छत्तीसगढ़

कोरोना काल में छत्तीसगढ़ में अध्ययन-अध्यापन की अनूठी पहल, शिक्षकों के योगदान को प्रमुख सचिव ने सराहा

Admin2
26 May 2021 5:08 PM GMT
कोरोना काल में छत्तीसगढ़ में अध्ययन-अध्यापन की अनूठी पहल,   शिक्षकों के योगदान को प्रमुख सचिव ने सराहा
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रायपुर। पढ़ई तुहंर दुआर पोर्टल के हमारे नायक कॉलम के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 25 मई को छत्तीसगढ़ समग्र शिक्षा द्वारा राज्य स्तरीय वेबीनार -सफरनामा (शानदार एक साल) का आयोजन किया गया। वेबीनार का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब के माध्यम से किया गया, जिसका सीधा लाभ राज्य के शिक्षकों को मिला। विगत एक वर्ष से हमारे नायक ने अलग-अलग थीम पर वास्तव में नायक के रूप में जमीनी स्तर पर चुप-चाप बिना किसी तामझाम के काम कर रहे शिक्षिकों का चयन किया जा रहा है। पिछले एक वर्ष में हमारे नायक ने अलग-अलग थीम पर चयनित कुछ चुनिंदा शिक्षकों और अधिकारियों को अपने अब तक के सफल, अनुभव और आगामी शिक्षा सत्र में बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने की रणनीति को साझा करने का अवसर प्रदान किया गया। वेबिनार में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री जितेन्द्र शुक्ला विशेष रूप से उपस्थित थे।

प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने शिक्षको के अनुभवों को सुना। उन्होंने राज्य के सभी शिक्षको अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी का योगदान सराहनीय है। डॉ. शुक्ला ने हमारे नायक को राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों में भी प्रदेश के शिक्षकों ने बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया। बीते एक साल में बहुत सारे शिक्षकों ने ऑनलाईन अध्यापन और नवाचारों के माध्यम से विद्यार्थियों को जोड़े रखने का भरपूर प्रयास किया। अभी भी स्थितियां पिछले वर्ष जैसी ही बनी हुई है। विद्यालयों के फिर से संचालन कर पाने की दुविधा को देखते हुए आगामी सत्र को औपचारिक और व्यवस्थित तरीके से बनाए जाने का विचार है। उम्मीद है कि इस वर्ष की शिक्षक ऑनलाईन माध्यम से बच्चों से जुड़े रहेंगी। इस सत्र को बेहतर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ओपन स्कूल की तर्ज पर वर्चुअल स्कूल की तैयारी कर रहा है, जिसमें विद्यार्थी भौतिक स्कूल जैसा कक्षा अध्यापन कर सकेंगे। इसके लिए पुस्तकों का वितरण विद्यार्थियों को समय रहते कर दिया जाएगा। जून के प्रथम सप्ताह तक इसकी तैयारी की जाने की योजना है। जिससे बच्चे अपना कोर्स पूरा कर सके और अंत में एक आंकलन या परीक्षा के माध्यम से ही उन्हें परीक्षा परिणाम प्रदान किया जा सके। वर्चुअल स्कूल की तैयारी के लिए अति शीघ्र वेबिनार के जरिए सभी जिलों को सूचना प्रदान की जाएगी।

कार्यक्रम में प्रबन्ध संचालक समग्र शिक्षा श्री जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि पहले तो यह कुछ समय तक हालात लग रहा था, परन्तु सभी स्कूलों को बंद करने के पश्चात हालात और बुरे होने लगे। प्रमुख सचिव के द्वारा पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन, ऑफलाइन, बुल्टू के बोल, लाउडस्पीकर, मोहल्ला कक्षाओं के संचालन हेतु निर्देश दिया गया। यह सब बेहतर तरीके से संचालित भी होने लगे, तब हमने विचार किया कि क्यों न उत्कृष्ट कार्य करने वालों को कुछ पहचान दी जाए, जिससे हम शिक्षकों को अधिक प्रोत्साहन दे सकें। इस बीच विचार हुआ कि हमारे नायक शिक्षकों, अधिकारियों और बच्चों का प्रोत्साहन स्तर को एक रूप में चला सकें। राज्य भर से चयनित बेहतर कार्य करने वाले शिक्षक, अधिकारी और बच्चे हमारे नायक के रूप में चयनित होने लगे। इससे प्रदेश के बाकि शिक्षक भी प्रोत्साहित हुए। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ की इस शिक्षा पद्धति और नायकों की चर्चा होती है।

कार्यक्रम में समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम सुधीश और साक्षरता मिशन के सहायक संचालक श्री प्रशांत पाण्डेय ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन आशीष गौतम सहायक कार्यक्रम समन्वयक समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में गौतम शर्मा, सीमा मिश्रा, नीलम कौर, चेतनारायण, चरणदास महंत, देविका साहू, डॉ. तरुणा सिंह आदि ब्लॉग राइटर्स टीम और समग्र शिक्षा की पूरी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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