल पर ही निर्भर रहते हैं। अतः वे इस योजना के माध्यम से अपनी खेत को सिंचित भूमि में परिवर्तन कर सकते हैं। आज शेषराम यादव अपनी उपलब्धि से परिवर्तन की ओर अग्रसर होने वाले कृषकों में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।

Next Story