मुर्गीपालन एवं प्रबंधन का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
कोण्डागांव। कृषि विज्ञान केंद्र कोण्डागांव के द्वारा 'किसानों का प्रशिक्षण के द्वारा दक्षता निर्माण' योजनान्तर्गत फरसगांव विकासखंड के भानपुरी गांव की आदिवासी महिला समूह को मुर्गीपालन एवं प्रबंधन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह कार्यक्रम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 ओम प्रकाश के तकनीकी मार्गदर्शन में गौठानों को सबल बनाने में एकीकृत घटकों को जोड़ने से आय के सफल केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। अतः इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ0 हितेश कुमार मिश्रा (पशुपालन विशेषज्ञ) ने व्यवसायिक स्तर पर मुर्गीपालन के लिए आवश्यक आवास, तापमान, पोषण, रोग के बारे में तीन दिन तक प्रशिक्षण दिया।
नवजात बच्चे की देखभाल के लिए बल्ब से गर्मी देने, बिछावन का तरीका, ब्रूडरगार्ड का निर्माण, पानी देने का तरीका, खाने का पोषण मान, कीड़ो से प्रोटीन की आपूर्ति, टीकाकरण की जानकारी, बीमारीयों का लक्षण व निदान आदि के बारे में विस्तार से बताया। ज़िला पशु चिकित्सालय की प्रभारी डॉ0 नीता मिश्रा ने स्थानीय मिलने वाले सामग्री से कम लागत में मुर्गीयों हेतु आवास भी तैयार करवाया। गाँव की सरपंच रमशीला पोयाम ने बताया की वनांचल में सभी आदिवासी महिलायें अपने घर में देशी मुर्गियों का पालन करती है, परन्तु जानकारी के आभाव में बीमारी द्वारा मृत्यु होने पर उन्हें अधिक हानि होती है। व्यवसायिक स्तर पर मुर्गीपालन करने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण अत्यंत लाभदायक है। इन्ही महिला समूहों को अन्य योजनाआंे से जोड़कर मुर्गीपालन करने के लिए प्रेरित किया जायेगा। इस कार्यक्रम में जनपद पंचायत फरसगांव, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से यंग प्रोफेशनल अनामिका भद्र ने भी महिलाआंे को आजीविका के नए आयामों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। प्रशिक्षण के दौरान क्षेत्रीय समन्वक रोशनी नेताम, पी आर पी नरेशबती नेताम सहित समूह की महिलाएं उपस्थित रही।