छत्तीसगढ़

टाउन हॉल जगदलपुर में की गई 'अबुआ दिशुम अबुआ राज बिरसा मुण्डा' नाटक की प्रस्तुति

Nilmani Pal
10 Jun 2022 12:07 PM GMT
टाउन हॉल जगदलपुर में की गई अबुआ दिशुम अबुआ राज बिरसा मुण्डा नाटक की प्रस्तुति
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जगदलपुर। भारत सरकार के दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृति केन्द्र नागपुर के तत्वावधान में बस्तर जिला प्रशासन द्वारा गुरूवार 9 जून को टाउन हॉल जगदलपुर में देश के महान क्रांतिकारी बिरसामुण्डा के जीवन एवं संघर्षों पर आधारित 'अबुआ दिशुम अबुआ राज बिरसा मुण्डा' नाटक आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन उपस्थित थे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने किया। कलेक्टर रजत बंसल, दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर के सहायक संचालक श्री गोपाल बेतवा सहित कला, साहित्य एवं रंगकर्म क्षेत्र के अनेक गणमान्यजन कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर 'अबुआ दिशुम अबुआ राज बिरसा मुण्डा' नाटक के कलाकारों ने महान क्रांतिकारी बिरसा मुण्डा की जीवनी, संघर्षों एवं उनके योगदानों की जीवंत प्रस्तुति अतिथियों एवं दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इस दौरान कलाकारों ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति से बेहतरीन समा बांधते हुए दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। पूरे कार्यक्रम के दौरान बेहतरीन नाटक के मंचन से दर्शक मंत्रमुग्ध नजर आ रहे थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि बिरसा मुण्डा जनजाति समाज सहित पूरे देश के गौरव हैं। अपनी मातृभूमि एवं जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ किए गए उनके गौरव गाथा की जानकारी हमारी नई पीढ़ी को देना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की कला, संस्कृति एवं उनकी बोली, भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन कर इस दिशा में बेहतरीन कार्य कर रही है। श्री जैन ने बेहतरीन नाटक की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कलाकारों को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर कलेक्टर श्री रजत बंसल ने 'अबुआ दिशुम अबुआ राज बिरसा मुण्डा' नाटक की सजीव प्रस्तुति की भूरी-भूरी सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे महान सपूर्तों एवं जनजाति समाज के नायकांे के स्वाधिनता आंदोलन एवं राष्ट्र के नव निर्माण में योगदानों को नई पीढ़ी को परिचित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वाधिनता आंदोलन में बस्तर सहित पूरे देश के जनजाति समाज के महापुरूषों की उल्लेखनीय भूमिका रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशा अनुरूप आदिवासियों की बोली, भाषा, कला, संस्कृति, रहन, सहन को सहेजने तथा उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए बस्तर जिले के आसना में बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लेंग्वेज बादल की स्थापना की गई है। यह संस्थान जनजाति समाज सहित समुचे बस्तर संभाग के निवासियों के कला, संस्कृति, बोली, भाषा सहित अन्य विशेषताओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण संस्थान साबित होगी। इस अवसर पर आयुक्त नगर निगम श्री दिनेश नाग, संयुक्त कलेक्टर श्री हितेश बघेल सहित जनप्रतिनिधियों के अलावा अधिकारी-कर्मचारियों एवं कला, साहित्य एवं रंगमंच जगत के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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