छत्तीसगढ़

होनहार बिरवान के होत चिकने पात...

Nilmani Pal
5 Aug 2022 5:56 AM GMT
होनहार बिरवान के होत चिकने पात...
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ज़ाकिर घुरसेना-कैलाश यादव

राजनीति की पहली कक्षा कहे जाने वाले युवक कांग्रेस में आनलाइन सदस्यता बनाने के मामले में धांधली सामने आई है। यूथ कांग्रेस चुनाव में स्कूटनी के बाद बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इलेक्शन के लिए बनाई गई स्कूटनी कमेटी ने 3 लाख वोट रिजेक्ट कर दिए हैं। वहीं 6.50 लाख से ज्यादा वोटों को होल्ड कर दिया गया है। जांच के बाद जो आंकड़े सामने आए है उसके मुताबिक 7.50 लाख वोटों को ही सही पाया गया। युवा कांग्रेस चुनाव में पूरे प्रदेश में कुल 17.321 लाख अधिक सदस्य बनाए गए थे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि युवाओं ने पहले ही दौर में भावी राजनीति की झलक दिखा दिया है। जब-जब ये नेता प्रमोट होंगे धांधली का दायरा बढ़ता ही जाएगा। क्योंकि यह हुनर तो इन युवाओं ने पहली कक्षा में हासिल कर लिया है। इनके भविष्य को लेकर वरिष्ठ कांग्रेसियों को चिंता ही नहीं करनी चाहिए ये कही भी रहेंगे अपनी लाइन बना लेेंगे। ये नेता तो भविष्य में बड़ी-बड़ी और सबसे बड़ी पार्टी को भी टक्कर दे सकते है। होनहार बिरवान के होत चिकने पात यानी जो होनहार होते है उनकी प्रतिभा बचपन में ही दिखाई देती है को यूथ कांग्रेस चरितार्थ कर रहा है।

तबादला नीति पर पक्ष-विपक्ष की पहलवानी

प्रदेश की तबादला नीति को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानों के तीर तेजी से लक्ष्य की ओर बढ़ते जा रहे हंै। सरकार ने नई तबादला नीति बनाई है, जिसे लेकर भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने तबादले को पैसे उगाही का जरिया बताया है। वहीं, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट करके कहा कि तबादला जल्द शुरू किया जाए, क्योंकि हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव है। भाजपा के आरोपों का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करारा जवाब दिया है। विष्णुदेव साय के बयान पर सीएम ने कहा कि अभी तो 15 अगस्त नहीं आया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भाजपा के लिए पैसे के क्या मायने है ये बहुत पहले स्व. जूदेव जी सार्वजनिक कर चुके है-पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा से कम नहीं, इस बात को तो दोनों पार्टी के लोग अच्छी तरह जानते ही होंगे। जो काम आपने 15 साल तक किया, वहीं काम अब वर्तमान सरकार तीन साल बाद करने जा रही है तो इसमें बुराई क्या है। उगाही का मतलब ही बता दे साय साहब, भाजपा शासनकाल में इसे क्या कहते थे?

जवाहिरी को बार-बार बालकनी में झांकना महंगा पड़ा

अल कायदा प्रमुख अल जवाहिरी को बार-बार घर की बालकानी में आने की आदत भारी पड़ गई। जवाहिरी की मौत ने लादेन के मौत की पुनरावृत्ति कर दी है। बालकनी में टहलने के कारण वह अमरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए के राडार पर आ गया था। उसे मारने की पूरी योजना अमरीका के राष्ट्रपति जो वाइडन और उनके वरिष्ठ सलाहकार के एक करीबी ने तैयार की। जवाहिरी की हत्या जोरोनिमा की याद दिलाती है, इसमें 2 मई 2022 को पाकिस्तान के एवटाबाद में जवाहिरी के पूर्ववर्ती ओसामा बिन लादेन को मार डाला था। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ज्यादा तांकने-झांकने वाले किसी न किसी दुर्घटना के शिकार हो ही जाते है। यह बात भारतीय राजनीति पर अक्षरश:उतर रहा है। राजनीति में हर आदमी दोस्त और दुश्मन बना फिर रहा है, न जाने कौन किसके गले पड़ जाए?

भाजपा का मिशन 2023 जामवाल

भाजपा में लोकल नेताओं का वर्चस्व खत्म हो गया है। तभी तो केंद्र में सत्तारूढ़ होने वाली पार्टी उन राज्यों पर फोकस करना शुरू कर दिया है जहां भाजपा की सरकार नहीं है। मिशन को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने यहां परह क्षेत्रीय संगठन महामंत्री की नियुक्ति की है। अजय जामवाल को यह जिम्मा सौंपा गया है। उनके पास एमपी का भी जिम्मा है लेकिन उनका मुख्यालय रायपुर ही रहेगा। एमपी में सरकार होने के कारण छत्तीसगढ़ में पूरा फोकस कि या जा रहा है। जनता में खुसुर -फुसुर है कि कब बबा मरही त कब बरा खाबो वाली कहावत चरितार्थ भाजपा अंगीकार कर रही है। जब तक स्थानीय और लोकल नेताओं को बड़ा नेता नहीं बनाया जाएगा, तब तक भाजपा नेताओं की सुस्ती नहीं उतरने वाली है। उन्हें विश्वास में लेना होगा कि पार्टी के लिए काम करोगे तो टिकट नहीं कटेगी। भाजपा में तो आधे लोग टिकट नहीं मिलने के डर के कारण ही पार्टी का काम नहीं कर रहे है। ऐसे हालात पर पार्टी को फोकस करना चाहिए न कि बाहरी नेताओं की भीड़ बढ़ा दी जाए। क्योंकि ये 15 साल तक राज कर चुके है और ये लोग ही नीति निर्धारक हुआ करते थे। इसलिए इन नेताओं को तो नेतृत्व प्रदान करना होगा, जो नेतृत्व करने लायक है।

गौमाता की माया

राजनीति में शह और मात का खेल चलते ही रहता है, सीएम भूपेश बघेल विपक्ष को मात पर मात दिए जा रहे है, जनता से जुड़े मुद्दे को उठाने का मौका ही नहीं दे रहे है। पहले गोबर खरीद कर वर्मी कम्पोज खाद बेच कर पूरे देश में नाम कमाने के बाद रहा सहा कसर गौ मूत्र खरीद कर दिया। बाजपा प्रवक्ता सुदांसु त्रिवेदी ने भी उनके इस कार्य की प्रशंसा कर भाजपाइयों के मनोबल को गिरा दिया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि गौठान वाले 85 प्रतिशत मिट्टी वाले खाद को वर्मी कम्पोज के नाम पर बेच रहे पूछने पर बतताते है कि गोबर अब मिट्टी बन गया साथ ही गौ मूत्र की प्रमाणिकता जांचने पर ग्रामीण बोलते है बरसात में गौ माता पानी ज्यादा पी रही है, इसलिए उसमें पाए जाने वाले प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है। कुल मिलाकर सीएम ने ग्रामीणों को पैसा कमाने का मौका देकर अत्मनिर्भर बना दिया साथ ही मुफ्त में उनका मनोरंजन भी कर रहे है।

अगला निशाना ताइवान तो नहीं

दुनिया के लोग कई महीनों से चल रहे रूस यूक्रेन जंग के मार से उबरे नहीं हैं और अब चीन ताइवान के बीच तनातनी अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से नजऱ आने लगी है। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि कहीं चीन, ताइवान पर हमला कर दुनिया को विश्व युद्ध की आग में तो नहीं झोंक देगा। जंग की स्थिति में अमेरिका अगर ताइवान को सैन्य मदद देता है तो निश्चित रूप से दुनिया के लिए चिंता की बात होगी। देखा जाय तो अमेरिका को सैन्य सहयोग देना एक मजबूरी भी है क्योंकि दुनिया में अपना रुतबा जो कायम रखना है। इसी रूतबे को कायम करने के लिए रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है, इनके रूतबे के खातिर दुनिया पिस रही है। अफगानिस्तान और यूक्रेन को लेकर अमेरिका की पहले से ही किरकिरी हो चुकी है। ताइवान में जिस प्रकार लोगों के मोबाइल पर संदेश के रूप में मिसाइल अलर्ट भेजा जा रहा है और जनता से तत्काल सुरक्षित जगह पर जाने के लिए कहा जा रहा है राजधानी ताइपे में पैदल चलने वालों को शेल्टर ढूंढऩे के लिए कहा जा रहा है और जिस प्रकार माहौल दिख रहा है कहीं ताइवान दूसरा यूक्रेन न बन जाए।

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