छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में देवताओं की शक्ति: इस जगह खिला उत्तराखंड का राजपुष्प 'ब्रह्मकमल', दर्शन मात्र से पूरी होती है हर मनोकामना

Admin2
19 July 2021 4:17 AM GMT
छत्तीसगढ़ में देवताओं की शक्ति: इस जगह खिला उत्तराखंड का राजपुष्प ब्रह्मकमल, दर्शन मात्र से पूरी होती है हर मनोकामना
x
पढ़े पूरी खबर

भानुप्रतापपुर: भानुप्रतापपुर में देवताओं की शक्ति व दुर्लभ ब्रह्मकमल मिला है। ब्रह्मकमल हिमालय की वादियों में होता है और सिर्फ रात में ही खिलता है सुबह होते ही इसका फूल अपने आप बंद हो जाता है। अपनी विशेषताओं की वजह से यह दुनियाभर में लोकप्रिय है और लोग इसको देखने के लिए तरसते हैं। यह एकमात्र ऐसा फूल है जिसकी पूजा की जाती है और जिसे देवताओं को नहीं चढ़ाया जाता। माना जाता है इसमें खुद देवताओं का वास रहता है। माना जाता है इस फूल के दर्शन मात्र से अनेक इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

दरअसल, छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर निवसी शिव सिंह ठाकुर ने तीन साल पहले दुर्लभ ब्रह्मकमल का पौधा लगाया था। शनिवार देर शाम को 8 बजे ब्रह्मकमल एक साथ 6 फूल खिल उठे। शिव ठाकुर के घर पर ब्रह्मकमल खिलने की खबर आग की तरह पूरे नगर में फैल गई, जिसके बाद दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया। शिव ठाकुर के पुत्र सचिन ठाकुर ने बताया, उत्तराखंड का राजपुष्प ब्रह्मकमल हिमालय की वादियों में 3 से 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इस दुर्लभ पुष्प का वानस्पतिक नाम सोसेरिया ओबोवेलाटा है।
मान्यता है कि इस फूल को देखकर जो भी मांगा जाए मिल जाता है। यह अत्यंत सुंदर चमकते सितारे जैसा आकार लिए मादक सुगंध वाला पुष्प है। ब्रह्मकमल के पौधे में एक साल में केवल एक बार ही फूल आता है जो कि सिर्फ रात्रि में ही खिलता है। इस फूल की विशेषता यह है कि जब यह खिलता है तो इसमें ब्रह्म देव तथा त्रिशूल की आकृति बन कर उभर आती है
Next Story