छत्तीसगढ़

मुर्गी पालन से खुलेगा आय और सेहत में सुधार का रास्ता

jantaserishta.com
6 Nov 2021 11:55 AM GMT
मुर्गी पालन से खुलेगा आय और सेहत में सुधार का रास्ता
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अम्बिकापुर: जिले के आदर्श गोठानों में शुरू की गई मुर्गी पालन की आधुनिक विधि थ्री टियर केज से मुर्गियों ने अंडा देना शुरू कर दिया है जिससे उत्पादन भी काफी मात्रा में हो रहा है। प्रत्येक केज से प्रतिदिन 200 से 250 अंडा का उत्पादन हो रहा है। अंडा बेचकर समूह की महिलाओं की आय में वृद्धि होने से उनके हौसले बुलंद है, वहीं गोठान से अण्डों की खरीदी आंगनबाडी केंद्रों द्वारा किया जा रहा है जिससे सुपोषण अभियान के तहत कुपोषित बच्चों को खिलाकर उनके सेहत में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। मुर्गी पालन से समूह की महिलाओं की आय में वृद्धि के साथ ही बच्चों के सेहत में सुधार का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

मैनपाट जनपद के आदर्श गोठान उडुमकेला में सौम्या स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मुर्गी पालन थ्री टीयर केज से किया जा रहा है। इस केज में 250 लेयर बर्ड पशु चिकित्सा विभाग द्वारा दिया गया है। समूह की महिलाओं ने बताया कि अब तक 7 हजार अंडे का उत्पादन हो चुका है। इनमें से 5 हजार अंडा बेचकर 17 हजार रुपए की आय प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि मुर्गियां केज में ही अंडे देते है। केज में अंडा टूटता नहीं जिससे नुकसान नहीं हो रहा है। केज विधि से मुर्गी पालन हर दृष्टि से उपयुक्त है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में जिले के गोठानों को आजीविका केंद्र के रूप में स्थापित कर समूह की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के 14 में से 7 आदर्श गोठानां में थ्री टियर केज विधि से समूह की महिलाओं द्वारा मुर्गी पालन शुरू की गई है। शेष 7 गोठान में भी शीघ्र ही केज स्थापित कर मुर्गी पालन शुरू किया जाएगा।

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