
पाइप लाइन और बरसात के चलते सड़कों पर चलना मुश्किल
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने करोड़ों की लागत से शहर में पांच से अधिक स्मार्ट रोड का निर्माण शुरू किया है। इसमें से पूरी तरह काम पूरा भी नहीं हुआ कि वर्षा ने इनकी पोल खोल दी है। इनमें 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आ रही है। इनमें से अधिकतर स्मार्ट सड़कों की हालत वर्षा के कारण खराब हो गई है। महिला पुलिस थाना से डीकेएस अस्पताल तक 10.50 करोड़ रुपये की लागत से बन रही डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण पूरा होने से पहले ही खस्ता हाल हो गई है। दरअसल पाइपलाइन बिछाने के बाद बेतरतीब तरीके से पैच वर्क का काम होने के कारण सड़क पर हुए पांच-पांच फीट चौड़े गड्ढे अनियमितता की पोल खोल रहे हैं। कई स्थानों पर सड़क किनारों से कटी नजर आने लगी है। इस स्मार्ट सड़क को बनाने का काम मई 2021 में शुरू किया गया था और ठेका एजेंसी को मई, 2022 तक काम पूरा कर लेना था, लेकिन तय अवधि पूरी होने के दो महीने बाद भी काम अधूरा है। राजधानी में दो दिनों की लगातार वर्षा में इन सड़कों की पोल खुलने लगी है।
महिला पुलिस थाना से डीकेएस अस्पताल तक बन रहे स्मार्ट सड़क की हालत खराब होने की शिकायत मिलने पर नईदुनिया टीम ने मौके पर जाकर इसकी पड़ताल की तो पाया कि यह स्मार्ट सड़क कहीं से भी समान व बराबर नहीं है। सड़क की बनावट कहीं ऊपर तो कहीं नीचे है। बंजारी वाले बाबा की दरगाह के सामने की हालत तो और भी खराब है। यहां पर छोटे-बड़े कई गड्ढे होने के कारण वर्षा होने पर पूरी सड़क में तीन से चार फीट तक पानी भर जाता है। इससे लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि इस स्थान पर पानी जमा होने की समस्या सालो पुरानी है। काफी कोशिशों के बाद भी निगम प्रशासन इसे ठीक नहीं करवा सका है। यही हाल डीकेएस अस्पताल तक का है। करीब आधा किलोमीटर स्मार्ट कहे जाने वाले इस सड़क का डामरीकरण किए बगैर डिवाइडर में स्मार्ट पोल लगा दिए गए हैं। महिला थाना चौक से डीकेएस के बीच के पाथ वे जर्जर हो चुके हैं और किनारे घास भी उग आई है। यहां लोगों को बैठने के लिए बेंच लगाने की योजना थी, जो अभी तक नहीं पूरी हो पाई है। यही नहीं, स्मार्ट टायलेट और लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर कूलर भी गायब है। ठेका एजेंसी सड़क का निर्माण तो करा रही है, लेकिन मरम्मत के अभाव में अभी से हालत बद से बदतर हो गई है। नगर निगम महापौर ने कहा, खराब सड़कों की मरम्मत के लिए ठेका एजेंसी को निर्देशित किया जाएगा। इस संबंध में अधिकारियों को पूर्व में दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।
डीएम की फटकार के बाद टाटीबंध में सड़क पर पेचवर्क
पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश से सड़कों पर हुए गड्ढ़ों को भरने का काम तेजी से युद्ध स्तर पर जारी है। कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे के निर्देश पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अमले ने सबसे पहले टाटीबंध सड़क पर हो गए बड़े बडे गड्ढ़ों को मेटल और मुरूम से पाट दिया है। निर्माणाधीन टाटीबंध ओवर ब्रिज की इस सड़क पर गड्ढ़ों के ठीक हो जाने से वाहनों का आवागमन आसान हुआ है। साथ ही दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर शहर की ओर की सड़कों पर वाहनों के जाम की स्थिति से भी निज़ात मिली है। पिछले तीन चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से शहर में निर्माणाधीन टाटीबंध ओवर ब्रिज वाली सड़क पर पानी भरने और भारी वाहनों की आवाजाही से बड़े गड्ढ़े हो गए थे। इन गड्ढ़ों के कारण सड़क पर सभी ओर वाहनों की जाम की स्थिति बन रही थी साथ ही लोगो को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
बारिश के कारण सड़क पर मिट्टी से कीचड़ भी मच गया था जिस से दुर्घटनाओं की भी आशंका थी। ऐसे में कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे ने मिली सूचनाओं और समाचार पत्रों में छपी खबरों को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को तत्काल गड्ढ़ों को भरकर सड़क को आवागमन लायक बनाने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर डॉ भुरे के कड़े निर्देशों पर अमल करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीम ने दिन रात युद्ध स्तर पर काम कर इस सड़क के गड्ढ़ों को मेटल गिट्टी और मुरुम से पाट कंप्रेसिंग कर रोल किया है। बारिश में कमी और थोड़ी धूप ने कर्मियों की सहायता की और सड़क अब वाहनों के आवागमन के लायक हो गई है। सड़क की तात्कालिक मरम्मत और गड्ढ़े भर जाने से अब टाटीबंध से सरोना, सिलतरा,कुम्हारी और भनपुरी सहित शहर के अंदर आने वाली सड़क पर भी वाहन आसानी से चल रहे है। कलेक्टर के निर्देश पर जन सुविधा के लिए शहर की अन्य सड़को पर भी बारिश से हुए गड्ढ़ों को भरने का काम तेजी से किया जा रहा है।
