फोटो - ज़ाकिर घुरसेना
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पैगंबर-ए-इस्लाम के यौमे पैदाइश जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी अकीदत के साथ मनाया गया
लोगों ने एक दूसरे को दी मुबारकबाद
हिन्दुस्तान सहित पूरी दुनिया में अमन चैन की दुआ मांगी गई
जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए
फोटो - ज़ाकिर घुरसेना
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। पैगंबर-ए-इस्लाम मोहम्मद साहब का यौमे पैदाइश का दिन जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी अकीदत और जुलूस के साथ मनाया गया। जुलूस में पैगंबर साहब की शान में अकीदतमंदों ने सरकार की आमद मरहबा.., मुख्तार की आमद मरहबा.., पत्ती-पत्ती, फूल-फूल, या रसूल, या रसूल..., मुस्तफा जाने रहमत पर लाखों सलाम...जैसे नारे लगते हुए जुलूस निकाला गया। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जुलूस का तहेदिल से इस्तेकबाल कर सांप्रदायिक एकता का परिचय दिया।
ईद मिलादुन्नबी पर शहर सीरतुन्नबी कमेटी के संयोजन में हर मोहल्लों से निकली जुलूसे मोहम्मदी में काफी तादात में लोग शामिल हुए। पैग़म्बरे ईस्लाम और अल्लाह के प्यारे रसूल हजरत मोहम्मद मुस्तुफा स.अ.व के यौमे पैदाइश के मुबारक मौके पर मुस्लिम समाज ने जुलूसे मोहम्मदी निकाला जो शहर के मुख्य मार्गो से होता हुआ सीरत मैदान बैजनाथपारा पंहुचा। शहर के विभिन्न मोहल्लो से बाद नमाज़ फजऱ जुलूस लेकर महबूबिया चौक बैजनाथ पारा पहुंचे जहां से जुलुस मालवीय रोड,जयस्तंभ चौक,आज़ाद चौक, सदर बाजार होते हुए वापस बैजनाथ पारा जहाँ पर परचमकुशाई की रस्म अदा की गई। शहर सीरतुन्नबी कमेटी के चीफ आर्गनाइजर ने बताया कि जुलुस की कयादत एवं परचमकुशाई आले नबी औलादे अली फऱज़न्दे गौसे आज़म सहजादाये सिमना हजरत अल्लामा मौलाना अल्हाज सय्यद अहमद अशरफ अशरफी उल जिलानी और शहर क़ाजी जानशीने मोहसिने मिल्लत पीरे तरीकत हजरत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती मोहम्मद अली फारूकी ने की। परचम कुशाई के बाद उन्होंने कहा कि इस्लाम आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ है। जुलूस में एकता की मिसाल पेश करते हुए सामाजिक सद्भावना के नारे लगाए गए। इसमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बेटी खुदा की रहमत है, स्वच्छ अभियान के तहत सफाई आधा ईमान है, हिन्दुस्तान जिंदाबाद, इस्लाम आतंकवाद के खिलाफ है, सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा...आदि नारे भी लगाए गए।
जुमा के दिन से ही मुस्लिम समाज के लोगों ने मोहल्लो में आकर्षक सजावट किया था। लोगों ने घरों व मस्जिदों को रोशनी से सजाया। लंगर वितरित किए। जगह-जगह झंडे लगाए गए। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने देश दुनिया को इंसानियत का पैगाम दिया। उनके जीवन से सभी को प्रेरणा मिलती है। जुलूस के दौरान बड़ी संख्या में बच्चों ने हाथों में झंडे लेकर जुलूस में हिस्सा लिया। और मुख्तार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा, पत्ती- पत्ती फूल-फूल या रसूल या रसूल के नारे बुलंद कर रहे थे। इस अवसर पर शहर सीरतुन्नबी कमेटी के चीफ ऑर्गनाइजऱ सहित फाउंडर मेम्बरों ने जुलूस में शामिल लोगों को पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म दिवस पर मुबारकबाद दी। जगह-जगह लंगर, शरबत, फल तकसीम किया गया। साथ ही जुलूस में चल रहे लोगों पर फूल भी बरसाए तथा मालाओं से इस्तेकबाल किया गया।
जुलूस में अकीदतमंद बड़े-बड़े परचम लहराकर चल रहे थे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही। इस्लामिक कैलेंडर के रबिउल अव्वल माह की 12 तारीख को जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जश्न मनाया गया। जुलूस सीरत मैदान पहुंचने के बाद शहर के इमाम और उलेमाओं ने तकरीरें की और देश में अमन चैन की दुआ मांगी। इस मुबारक मौके पर 11 से 13 अक्टूबर तक तकरीर होगी। 14 अक्टूबर को ऑल इंडिया नातिया मुशायरा होगी तथा 17 अक्टूबर को शहीद स्मारक भवन में सामूहिक निकाह का भी आयोजन शहर सीरतुन्नबी कमेटी द्वारा किया गया है।