रायपुर में छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस
रायपुर। छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। और कहा कि महासमुंद. बेमेतरा, बलौदाबाजार, भाटापारा, कवर्धा, दुर्ग, रायपुर, गरियाबंद, कोरवा, सरगुजा, जशपुर, जगदलपुर जिले को बिना योजना भारत के डिफाल्टर उद्योगपतियों को एम.ओ.य, कर कृषि भूमि काबिज काश्त भूमि, वन भूमि, चारागान, आदिवासी भूमि पर जयोग लगाने के लिए संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ज्ञात रहे महासमुंद कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर 26 मार्च 2022 को 100 कि.मी. पर्यावरण बचाने के नाम पर सायकल यात्रा पर निकले थे। तुमगाँव हाईवे पर सैकड़ों किसान महिलाए धरनारत् र्थी और ज्ञापन देना चाहते थे.
जिसका मुख्य तार जिलाधीश सायकल चलाकर पर्यावरण बचाने का नाटक करने की बजाय कलम चलाकर विश्व धरोहर सिरपुर जंगल एवं सविधान के विपरीत काबिज काश्त भूमि पर उद्योग एवं जंगल उजाड़ने पर प्रतिबंध करना छोड जनता के पैसे से सायकल यात्रा कर वाहवाही लूटने का षड़यंत्र किया था जिसे किसानों ने घण्टो हाईवे जाम कर नाकाम किया। आज 11 सूत्रीय मांग को लेकर लगातार सत्याग्रह चल रहा है। 36 दिन के क्रमवार सत्याग्रह ने जिला प्रशासन महासमुंद. एस.डी.एम.. तहसीलदार. एस.डी.ओ.पी.. थाना प्रभारी सहित दर्जनों अधिकारी बैठककर कलकारखाने के दस्तावेज मेसर्स करणी कृपा पावर इस्पात प्रा.लि. से मांगा तो 1 अप्रैल को दस्तावेज लेकर पहुंचने की बात कही थी। 1 अप्रैल को किसानों का 15 प्रतिनिधि मण्डल प्रशासनिक बैठक में पहुंचा, घंटो इंतजार करने के पश्चात् तहसीलदार ने बताया उद्योगपति पलायन कर गया है और प्रशासन कड़ी कार्यवाही करेगा। किसान आंदोलनकारियों ने तहसीलदार के माध्यम से लिखित आवेदन प्रस्तुत कर स्पष्ट घोषणा कर दी ग्रामीण एवं आंदोलनकारी मिलकर मेसर्स करणी कृपा पावर इस्पात प्रा.लि. को ईंट भी लगाने नहीं देंगे । प्रशासन उद्योगपति के विरुद्ध गिरफ्तारी का आदेश जारी करे। क्योंकि काबिज काश्त मूमि जिलाधीश के अनुमति के बगैर पंजीयन नहीं हो सकता। वन भूमि स्वरीदी नहीं जा सकती। आदिवासी भूमि का स्थानांतरण नहीं हो सकता अभी छत्तीसगढ़ सरकार के सचिव को उच्च न्यायालय ने गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश दिया है।